बच्चों को नजर ना लगे और आंखें बड़ी होंगी ऐसा सोचकर माएं अपने बच्चों की आंखों में काजल लगाती हैं। भारत में बच्चों के माथे और कान के पीछे काजल लगाने का भी पुराना रिवाज है। लेकिन, बच्चों की आंखों में काजल को लेकर आज भी एक सवाल माँ के मन में घूमता रहता है कि यह सुरक्षित है या नहीं।
इस आर्टिकल में हम बात करेंगे बच्चों की आंख में काजल या सुरमा लगाना कितना सुरक्षित है? मेडिकल साइंस काजल से आंख बड़ी होने के इस मिथक को नहीं मानता है। डॉक्टर्स की मानें तो वो साफ कहते हैं कि बच्चों की आंखों में काजल लगाना खतरे से खाली नहीं है। बच्चों की आंखों में काजल लगाने के मेडिकल साइंस पूरी तरह से खिलाफ है। इस आर्टिकल में बात करेंगे बच्चों को काजल लगाना चाहिए या नहीं, इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
क्या बच्चों की आंखों में काजल या सुरमा लगाना सेफ है? (Is It Safe to Apply Kajal to Your New Born Baby in Hindi?)

शिशु को काजल लगाना क्या सेफ है
शिशुओं को नजर लगने से बचाने व बच्चों की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए भारत में सालों से काजल लगाने की परंपरा चलती आ रही है। घर के बड़े-बुजुर्गों की मानें तो यह शिशु की आंखों के लिए औषधि समान है। वहीं, वैज्ञानिक शोधों की मानें तो बच्चों की आंखों में काजल या सुरमे का इस्तेमाल कई मायनों में सुरक्षित नहीं होता है। बाजार में बिकने वाले काजल में लीड पाया जाता है, जो आंखों समेत किडनी, मस्तिष्क व बोनमैरो को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
काजल बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला लीड एक हानिकारक तत्व है। यदि ब्लड में लीड की मात्रा बढ़ जाए, तो इससे बेचैनी व ऐंठन की शिकायत हो सकती है। कुछ मामलों में व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है व यह मृत्यू का भी कारण बन सकता है। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि शिशुओं के लिए काजल का इस्तेमाल करने से परहेज करना चाहिए।
क्या घर पर बनाया गया काजल व सुरमा बच्चों के लिए सुरक्षित है? (Is Homemade Kajal Safe for Babies in Hindi?)
ऐसा कहा जाता है कि बुजुर्ग घर में तैयार किए गए काजल व सुरमे को लेकर तर्क देते हैं कि यह नैचुरल तरीके से बनाया गया है। इसमें किसी तरह का कोई केमिकल नहीं है। इस पर विशेषज्ञों की राय है कि हां, घर पर बना काजल बाजार में बिकने वाले काजल की तुलना से बेहतर है। परंतु, इसमें कार्बन की मात्रा होने के कारण शिशुओं के लिए इसे सुरक्षित नहीं माना जा सकता है।
इसके अलावा, काजल कोई भी हो उसे उंगली की मदद से बच्चे की आंखों में लगाया जाता है। ऐसे में हाथों के जरिए शिशु की आंख में बैक्टीरिया के प्रवेश करने की संभावना अधिक होती है। इसलिए, काजल कोई भी हो शिशुओं की आंखों में इसे लगाने से बचना चाहिए।
बच्चों की आंखों में काजल या सुरमा लगाने के दुष्प्रभाव (Harmful Effects of Applying Kajal in Baby’s Eyes in Hindi)

लेख में आपने जाना कि शिशुओं की आंखों के लिए काजल या सुरमे का इस्तेमाल सेफ नहीं होता है। नीचे हम इससे होने वाले कुछ साइड इफेक्ट्स की जानकारी दे रहे हैं:
- आंखों से लगातार पानी आना
- आंखों में खुजली की शिकायत होना
- एलर्जी व संक्रमण का खतरा
- आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है आदि
क्या काजल लगाने से आंखें बड़ी होती हैं? (Does Kajal make Baby’s Eyes Bigger in Hindi?)

क्या काजल लगाने से आँखें बड़ी आंखें होती हैं
आपने घर के बड़े बुजुर्गों से यह बात कई दफा सुनी होगी, लेकिन यह सिर्फ एक मिथक है। आज भी लोग इस बात पर विश्वास करते हैं, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। बच्चों की आंख समेत सारे नैन-नक्श उन्हें उनके माता-पिता के जीन्स से मिलते हैं। आंखों में काजल लगाने से बच्चों की आंखों में कोई फर्क नहीं पड़ सकता है। इस बात की पुष्टी कई अलग-अलग वैज्ञानिक शोध में भी हो चुकी है।
काजल लगाने से बच्चे को बुरी नजर से बचाया जा सकता है? (Does Kajal Protects your Baby from Evil Eye in Hindi)
कई लोगों का मानना है कि शिशुओं को बुरी नजर से बचाने के लिए काजल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसे लेकर किसी तरह का वैज्ञानिक शोध तो उपलब्ध नहीं है। लेकिन, लेख में ऊपर बताए गए नुकसानों को देखते हुए एक्सपर्ट्स बच्चों की आंखों में काजल नहीं लगाने की सलाह देते हैं। आप चाहें तो बच्चे को बुरी नजर से बचाने के लिए उसके कानों के पीछे या पैर के तलवे पर काजल से काला टीका लगा सकती हैं।
बच्चों की आंखें बेहद नाजुक और संवेदनशील होती हैं। काजल या सुरमा का इस्तेमाल बच्चों की आंखों के लिए घातक साबित हो सकता है। ऐसे में अगर आप भी अपने बच्चे की आंखों में काजल व सुरमा लगाती हैं, तो आज ही इसका इस्तेमाल बंद कर दें।
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