यह सच है कि उम्र बढ़ने के साथ स्ट्रेंथ कम हो जाने लग जाती है और इस वजह से बॉडी को अधिक मैंटेनेंस की जरूरत होती है। एक 50 वर्षिय महिला की बॉडी वैसी नहीं होगी जैसी 20 वर्षीय की होगी। हालांकि, अगर आप रोजाना एक्सरसाइज करती हैं या फिर कोई ऐसी एक्टिविटी करती हैं, जिसमें आपको अपनी पूरी बॉडी को मूव करना पड़ता है तो आप खुद फिट रख सकती हैं।
हमें ये मानना चाहिए कि हर किसी के लिए बढ़ती उम्र में अधिक वर्कआउट कर पाना पॉसिबल नहीं होता है और ना ही सब लोगों को एक्सरसाइज करना पसंद होता है। इस वजह से अपनी बॉडी को मूव करने के लिए आप ऐसी एक्टिविटीज कर सकते हैं, जिन्हें आप पसंद भी करते हों और जिसमें आपकी पूरी बॉडी मूव करती हो।
वॉकिंग या फिर जॉगिंग
ये एक्टिविटीज बहुत ही आसान हैं और साथ ही ये असरदार भी होती है। इससे आपका स्टेमिना बढ़ता है, मसल मजबूत होती हैं और साथ ही आपके बीमार होने की संभावना कम होती है। आप चाहें तो ग्रुप में ऐसा कर सकते हैं या फिर अकेले भी कर सकते हैं। इस वजह से रोजाना आपको कम से कम वॉकिंग या फिर जॉगिंग के लिए 30 मिनट का समय निकालना ही चाहिए।
डांसिंग
चाहे जैस हो, जुंबा हो, एरोबिक्स हो या फिर बॉरूम किसी भी तरह का डांस आपके मजबूत करता है और बैलेंस को बेहतर बनाता है। साथ ही इससे आपकी कैलरी बर्न होती है और नए मूव्स आपके ब्रेन के लिए अच्छे होते हैं। सबसे अच्छा पार्ट ये है कि आपको इसमें मजा भी आता है और आपको पता भी नहीं चलता कि आप एक्सरसाइज कर रहे हैं।
साइक्लिंग
साइक्लिंग बहुत ही अच्छा ऑप्शन है, खासकर अगर आपके ज्वॉइंट्स सॉर रहते हैं। इससे आपकी बॉडी में ब्लड सर्कुलेट होता है और मसल मजबूत होती हैं। इसके साथ ही इससे आपकी हड्डियां भी मजबूत होती हैं। साइकलिंग कई सारे स्वास्थ्य संबंधी चीजों को लिए अच्छी होती है और आपको स्वस्थ रखने में मदद करती है।
स्विमिंग
यह भी एक्सरसाइज करने का बहुत ही अच्छा तरीका है क्योंकि इससे आपके ज्वॉइंट्स पर प्रेशर नहीं पड़ता है और इस वजह से आपकी मसल और बोन्स को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। साथ ही ये कैलरी भी बर्न करती है और माइंड को हेल्दी रखती है। अगर आपको अस्थमा है तो मॉइश्चर भी आपको सांस लेने में मदद करता है।
योग
यह एक बहुत ही असरदार तरीका है और इससे आपकी बॉडी और माइंड दोनों ही हेल्दी होती हैं। साथ ही ये आपकी हड्डियों और मसल्स को मजबूत बनाता है और आपके हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को कम करता है। साथ ही इससे आपकी एन्जाइटी और डिप्रेशन भी कंट्रोल में रहता है।