बाल हमारा क्राउन होते हैं और हम हमेशा उन्हें कैरी करते हैं। इस वजह से स्ट्रॉन्ग, शाइनी बाल ही सभी महिलाओं का ख्वाब होते हैं। इस वजह से बालों को लेकर मार्केट में या फिर लोगों के बीच कई सारे मिथक भी हैं, जिनपर लोग आंख बंद करके भरोसा भी करते हैं। इस वजह से हम यहां आपको बालों से जुड़े 10 मिथकों के बारे में बताने वाले हैं।
दरअसल, डैंड्रफ मलेजिया नाम के फंगस के कारण होता है। फंगस की यह नैचुरल रेसिडेंट है जो स्कैल्प पर रहती है और तेल पर जिंदा रहती है। यह ऑयल आपका नैचुरल ऑयल सीक्रीशन हो सकता है या फिर बालों में लगाया जाने वाला तेल। ये फंगस स्कैल्प पर जीता है और इसकी वजह से स्कैल्प व्हाइट और फ्लैकी हो जाती है जिसे डैंड्रफ कहा जाता है। इस वजह से तेल लगाने से डैंड्रफ कम नहीं होता है बल्कि बढ़ता है। साथ ही डैंड्रफ को केवल कंट्रोल किया जा सकता है, इसका कोई परमानेंट इलाज नहीं है।
अच्छी चंपी मालिश भारत के कल्चर का हिस्सा है, जिसकी जड़े गहरी हैं। हालांकि, तेल लगाने से सीधे तौर पर बालों के स्वास्थ्य या फिर बालों के झड़ने पर असर नहीं होता है। दरअसल, तेल लगाने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मसल रिलैक्स होती हैं, जिससे टेंशन रिलीज होती है। साथ ही यह कंडीशनर का भी काम करता है क्योंकि तेल लगाने से बालों में फ्रिजिनेस और उल्झन कम होती है।
कई बार लोग शिकायत करते हैं कि उनके बाल बहुत झड़ते हैं लेकिन थोड़ा बहुत हेयर फॉल होना सामान्य है। बाल एक हमेशा बढ़ने वाले कैराटिन टिशू से बनते हैं। वहीं हमारे नाखुन भी इसी टिशू के बने होते हैं और इस वजह से नाखुन की तरह ही बाल बढ़ते हैं, टूटते हैं और दोबारा से बढ़ जाते हैं। दिन में आपके 10 से लेकर 100 तक बाल झड़ते हैं और यह बिल्कुल नॉर्मल है।
बायोटीन को हम अक्सर जरूरत से ज्यादा अहमियत दे देते हैं। इसे विटामिन H के नाम से भी जाना जाता है लेकिन बायोटीन अकेला आपके बालों को मजबूत नहीं बनाता है। हमारी बॉडी को 118 न्यूट्रिएंट्स 24 घंटों में चाहिए होते हैं और बाल इससे बिल्कुल अलग नहीं हैं। बालों के लिए जो काम करता है वो है साइक्लिक विटामिन थेरेपी। इससे साइक्लिक मैनर में बालों को विटामिन और मिनरल मिलते हैं। इससे बाल बढ़ते हैं।
बाल तब शाइन करते हैं, जब उनपर लाइट रिफ्लेक्ट करती है। अगर आपके बाल स्मूथ हैं तो लाइट पड़ने पर वो शाइन करेंगे और इसका कारण बालों के क्यूटिकल्स होते हैं। क्यूटिकल एक शाइनी कोटिंग होती है बालों के आसपास लेकिन अगर वो डैमेज हो जाते हैं तो आपके बाल फ्रिजी लगते हैं। ठंडे पानी से क्यूटिकल्स का कोई रिश्ता नहीं है और इस वजह से ठंडे पानी से बाल धोने से बाल शाइनी नहीं होते हैं।
आपने हमेशा हेयर ड्रेसर या फिर लोगों के मुंह से सुना होगा कि हेयर ट्रिमिंग से बाल तेजी से बढ़ते हैं लेकिन यह सबसे बड़ा मिथक है। बाल हमेशा रोजाना के 0.35mm बढ़ते हैं, जो आपके जेनेटिक्स, एथिनिसिटी और रैसिकल फैक्टर पर आधारित होता है। बालों को ट्रिम कराने से आपके बालों का डैमेज और फ्रिजी हिस्सा या फिर स्प्लिट एंड्स निकलते हैं। इससे आपके बाल तेजी से नहीं बढ़ते हैं।
हो सकता है कि आप में से अधिकतर लोग अपने सफेद बालों को छिपाने के लिए बालों में डाई करते होंगे और जब आपका रूट टच-अप ना हुआ हो तो आप नीचे की ओर काफी सफेद बाल देखते होंगे और इसके लिए आप अपनी हेयर डाई को जिम्मेदार मानते होंगे। हालांकि, यह सच नहीं है। सफेद बाल जेनेटिक्स, एजिंग, धूप की किरणों में ज्यादा देर रहने या फिर स्ट्रेस के कारण हो सकते हैं। बालों को डाई करने या फिर बालों को निकाल देने से इसका कोई संबंध नहीं है।
दरअसल, डैंड्रफ ऑयली स्कैल्प पर होता है क्योंकि ऑयल के कारण फंगस एक्टिवेट हो जाता है और इस वजह से आपके सिर में फ्लेकी स्कैल्प होती है। ड्राई स्कैल्प ड्रायनेस के कारण होती है और इसका पता सिर में होने वाली खुजली से चलता है। हालांकि, लोग अक्सर ड्राई स्कैल्प को डैंड्रफ से कन्फ्यूज कर देते हैं और खुजली होना इसका सामान्य लक्षण है। साथ ही दोनों के बीच अंतर भी है। अगर आपको शैंपू लगाने के तुरंत बाद खुजली होती है तो आपकी स्कैल्प ड्राई है। वहीं अगर आपको शैंपू करने के 2-3 दिन बाल खुजली होती है तो इसका मतलब आपके सिर में डैंड्रफ है।
ब्लो ड्राइंग को बालों के लिए नुकसानदायक माना जाता है क्योंकि हाई टेंप्रेचर के कारण वो बालों को डैमेज करता है। हालांकि, अगर आप सही से टॉवल से भी बालों को नहीं सुखाते हैं तो इससे भी बाल डैमेज होते हैं। अगर आप बार-बार टॉवल को सिर में रब करते हैं तो इससे बाल फ्रिजी होते हैं और ऐसे में बेहतर है कि आप अपने बालों को टॉवल से रैप कर लें और उन्हें सूखने दें। आप चाहें तो फ्रिक्शन को कम करने के लिए सिल्क कवर वाले सिरहाने पर सिर रख कर सो भी सकते हैं।
हेयर डस्टिंग सलून बेस्ड प्रोसीजर है जो स्प्लिट एंड्स को दूर करता है। हालांकि, स्प्लिट एंड्स को दूर करने का एक ही तरीका है और वो है उन्हें काट देना। ऐसा फ्रिक्शन, हाई टेंप्रेचर, एजिंग और जेनेटिक्स के कारण होता है।