श्रीकृष्ण को हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। उनका व्यक्तित्व अनोखा है, जिसकी तुलना किसी अवतार से नहीं की जा सकती है और न संसार के किसी दूसरे महापुरुष से। उनके जीवन की हर एक लीला, हर एक घटना आम जनमानस की समझ से परे है शायद इसीलिए उन्हें लीलाधर भी कहा जाता है। माखन चुराना, गोपियों को सताना, रास रचाना, दुष्टों का संहार करना ये सब बातें तो भगवान श्रीकृष्ण के बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं लेकिन इसके अलावा भी बहुत कुछ ऐसी जानकारियां हैं जिनसे शायद आप अभी तक अंजान होंगे –
1 – भगवान श्रीकृष्ण का रंग
कुछ लोग कहते हैं कि भगवान कृष्ण का रंग काला था तो कुछ का कहना है कि उनका रंग नीला था। पर सच्चाई तो ये है कि उनका रंग न तो काला था और न ही नीला। दरअसल उनकी त्वचा का रंग मेघ श्यामल था। यानि कि काला, नीला और सफेद रंग का मिश्रण।
2 – मार्शल आर्ट का आविष्कार
किंवदन्तियों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने ही मार्शल आर्ट का आविष्कार किया था। दरअसल इसे कालारिपयट्टू विद्या कहा जाता था। कृष्ण जी ने इसी विद्या का इस्तेमाल राक्षसों को मारने के लिए किया था। इसके बाद इस विद्या को अगस्त्य मुनि ने आगे बढ़ाया।
3 – श्रीकृष्ण और शिव जी के बीच हुआ था युद्ध
कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने बाणासुर का विरेध करने के लिए भगवान शिव से युद्ध किया था। उस दौरान शिव जी ने ‘माहेश्वर ज्वर’ को छोड़ा और उसके विरोध में श्रीकृष्ण ‘वैष्णव ज्वर’ का उपयोग कर दुनिया का पहला जीवाणु युद्ध लड़ा था।
4 – सोलह हजार नहीं सिर्फ आठ पत्नियां थी
भगवान श्रीकृष्ण की सिर्फ वास्तव में सिर्फ आठ पत्नियां ही थी, रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बवती, नाग्नजिती, कालिंदी, मित्रविंद, भद्रा और लक्ष्मणा।। उनके बारे में अक्सर कहा जाता है कि उनकी सोलह हजार पटरानियां थी लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, वो सभी राक्षस नरकासुर द्वारा बंधक बनाई गई महिलाएं थी जिन्हें श्रीकृष्ण ने मुक्त कराया था।
5 – राधा का जिक्र नहीं है किसी पुराण में
श्रीकृष्ण की प्रेमिका राधा का जिक्र न तो महाभारत में और न ही विष्णु पुराण में मिलता है। कुछ विद्वानों के मुताबिक, राधा-कृष्ण की कहानी मध्यकाल के अंतिम चरण में भक्ति आंदोलन के बाद लोकप्रिय हुई। उस समय के कवियों ने इसे आध्यात्मिक संबंध के तौर पर दर्शाया। प्राचीन समय में रुक्मिनी, सत्यभामा, समेथा श्रीकृष्णामसरा प्रचलित थी जिसमें राधा का कोई जिक्र नहीं मिलता है।
6 – विंध्यवासिनी देवी थी श्रीकृष्ण की बहन
देवकी के गर्भ से सती ने श्रीकृष्ण की बहन के रूप में जन्म लिया, जो कंस के पटकने पर हाथ से छूट गई थी। उनका नाम महामाया था, जिन्हें आज सभी लोग विंध्यवासिनी देवी के नाम से पूजते हैं। इसके अलावा उनकी तीन बहनें और भी थी। सुभद्रा (बलराम की बहन), दोपद्री (मानस बहन) और एकांगा (यशोदा की बेटी)।
8 – उज्जैन में हुई थी श्रीकृष्ण की शिक्षा
भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी आरम्भिक शिक्षा मध्य प्रदेश में स्थित उज्जैन के संदीपनी आश्रम में पूरी की थी। वो कुछ महीनों में ही सभी तरह की शिक्षा में पारंगत हो गए थे।
9 – महाभारत में इसलिए दिया था पांडवों का साथ
बताया जाता है कि महाभारत के युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण ने पांडवों का साथ इसलिए दिया था क्योंकि पांडव कृष्ण के पिता वासुदेव की बहन कुंती के पुत्र थे। यानि श्रीकृष्ण पांडवों के मामा थे।
10 – श्राप की वजह से हुई थी श्रीकृष्ण की मृत्यु
जानकारों का मानना है कि महाभारत के युद्ध के बाद जब दुर्याोधन का अंत हो गया तो उनकी माता गांधारी अपने बेटों के शव देखकर इतनी दुखी हो गई कि उन्होंने श्रीकृष्ण को 36 साल के बाद मृत्यु का श्राप दे दिया। इस पर कृष्ण मुस्कुराए और यह अभिशाप स्वीकार कर लिया। और ठीक इसके 36 सालों के बाद उनका अंत एक शिकारी के हाथों हो गया।
इन्हेंं भी पढ़ें –
1. इस गुफा में छुपा है दुनिया के खत्म होने का रहस्य
2. क्या हनुमान जी की भी हुई थी शादी ? जानिए कुछ ऐसी ही अनसुनी बातें
3. क्या आपको पता हैं जगन्नाथ मंदिर से जुड़े ये अजूबे और रहस्य
Read More From लाइफस्टाइल
वास्तुशास्त्र में बताई गई इन 10 बातों को ध्यान रखेंगे तो आपकी लाइफ में होगा गुडलक ही गुडलक
Archana Chaturvedi
सुहाना खान ने बताया कैसे करती हैं Overthinking की आदत को मैनेज, आप भी कर सकते हैं ट्राई
Garima Anurag
फिट रहना चाहते हैं तो दीया मिर्जा का Fitness Mantra करें फॉलो, एक्ट्रेस पीती हैं कई तरह का पानी
Garima Anurag