कई सेलिब्रिटी बोटॉक्स ट्रीटमेंट (Botox Treatment) कराते हैं और ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें अपने लुक्स का भी ध्यान रखना होता है। साथ ही बोटॉक्स ट्रीटमेंट कराने में कोई बुराई नहीं है क्योंकि खुद का खयाल रखना बुरी बात नहीं है। यहां तक कि सेल्फ लव बहुत ही जरूरी है और अगर आप बोटॉक्स ट्रीटमेंट अफॉर्ड कर सकते हैं और आप इसे कराने में सहज हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है।
हालांकि, ये जानना जरूरी है कि ये ट्रीटमेंट किसलिए है और आप किस तरह से ये ट्रीटमेंट करा सकती हैं। इस वजह से हम यहां आपको ऐसी 5 जरूरी बातें बताने वाले हैं, जिनका आपको बोटॉक्स ट्रीटमेंट (Botox Treatment in hindi) लेने से पहले जरूर ध्यान रखना चाहिए।
बोटॉक्स एक ट्रीटमेंट है जिसकी मदद से फाइन लाइंस और झुर्रियां कम होती हैं और ये आंखों और आंखों के आसपास के हिस्से पर होने वाली क्रीज को भी खत्म करता है। कुछ लोग जरूरत से ज्यादा पसीना आने की वजह से भी बोटॉक्स कराते हैं। बोटॉक्स एक तरीके का ड्रग है, जिसे बोट्यूलिनन टॉक्सिन टाइप ए से बनाया जाता है। ये एक अस्थाई इलाज है और इसे प्रोफेशनल से ही कराना चाहिए।
अपने लिए बोटॉक्स ट्रीटमेंट की अपॉइंटमेंट लेने से पहले याद रखें ये 5 बातें-
बोटॉक्स ट्रीटमेंट कराने से पहले इन बातों का रखें ध्यान- Important Points to Remember Before Botox Treatment in Hindi
एक्सपीरिंयस डॉक्टर
कभी भी किसी रैंडम जगह पर ना जाएं, फिर चाहे उनका ऑफिस कितना ही सुंदर क्यों ना दिखाई दे। साथ ही खुद से थोड़ी रिसर्च भी करें, जगह की रेप्यूटेशन के बारे में देखें और बोर्ड सर्टिफाइड डर्माटोलोजिस्ट या प्लास्टिक सर्जन से ही बोटॉक्स ट्रीटमेंट लें। इस तरह की ट्रीटमेंट की बात आती है तो आपको सेफ साइड लेकर चलना चाहिए।
सुरक्षा
कई लोग इस तरह के ट्रीटमेंट से डरते हैं क्योंकि बोटॉक्स एक टॉक्सिन है, जो बैक्टीरियम क्लोस्ट्रीडियम बोट्यूलिनन से बना है और फूड पॉइजनिंग का एक गंभीर रूप है। हालांकि, बोटॉक्स ट्रीटमेंट के दौरान इसकी छोटी सी डोज दी जाती है और इस वजह से सुरक्षित होता है। जब बात रिस्क की आती है तो बता दें कि ये ट्रीटमेंट सेफ है। हालांकि, यदि आप प्रेगनेंट या फिर स्तनपान करा रही होती हैं तो डॉक्टर इस तरह के ट्रीटमेंट ना लेने की सलाह देते हैं।
झुर्रियों को हटाए
अगर आपको लगता है कि ये ट्रीटमेंट झुर्रियों को हटा देता है तो आपको गलत लगता है। बोटॉक्स सामान्य तौर पर नर्व सिगन्ल को डैमेज कर देता है जिससे मसल कॉन्ट्रेक्शन ट्रिगर होता है और उस जगह पर कुछ लाइनें बन जाती हैं। ये इंजेक्शन ट्रीटमेंट कॉन्ट्रेक्शन को अस्थाई रूरप से रोक देता है, जिससे त्वचा स्मूद दिखाई देने लगती है।
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असहजता
हर किसी का स्किन टाइप अलग होता है और हर किसी का शरीर अलग तरीके से रिएक्ट करता है। इंजेक्शन का दर्द हर किसी को होता है लेकिन इस ट्रीटमेंट में इस्तेमाल की जाने वाली सुई बहुत ही छोटी होती है। इसके बाद वो नमिंग क्रीम या फिर कोल्ड पैक के जरिए आपको सहज रखने की कोशिश करते हैं।
जानकारी के मुताबिक, इसके साइड इफेक्ट भी बहुत कम होते हैं। आमतौर पर इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद तक आपको त्वचा पर रेडनेस दिखाई देगी। वहीं कुछ लोगों को मतली, सिर दर्द आदि समस्याएं होती है।
नतीजा
आपको इसके नतीजों को देखने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ता है क्योंकि इसका असर तुरंत दिखाई नहीं देता है। इसका असर पूरी तरह से दिखाई देने में 7 दिन तक का वक्त लग सकता है। वहीं इसका असर 4 महीनों तक रहता है और उसके बाद आपको रखरखाव के लिए एडिशनल ट्रीटमेंट कराने पड़ते हैं।
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