किसी भी स्वस्थ और अच्छे रिलेशनशिप में कई तरह के कमिटमेंट्स होते हैं जो प्यार की पारंपरिक कसमों से थोड़े अलग होते हैं। साथ ही ये कुछ ऐसे कमिटमेंट्स हैं जिनके बारे में आप बोलते नहीं हैं लेकिन फिर भी ये किसी भी रिलेशनशिप में बहुत ही अहम भूमिका निभाते हैं और मायने भी रखते हैं। ये कमिटमेंट्स एक रिश्ते को अधिक मजबूत बनाते हैं और दो लोगों के बीच की करीबियों को भी बढ़ाते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं ऐसे 6 कमिटमेंट्स जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे। लेकिन अब आप जान जाएंगे कि ये कमिटमेंट क्यों मायने रखते हैं।
1. इमोशनल कमिटमेंट
इमोशनल कमिटमेंट का मतलब है कि आप अपने पार्टनर को इमोशनल सपोर्ट देते हैं, जब भी उन्हें इसकी जरूरत होती है। इसका मतलब है कि आप उनकी बात सुनते हैं और उनकी जरूरतों को समझते हैं और उनके साथ सेंसिटिव रहते हैं। साथ ही इस तरह के मुश्किल वक्त में आप उनके सबसे बड़े सपोर्टर बनते हैं।
2. कम्यूनिकेशन कमिटमेंट
बातचीत करने का मतलब है कि आप किसी के साथ सच्चाई से खुलकर अपने दिल की बात कर रहे हैं। पार्टनर्स को एक दूसरे से खुलकर चीजें और टॉपिक्स डिस्कस करने चाहिए। अपने गोल्स के बारे में बात करनी चाहिए या अपने सपनों के बारे में बताना चाहिए। अपनी एक्सपेक्टेशन और जरूरतों के बारे में बात करनी चाहिए। साथ ही दोनों को मिल कर अपने बीच आ रही किसी भी तरह की परेशानी के बारे में भी खुलकर डिस्कस करना चाहिए ताकि उस परेशानी का हल निकाला जा सके।
3. टाइम कमिटमेंट
एक मजबूत रिलेशनशिप का मतलब है कि आप दोनों एक दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करें। इसका मतलब है कि आप अपने रिश्ते को नर्चर करने और उसे मजबूत बनाने के लिए साथ में वक्त बिताएं। फिर चाहे वो डेट नाइट्स हो या साथ में हॉबी करना हो या केवल साथ में समय बिताना हो। यदि आप एक दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करते हैं तो इससे आपका बोन्ड मजबूत होता है और साथ ही आप दोनों के बीच की इंटीमेसी भी बेहतर होती है।
4. ट्रस्ट कमिटमेंट
पार्टनर को अपने एक्शन और शब्दों के जरिए ट्रस्ट बिल्ड करना चाहिए और उसे मैंटेन करना चाहिए। इसका मतलब है कि आप अपने वादे को निभाएं या फिर एक दूसरे के करेक्टर और इंटीग्रिटी पर सवाल न उठाएं और पार्टनर की इंटेंशन पर यकीन करें।
5. फाइनेंशियल कमिटमेंट
फाइनेंशियल कमिटमेंट का मतलब है कि आप दोनों एक दूसरे से अपने फाइनेंशियल गोल्स के बारे में और एक्सपेंस को मैनेज करने के बारे में बात करें ताकि आप जिम्मेदारी के साथ फैसला ले सकें और टीम की तरह काम सकें। यह जरूरी है कि आप अपने फाइनेंस को लेकर ट्रांसपेरेंट रहें नहीं तो आप दोनों के बीच मिसअंडरस्टैंडिंग हो सकती है, जिसकी वजह से रिश्ते में चीजें बिगड़ सकती हैं।
6. पर्सनल ग्रोथ कमिटमेंट
दोनों पार्टनर को एक दूसरे की पर्सनल ग्रोथ को सपोर्ट करना चाहिए। इसका मतलब है कि आप दोनों ही एक दूसरे के सबसे बड़े मोटिवेटर भी बनें ताकि आप अपने पार्टनर को उनके गोल्स और एस्पिरेशन को पूरा करने में मदद कर सकें और उनकी पर्सनल ग्रोथ का हिस्सा बन सकें।
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Archana Chaturvedi