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Winter Care Tips For Kids : जानिए सर्दियों में होने वाली बीमारियों से बच्चों को कैसे रखें दूर
सर्दी का असर बड़ों के साथ-साथ बच्चों पर भी पड़ रहा है। छोटे बच्चे और नवजात शिशु के लिए सर्दी का मौसम चुनौती भरा होता हैं। ठंडे माहौल में वायरस और बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं और छोटे बच्चों को बीमार बनाते हैं। बच्चों की रोगप्रतिरोधक क्षमता वयस्कों से बहुत कम होती हैं, इसलिए उन पर इन वायरस और बैक्टरिया का असर बहुत ज्यादा होता हैं। इस कारण बच्चों को श्वसन संबंधी समस्याएं और यहां तक की रोटावायरस संक्रमण का सामना करना पड सकता हैं। इसके अलावा छोटे बच्चों की त्वचा कोमल होती हैं। ठंडी के कारण उनकी त्वचा की नमी छीन सकती हैं, जिससे उन्हें कई तरह की त्वचा संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए सर्दी के मौसम में बच्चों की सेहत का विशेष ख्याल रखना काफी जरूरी हैं।
डॉ. रोहित कांबले (बाल रोग विशेषज्ञ और नियोनेटोलॉजिस्ट, एसआरवी अस्पताल चेंबूर) के अनुसार, ठंड मौसम के कारण बच्चों को फ्लू, सर्दी जुकाम, हाइपोथर्मिया, इन्फ्लूएंजा, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी स्वास्थ्य समस्याओं की चपेट में आने का खतरा होता है। इसके अलावा इस मौसम में सर्दी, बीमारी के कीड़े, और अन्य संक्रमण बड़े पैमाने पर होते हैं। इसलिए, जब बाहर का तापमान गिर जाता है, तो बच्चे अधिक समय घर के अंदर बिताते हैं और आसानी से कीटाणु और संक्रमण के गिरफ्त में आ जाते हैं। दूसरों के संपर्क में आने और कोई भी सामान साझा करने से संक्रमण और एलर्जी होने की संभावना और ज्यादा बढ़ सकती है।
सर्दियों में बच्चों को होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं | Winter Health Problems in Children
• सर्दी, खांसी और फ्लू – ठंड के दिनों में ये सभी चीजें आमतौर पर बच्चों में देखी जाती हैं। एक बच्चे से दुसरे बच्चे में यह वायरस फैलता है। विशेषज्ञ सर्दियों के दौरान बच्चों में सर्दी, खांसी और फ्लू के मामलों में वृद्धि देखाई देती हैं। किसी भी ओवर-द-काउंटर उत्पादों का उपयोग न करें। बच्चे को डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा ही देना बेहतर है।
• श्वसन संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं – सर्दी के मौसम में बच्चों में निमोनिया देखा जाता है। निमोनिया फेफड़ों की सूजन है। बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ यह निमोनिया के लक्षणं हैं। इसके अलावा बच्चों में ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, काली खांसी, गले में खराश और मध्य कान में संक्रमण की समस्या हो सकती हैं। रेस्पिरेटरी सिंक्राइटियल वायरस (आरएसवी) एक वायरल श्वसन संक्रमण है, जो बच्चों में अंततः ब्रोंकियोलाइटिस की ओर जाता है। इन सभी समस्याओं के लिए समय पर इलाज होना काफी जरुरी हैं।
• नोरोवायरस – यह एक संक्रमण है जो गंभीर उल्टी और दस्त का कारण बनता है जो बच्चों में अचानक शुरू होता है। पेट दर्द और मांसपेशियों में दर्द यह इसके लक्षणं हैं। यह दूषित भोजन और दूषित पानी के सेवन से फैलता हैं। दूसरा रोटावायरस है जो शिशुओं और छोटे बच्चों में पानी के दस्त और उल्टी के कारण देखा जाता है। यह संक्रमण अत्यधिक संक्रामक है और गैस्ट्रोएंटेराइटिस का एक सामान्य कारण है जिसे अक्सर स्टमक फ्लू कहा जाता है।
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सर्दी के मौसम में होने वाली बीमारियों से बच्चों को कैसे बचाए | Tips To Protect Children From Cold Weather in hindi
- घर को गर्म रखने की कोशिश करें। तापमान में ज्यादा गिरावट आए तो बिजली से चलने वाले उपकरणों का इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चे के पास लड़की न जलाएं उससे बच्चे की सेहत पर असर पड़ सकता हैं।
- बच्चे को सर्दी से बचाने के लिए उसको गर्म कपड़े पहनाएं। कमरे का तापमान बढ़ाने की कोशिश करें और हल्का कंबल ओढाएं। नए कपड़े पहले पानी से धोएं, फिर पहनाएं।
- बच्चो में नाक बंद होने की समस्या आम हैं। डॉक्टर के बताए अनुसार नेजल नोजल ड्रॉप्स यानी नाक में डाली जाने वाली दवा जरूर रखें।
- बच्चे का पेट दर्द कर रहा हैं या पेट साफ नहीं हो रहा है, तो ऐसे में अजवाइन देना फायदेमंद होगा।
- सर्दी के मौसम में बच्चों को रोजाना एक चम्मच च्यवनप्राश खिलाएं। बच्चों के लिए च्यवनप्राश फायदेमंद हैं। बच्चे को हो सकें तो दूध में हल्दी मिलाकर भी पिलाएं।
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Health Tips : सर्दी के मौसम में घर के बुजुर्गो का ख्याल रखना जरूरी ….
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