आजकल के समय हर कोई अपने फिटनेस पर ध्यान दे रहा है लेकिन समय की कमी के रहते और इंस्टेंट वेट लॉस रिजल्ट पाने के लिए लोग कुछ तरह के डाइट प्लान चूज कर रहे हैं, जोकि उनकी सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक है। मोटापे को तेजी से कम करने के चक्कर में कुछ लोग अनजाने में ही क्रैश डाइटिंग को फॉलो करने लगते हैं। ऐसा करना आपको शारीरिक ही नहीं मानसिक रूप से भी बीमार कर सकता है। श्रीदेवी की मौत का राज खोलते हुए खुद उनके पति बोनी कपूर ने एक ऐसी ही डाइटिंग का जिक्र किया है। ये बात तो सबको पता ही होगी कि 24 फरवरी 2018 में दुबई में एक होटल के बाथटब में डूबने से श्रीदेवी की मौत हो गई थी।
बोनी कपूर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि श्रीदेवी की डेथ तो एक्सीडेंटल थी। लेकिन उसकी वजह उनकी क्रैश डाइटिंग भी थी। बोनी कपूर ने कहा, ” श्रीदेवी अक्सर अपने आपको भूखा रखती थी। वो क्रैश डाइट करती थी। उसे अच्छा दिखने की चाहत थी। वो चाहती थी कि वो हमेशा शेप में रहे। श्रीदेवी अक्सर नमक के बिना बहुत स्ट्रिक्ट क्रैश डाइट (Crash Diet) फॉलो करती थीं जिसके चलते वो अक्सर ब्लैकआउट हो जाती थी। वो स्लिम ट्रिम दिखने के चक्कर में खाने में नमक तक नहीं लेती थी, ताकि उसके बॉडी में पानी भी न रुके।” अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये क्रैश डाइट क्या होती है? जिसे श्रीदेवी फॉलो करती थी। अगर आप इस तरह की को स्ट्रिक डाइट प्लान फॉलो करते हैं तो आपको भी सावधान हो जाने की जरूरत हैं। यहां आज हम क्रैश डाइटिंग से जुड़ी हर छोटी बात पर गौर करेंगे, ताकि इसके दुष्परिणामों से बचा जा सकें –
क्या होती है क्रैश डाइट? What is Crash Dieting
क्रैश डाइट जैसा कि नाम से ही समझ में आ रहा है कि खाने की इंटेक को कम करना। क्रैश डाइट तेजी से वजन घटाने की डाइटिंग प्रोसेस है। इस तरह की डाइट में कैलोरी इंटेक को काफी ज्यादा कम कर दिया जाता है। यानी कि जहां एक हेल्दी इंसान 2000 से 2500 कैलोरी लेता है, वहीं क्रैश डाइट में वह मात्र 800-1000 कैलोरी लेता है। क्रैश डाइट में आमतौर पर कार्बोहाइड्रेट या ऑयली फूड्स को पूरी तरह बंद कर दिया जाता है। यह एक तरह की प्रतिबंधित डाइट है। इस डाइट में एक या दो प्रकार के भोजन तक सीमित कर देते हैं। क्रैश डाइटिंग किसी एक्सपर्ट के देखरेख में ही करनी चाहिए। खुद से की गई क्रैश डाइटिंग जानलेवा साबित हो सकती है।
क्यों करते हैं लोग क्रैश डाइटिंग?
क्रैश डाइटिंग में वजन सिर्फ भूखा रहकर और डाइट को कम करके करना होता है। क्रैश डाइट में कोई व्यायाम या शारीरिक गतिविधि शामिल नहीं होती है, जो किसी भी स्वस्थ वजन घटाने के प्लान के देखते हुए गलत है। लेकिन लोगों को ये आसान डाइट लगती है।
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क्रैश डाइटिंग के नुकसान Side Effects Of Crash Dieting
क्रैश डाइट समस्याग्रस्त है क्योंकि वे खाने के बारे में अव्यवस्थित दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हैं, और यदि आप एक से दो सप्ताह से अधिक समय तक क्रैश डाइट का पैटर्न जारी रखते हैं तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। यहां हम आज कुछ उन्ही समस्याओं के बारे में बताने जा रहे हैं –
- थकान
- तनाव, कोर्टिसोल के बढ़ते स्तर के कारण होता है
- डिहाइड्रेशन
- हार्मोनल इंबैलेंस
- सिरदर्द
- चक्कर आना
- पोषक तत्वों की कमी
- स्किन का अत्यधिक ड्राई होना
- शरीर में हमेशा लो एनर्जी फील होना
- वजन कम का अल्पकालिक परिणाम
- अक्सर ब्लैकआउट हो जाना
- मूड में बदलाव, जैसे चिड़चिड़ापन
- बालों का झड़ना
- मांसपेशियों को नुकसान
- डिप्रेशन होना
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल गतिशीलता में परिवर्तन, जैसे कब्ज या दस्त
क्रैश डाइट कब तक सुरक्षित है Is it safe to eat a crash diet?
एक्सपर्ट का कहना है कि क्रैश डाइट को सुरक्षित माना जा सकता है यदि उनका उपयोग कभी-कभार किया जाता है और कभी भी 1-2 सप्ताह से अधिक नहीं किया जाता है। साथ ही क्रैश डाइटिंग में हाइड्रेटेड रहना और किसी अच्छे डायटिशियन के डाइट चार्ट को फॉलो करके ही क्रैश डाइट को करना सुरक्षित है।
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