अक्सर हम जब होटल के रूम में कदम रखते हैं तो जो चीज सबसे पहले हमें अट्रेक्ट करती है वो है वहां का खूबसूरत बेड। लेकिन क्या आपको पता है कि वो बेड उसपर बिछी सफेद बेडशीट की वजह से आपको अपनी ओर आकर्षित करता है। मगर आपने कभी ये गौर किया है कि चाहे वो 5 स्टार होटल हो या फिर 1 स्टार, हर होटल के बेड पर आखिर सफेद बेडशीट ही क्यों बिछाई जाती है, इसके पीछे आखिर वजह क्या है? ये सवाल अक्सर आपके मन आता होगा। तो आइए जानते हैं कि होटलों में सफेद चादर बिछाने के पीछे आखिर वजह क्या होती है –
सफेद रंग और सुकून ही सुकून
श्वेत यानी सफेद रंग, सब कुछ बाहर की ओर बिखेरता है, कुछ भी पकड़कर नहीं रखता। देखने वाले की आंखों को जो सुकून इस रंग को देखकर मिलता है ऐसी खासियत और किसी रंग में नहीं है। यही कारण है कि इसे पवित्र और साफ माना जाता है। अगर हल्का-सा भी दाग इस पर लग जाए तो होटल कर्मचारियों को इसे पकड़ने में आसानी होती है।
सफेद रंग को धोना आसान होता है
क्या सफेद रंग को धोना वाकई आसान होता है? शायद ये सवाल सुनकर आप कहें जी बिल्कुल नहीं, सफेद रंगों के कपड़ों को धोना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि सफ़ेद रंग का कपड़ा आप बाकी रंगीन कपड़ों के साथ नहीं धो सकते। अगर ऐसा गलती से हो भी जाए तो वो सफेद कपड़ा बदरंग हो जाता है। लेकिन ऐसा होटलों में नहीं होता। उनके सभी कपड़े सफेद रंग के होते हैं तो जिन्हें साथ में धोना उनके लिए आसान होता है।
ब्लीचिंग करना भी आसान
अगर सफेद बेडशीट पर गलती से कोई दाग-धब्बे लग भी जाएं तो इन्हें ब्लीच करना आसान होता है। क्योंकि रंगीन कपड़ोंं पर ब्लीच नहीं किया जा सकता है। होटल में ज्यादतर बेडशीट को ब्लीच करके साफ किया जाता है। इससे कपड़े के सभी कीटाणु भी खत्म हो जाते हैं।
स्ट्रेस को रखता है कोसों दूर
जीवन की भाग-दौड़ के बीच कुछ फुर्सत के पल बिताने के लिए लोग घूमने जाते हैं और ठहरने के लिए होटल बुक करते हैं। इस दौरान उन्हें चटक नहीं बल्कि हल्के रंग अपनी ओर आकर्षित करते हैं और यही वजह है कि सफेद रंग उनको रिलेक्स महसूस कराता है और स्ट्रेस से दूर रखता है ताकि उनका मूड कूल रह सके। मनोविशेषज्ञों का भी यही मानना है कि होटल का कमरा और बिस्तर जितने ज़्यादा साफ़-सुथरे होंगे, गेस्ट उतना ही अच्छा महसूस करेंगे। इसी बात को ध्यान में रखकर होटलों में सफ़ेद चादरों और तौलियों का प्रयोग किया जाता है।
ये भी थी एक खास वजह
1990 के दशक से पहले, होटल में आमतौर पर रंगीन और चटक चादरें इस्तेमाल होती थीं। उनका रखरखाव करना, उन्हें साफ रखना काफी आसान होता था क्योंकि उसमें दाग छुप जाते थे। इसके बाद, वेस्टिन के होटल डिजाइनरों ने एक रिसर्च की, जिसमें उन्होंने पता लगाया कि गेस्ट के लिए एक लक्जरी बेड का क्या मतलब होता है। बस उसी के बाद से हाइजीन को ध्यान में रखकर सफेद बेडशीट का चलन चल पड़ा।
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