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ज्योतिष के अनुसार जानिए क्यों हर लव रिलेशनशिप ​की मंजिल शादी नहीं होती

Archana Chaturvedi  |  Jul 9, 2021
लव रिलेशनशिप और शादी, ज्योतिष, why a relationship may not end in marriage according to Astrology

दुनिया में हर किसी के मन में खुशहाल प्रेम संबंधों की चाह होती है। यह हमें खुद को अच्छी तरह से जानने और हमें एक दयालु व्यक्ति बनने में मदद करता है। हालांकि, सभी लव रिलेशनशिप ऐसे नहीं होते जिनमें दो प्रेम करने वाले हमेशा के लिए साथ रहें। लेकिन आप यह कैसे जानेंगे कि आपका रिश्ता शादी में बदलेगा या नहीं? इस सवाल का जवाब है- ज्योतिष की मदद से। प्रेम संबंध कई चीज़ों से प्रभावित होते हैं – जिनमें ग्रहों की दशा और किसी ​विशिष्ट घर में मौजूद ग्रहों का संयोजन व कई अन्य शामिल हैं। तो आइए जानते हैं पंडित जगन्नाथ गुरुजी से कुछ ऐसे आम ज्योतिष कारकों के बारे में जो दो प्रेमियों के अलग होने का संकेत देते हैं –

गुणों की संख्या

दो प्रेमियों के बीच कम्पैटिबिलिटी या अनुकूलता मापने का सबसे आम तरीका होता है उनके गुणों का मिलान करना। प्रत्येक गुण स्कोर की कुल संख्या के आधार पर रिश्ते के भविष्य का आकलन किया जाता है। इसका अधिकतम स्कोर 36 होता है जो प्राप्त करना बहुत दुर्लभ होता है। 18 से कम के स्कोर को शुभ नहीं माना जाता है; 18 से अधिक लेकिन 24 से कम के स्कोर को औसत माना जाता है जबकि 24 से 32 के स्कोर सफल शादी का संकेत माना जाता है। 32 से अधिक के स्कोर को स्वर्ग में तय रिश्ता माना जाता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अच्छी संख्या में गुणों के मिलने के बावजूद शादी सफल नहीं हो पाती क्योंकि नाड़ी जैसे कुछ गुण बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। और अगर नाड़ी गुण का स्कोर बहुत कम हो तो उन लोगों की शादी नहीं करनी चाहिए।

ग्रहों की दशा

किसी शादी की सफलता या असफलता में सबसे महत्वपूर्ण संकेत देने वाले ग्रह चंद्रमा व शुक्र हैं। चंद्रमा की स्थिति दो लोगों के बीच भावनात्मक संबंध के साथ ही यह भी तय करती है कि वे दोनों एक-दूसरे को कितनी अच्छी तरह समझेंगे। वहीं, शुक्र दोनों के बीच शारीरिक आकर्षण व यौन कम्पैटिबिलिटी का खुलासा करता है। एक सफल शादी के लिए इन दोनों ग्रहों का मित्र दशा में होना आवश्यक होता है। अगर इन ग्रहों की स्थिति उपयुक्त नहीं हो तो शादी मुसीबत बन सकती है और ऐसे रिश्ते को तोड़ना ही बेहतर होता है।

पांचवां घर

किसी व्यक्ति की कुंडली में पांचवां घर प्रेम का सूचक होता है। अगर उसमें शनि, राहू या केतु मौजूद है तो इसे अशुभ माना जाता है और रिश्ते के असफल होने की आशंका रहती है।

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छठा घर

कुंडली में छठा घर किसी व्यक्ति के स्वभाव, स्वास्थ्य और दिनचर्या का सूचक होता है। यह जीवन व उससे जुड़ी चुनौतियों से व्यक्ति के निपटने की क्षमता को दर्शाता है। अगर दो लोग मृत्यु द्वारा अलग किए जाने तक अपने जीवन का हर पल साथ बिताने की योजना बना रहे हैं तो जीवन के प्रति उनके नज़रिए का मिलना बहुत आवश्यक होता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली के छठे घर में शुक्र, राहु और मंगल की मौजूदगी है तो यह अधूरे रिश्ते का संकेत होता है और वह शादी में नहीं बदलेगा। 

समाधान

अगर किसी रिश्ते में कोई समस्या है तो उसके समाधान भी होते हैं। शादी करने से पहले हमेशा किसी ज्योतिष से सलाह करने का सुझाव दिया जाता है जिससे दोनों लोगों की कम्पैटिबिलिटी का विश्लेषण किया जा सके। अक्सर ज्योति​षी नकारात्मक ग्रह दशा को सुधारने के लिए समाधान भी सुझाते हैं। 

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