क्या आपका बच्चा मुंह खोलकर सोता है? क्या आप बच्चे की इस आदत को लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं? क्या आप बच्चे में इसे सामान्य आदत समझ रहे हैं? अगर ऐसा है तो आपके लिए यह लेख बहुत जरूरी है। क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या बच्चों का मुंह खोलकर सोना किस खतरे का संकेत है?
हर मां अपने बच्चों का खास ख्याल रखती है। बच्चों को होने वाली हर परेशानी पर नजर रखती है। बावजूद इसके बच्चों में कुछ ऐसी सामान्य आदत होती हैं, जिनपर वे गौर नहीं कर पाती हैं। इनमें से एक है बच्चे का मुंह खोलकर सोना। बता दें, अगर आपके बच्चे में मुंह खोलकर सोने की आदत है, तो आपको इस आदत के अच्छे-बुरे के बारे में जान लेना चाहिए।
इस लेख में हम आपको बच्चे की मुंह खोलकर सोने की आदत और इसके पीछे के कारणों के बारे में बताएंगे। इसके साथ ही इस लेख में बच्चे के मुंह खोलकर सोने की आदत से छुटकारा दिलाने के कुछ सॉल्यूशन्स भी देंगे। तो चलिए बिना देर किए शुरू करते हैं लेख।
क्या बच्चे का मुंह खोलकर सोना माता-पिता के लिए चिंता की बात है? (Should Parents worry if their Baby Sleeps with Open Mouth in Hindi?)

हां, यदि बच्चा मुंह खोलकर सोता है, तो यह माता-पिता के लिए चिंता की बात है। विशेषज्ञों की मानें तो जब बच्चा मुंह खोलकर सोता है, तो वह नाक की बजाय मुंह से सांस लेता है। शिशु के नाक से सांस न लेने के पीछे का कारण ऊपरी वायुमार्ग में कोई परेशानी हो सकता है। मुंह से सांस लेना सांस संबंधी किसी गंभीर विकार का संकेत भी हो सकता है।
अगर वक्त रहते बच्चे की इस परेशानी का इलाज न कराया जाए, तो बच्चे को मुंह खोलकर सोने की आदत हो सकती है। जो बच्चे मुंह खोलकर सोते हैं, उनके दिमाग तक ऑक्सीजन का संचार सही तरह से नहीं हो पाता है।
इससे बच्चे का मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है। यही वजह है कि अभिभावकों को बच्चे के मुंह खोलकर सोने की आदत को लेकर सजग रहने की जरूरत है। मुंह खोलकर सोने के और भी कई नुकसान हैं, जिनके बारे में लेख में आगे चर्चा करेंगे।
बच्चे का मुंह खोलकर सोने के पीछे क्या कारण हैं? (Causes of Baby Sleep with Mouth Open in Hindi)

बच्चे के मुंह खोलकर सोने से होने वाले दुष्प्रभाव से पहले इसके कारणों के बारे में जान लेते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
- म्यूकस- बच्चे का मुंह खोलकर सोने का एक कारण बंद नाक हो सकता है। बलगम के जमाव के कारण बच्चे को नाक से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में बच्चा मुंह से सांस लेना शुरू कर देता है।
- स्लीप एपनिया- बच्चे का मुंह खोलकर सोना, स्लीप एपनिया का लक्षण हो सकता है। दरअसल, यह एक नींद संबंधी विकार है। इसमें बढ़े हुए टॉन्सिल या एडेनोइड के कारण सांस लेने वाली नली में ब्लॉकेज होती है, जिस वजह से बच्चा मुंह से सांस लेने के लिए मजबूर हो जाता है। खर्राटे, बेचैनी, सांस अटकना आदि इसके लक्षण हैं।
- डिविएटिड सेपटम (Deviated septum)- डिविएटिड सेपटम भी शिशु के मुंह से सांस लेने की वजह हो सकती है। यह परेशानी बच्चों में बहुत आम है। इसमें नाक के दोनों छिद्रों के आकार में फर्क होता है। इस वजह से शिशु को श्वसन संबंधी परेशानी होती है और वह मुंह से सांस लेने लगता है।
- एलर्जिक राइनाइटिस ( Allergic rhinitis )- यह नाक से जुड़ी एक एलर्जी है। इसमें बच्चे की नाक बंद हो जाती है और वह नाक से सांस नहीं ले पाता है। ऐसे में बच्चा मुंह से सांस लेता है और सोते वक्त बच्चे का मुंह खुला रहता है।
- आदत (Habits)- कई बार लंबे समय तक जुकाम व बलगम की समस्या रहने की वजह से मुंह से सांस लेना बच्चे की आदत बन जाती है। इससे बच्चे को जब जुकाम या बलगम नहीं होता तब भी वह मुंह से सांस लेता है। इसका मतलब है कि ठीक होने के बाद भी सोते समय मुंह खोलकर रखता है।
बच्चे का मुंह खोलकर सोने से रोकने के उपाय (Tips to Prevent Baby Sleep with Mouth Open in Hindi)
जैसा कि लेख में आपने बच्चे के नाक से सांस लेने के कारणों के बारे में जाना। ऐसे में सबसे पहले बच्चे के मुंह खोलकर सोने का कारण पता लगाकर उस परेशानी का इलाज कराना जरूरी है।
अगर बच्चा बलगम के जमाव के चलते नाक से सांस न लेने के कारण मुंह से सांस ले रहा है, तो नीचे दिए उपाय शिशु की सांस नली को साफ रखने में सहायक हो सकते हैं।
- गर्म पानी से स्नान- सोने से पहले शिशु को गुनगुने पानी से स्नान कराएं। इससे बच्चे का बलगम साफ हो सकता है। साथ ही शिशू को राहत महसूस होगी और अच्छी नींद आने में मदद होगी।
- ह्यूमिडिफायर- बच्चे को ह्यूमिडिफायर की मदद से आसपास की हवा में नमी बनी रहती है। साथ ही यह नेजल पैसेज को साफ रखने में मदद करता है। हालांकि, शिशुओं के लिए कूल-मिस्ट ह्यूमिडिफायर को उपयुक्त माना जाता है। ध्यान रखें बच्चों के लिए गर्म भाप देने वाले ह्यूमिडिफायर के इस्तेमाल की सख्त मनाही होती है।
- बल्ब सिरिंज- शिशु की नाक में जरा भी बलगम उसे सांस लेने में तकलीफ पैदा करता है। ऐसे में बल्ब सिरिंज की मदद से बच्चे की नाक से बलगम को बाहर निकाल सकते हैं। हालांकि, नाक बहुत नाजुक होती है। इसलिए इसका इस्तेमाल करते समय बहुत एहतियात बरतने की जरूरत होती है।
- सैलाइन वॉश- शिशु की नाक में बलगम के जमाव को खोलने के लिए सैलाइन वॉश की गिनती भी बेहतर विकल्पों में होती है। यह बलगम को पतला करता है। इससे नाक आसानी से साफ होने में मदद होती है।
- पानी पिलाते रहें- शिशु को बंद नाक से राहत दिलाने के लिए उन्हें दिनभर हाइड्रेट रखने की सलाह दी जाती है।
इस लेख को पढ़ने के बाद आप यह अच्छे से समझ गए होंगे कि बच्चे के मुंह खोलकर सोने की आदत को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। यह किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है।
इसलिए, अगर बच्चे को मुंह खोलकर सोने की आदत है, तो बिना देरी किए बाल विशेषज्ञ से संपर्क करें। अगर बच्चे के मुंह से सांस लेने के पीछे का कारण नाक में जमाव है, तो इसके लिए लेख में दिए गए उपायों को अपनाया जा सकता है।
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