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Navratri Special: देवी के नौ रूपों की वजह से नहीं, इन कारणों से पूरे 9 दिन के होते हैं नवरात्र
नवरात्रि पर्व के नौ दिन बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है इस दिन सभी भक्तों के घरों में माता के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना बड़े ही भक्ति भाव से की जाती है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूप पूजे जाते हैं, जिन्हें नवदुर्गा के रूप में जाना जाता है- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री। नवदुर्गा, दुर्गा शक्ति के नौ स्वरूप हैं जो कि नकारात्मकता के प्रति एक ढाल का काम करती हैं। जब भी कभी हमारे सामने कोई बाधा या दुख आता है तो माता रानी उस समय हमें सही रास्ता दिखलाती हैं। नवरात्रि का अर्थ है 9 दिनों की रात्रि पूजा ! इन 9 दिनों में शक्ति के 9 रूपों की पूजा – अर्चना की जाती है, इसलिए इस त्योहार को 9 दिनों तक मनाया जाता है और दशमी के दिन दशहरा के रूप में भी मनाया जाता है ! ये बात हर कोई जानता है लेकिन सही मायने में नवरात्रि 9 दिन तक ही क्यों मनाई जाती है, ये जानने के लिए आपको पूरा आर्टिकल पढ़ना होगा।
9 दिन की ही क्यों होती है नवरात्रि? Why Navratri is celebrated for 9 days reason in hindi
नवरात्रि का मतलब है 9 रात्रि, यानी देवी पूजन की 9 रातें। नवरात्रि को दुर्गा पूजा भी कहा जाता है। यह सनातन धर्म का बहुत बड़ा त्योहार है। लेकिन आपने कभी ये सोचा है कि आखिर 9 दिन की ही क्यों होती है नवरात्रि? इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं। ज्यादातर लोगों का मानना है कि देवी के नौ स्वरूपों के कारण नवरात्रि 9 दिन की होती है। लेकिन ऐसा नहीं बल्कि नवरात्रि को 9 दिनों तक मनाने के पीछे कई कारण हैं। उनमें से यहां हम आपको कुछ मुख्य धर्म कथाओं, वेदों में उल्लेख कारणों को बताने जा रहे हैं, जिनकी वजह से नवरात्रि 9 दिनों तक मनाई जाती है।
पहला कारण
पुराणों में ऐसा उल्लेख है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने महिषासुर नाम के असुर को किसी भी पुरुष द्वारा न मारे जा सकने का वरदान दिया था। इस वरदान को पाकर महिषासुर में अहंकार जाग गया। पूरी पृथ्वी जीतने के बाद वह इंद्र लोक, यानी स्वर्ग जीतने के लिए निकल पड़ा। इंद्र की प्रार्थना पर ब्रह्मा, विष्णु और शिव की संयुक्त शक्तियों से देवी दुर्गा उत्पन्न हुईं और महिषासुर से 9 दिन तक युद्ध करने के बाद दसवें दिन उसका सिर काट कर वध कर दिया। यह 9 दिन अच्छे की बुराई पर विजय के प्रतीक हैं, इसलिए दसवें दिन को दशहरा के रूप में भी मनाया जाता है। इसे विजयदशमी नाम भी दिया गया है।
दूसरा कारण
दूसरी अन्य एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान राम ने वानरों की सेना के साथ मिलकर लंका में रावण का वध किया था। लेकिन रावण का वध इतना आसान नहीं था। श्री राम और रावण के बीच युद्ध हुआ। रावण को मारने के लिए श्रीराम ने 9 दिनों तक देवी अनुष्ठान किया। आखिरी दिन देवी मां प्रकट होकर भगवान श्रीराम को जीत का आशीर्वाद दिया। जिसके बाद दशमी के दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया। नवरात्रि को 9 दिन तक मनाने के पीछे ये भी एक प्रथा है।
तीसरा कारण
अथर्ववेद के अनुसार, ”अष्टचक्रा नवद्वारा देवानां पुर अयोध्या। तस्यां हिरण्यमयः कोषः स्वर्गो ज्योतिषावृतः।।” इस श्लोक में यह स्पष्ट होता है कि हमारे शरीर में कुल आठ चक्र हैं। और जब मनुष्य साधना के माध्यम से इन अष्ट चक्रों का भेदन कर लेता है तब “नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा प्रकिर्तिता” अर्थात् मनुष्य को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाता है, और समाधि के परमानन्द को प्राप्त कर लेता है। नवरात्रि के नौ दिन के होने के पीछे ये भी एक रहस्य है।
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