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अपने बच्‍चे के स्‍क्रीन टाइम को कम करना चाहते हैं तो बहुत काम आएंगे ये तरीके

Megha Sharma  |  Feb 25, 2022
अपने बच्‍चे के स्‍क्रीन टाइम को कम करना चाहते हैं तो बहुत काम आएंगे ये तरीके

आज के समय में गैजेट्स हर जगह मौजूद हैं और हमारी जिंदगी के साथ-साथ हमारे बच्‍चों की जिंदगी का भी जरूरी हिस्‍सा बन गए हैं। हम नई-नई चीजों के अपडेट्स पाने, अपने दोस्‍तों और परिवार से टच में रहने, खरीदारी करने और गेम्‍स खेलने के लिए इनका काफी इस्तेमाल करते हैं। आजकल बच्‍चे भी ऑनलाइन क्‍लास करने के लिए मोबाइल फोन या फिर लैपटॉप का इस्तेमाल करने लगे हैं। हालांकि, इन सब पहलुओं को देखते हुए हमारे दिमाग में एक सवाल हमेशा उठता है कि बच्‍चों को तरह-तरह की इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइसेस पर आखिर कितना समय बिताना चाहिए।

आज की तकनीक से चलने वाली इस दुनिया में, हमारे बच्‍चों को इन मजेदार और नई टेक्‍नोलॉजीज़ के बारे में बताना बहुत जरूरी है, लेकिन माता-पिता को यह ध्यान में रखना होगा कि उनका बच्‍चा अपने व्‍यवहार को सही ठहराने के लिए स्‍क्रीन पर ही पूरी तरह से निर्भर ना हो जाए। इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स गैजेट्स पर पहले से ही अनलिमिटेड वक्त लोग बिताते थे लेकिन लेकिन महामारी की वजह से इसमें और बढ़ोतरी हो गई है। अपने बच्‍चे को बिजी रखने के लिए, आप कभी यह नहीं चाहेंगे कि वह स्‍क्रीन पर जरूरत से ज्‍यादा समय बिताए। तकनीक पर जरूरत से ज्यादा निर्भर होने से आपके बच्‍चे का विकास प्रभावित होता है। हम सभी चाहते हैं कि हमारे बच्‍चे मोबाइल, टीवी या लैपटॉप पर कम से कम समय बितायें लेकिन आज की गैजेट्स से भरपूर दुनिया में यह आसान नहीं है। इस वजह से हम स्टोन सफायर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर शोभित सिंह की मदद से आपके लिए कुछ ऐसे मजेदार सुझाव लेकर आए हैं, जिनकी मदद से वो अपने बच्चों के स्क्रीन टाइम को नियंत्रित कर सकते हैं।

अपने बच्‍चों को नेचर के करीब ले जाएं

स्‍क्रीन टाइम को कम करने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है कि अपने बच्‍चे को घर से बाहर ले जाएं और उन्‍हें नेचर के करीब ले जाने और उससे जुड़ाव बनाने में उनकी मदद करें। अपने बच्‍चों का उनके आसपास मौजूद चीजों से परिचय कराएं। बच्‍चों को पानी में खेलने, धूप का आनंद उठाने, धूल-मिट्टी में मजे करने की आजादी दें। उनको बतायें कि कीचड़ में खेलने, मिट्टी से खिलौने बनाने, तालाब से कीड़े पकड़ने और जमीन पर लेटने से कितनी खुशी मिलती है।

उन्‍हें कल्‍पनाशील बनने के लिए प्रोत्‍साहित करें

अपने बच्‍चे के मानसिक और संपूर्ण विकास को बढ़ावा देना चाहते हैं तो उन्‍हें कल्‍पना की दुनिया में लेकर जाएं। बच्‍चों को हमेशा स्‍क्रीन पर रहने और खुद को अपने तक ही सीमित रखने से मना करें। उनकी कल्‍पनाओं को एक बड़ा कैनवास दें। जब बच्‍चे यह कल्‍पना करते हैं कि वो डॉक्‍टर हैं, समुद्री लड़ाके हैं या फिर डिटेक्टिव एजेंट, या फिर वो अपनी गुड़िया और छोटी मूर्तियों के साथ अपने खुद के किरदार और कहानियों को गढ़ते हैं तब वो वास्‍तव में अपनी रचनात्‍मकता का इस्‍तेमाल करते हैं, अपने दिमाग को प्रेरित करते हैं और अपनी कल्‍पनाओं को पंख लगाते हैं।

एक खास ‘प्‍ले बॉक्‍स’ बनाएं

इसे बनाने के पीछे जो मुख्‍य कारण है वह बच्‍चों को स्‍क्रीन से दूर रखने में आने वाली चुनौती है क्‍योंकि उन्‍हें लगता है कि मोबाइल या कम्प्यूटर से बेहतर और मनोरंजक कोई दूसरी चीज नहीं हो सकती। बच्‍चों को डिवाइसेस से दूर रखने का एक अच्छा तरीका है प्‍ले बॉक्‍स तैयार करना। बॉक्‍स बनाते हुए हमें बच्‍चों की पसंद का पूरा ख्‍याल रखना होगा ताकि उन्‍हें इससे खेलते समय खूब मजा आए। अपने बच्‍चे को उनके पसंदीदा खिलौने और गेम्‍स चुनने दें और फिर उन्‍हें प्‍ले बॉक्‍स में रखवायें। ऐसा करके, माता-पिता अपने बच्‍चे के दिमाग को प्रोत्‍साहित कर सकते हैं। वे उनसे उनके पसंदीदा खिलौने पहचानने के लिए प्रश्‍न पूछ सकते हैं। बच्‍चों का ध्‍यान खींचने के लिए इस सुझाव को अपनायें। इससे उन्‍हें स्‍क्रीन से दूर रखने में मदद मिलेगी।

बच्‍चों में पढ़ने की या फिर कहानी सुनाने की आदत डालें

स्‍टोरीटेलिंग स्‍क्रीन टाइम को कम करने के लिए एक असाधारण विकल्‍प है। बच्‍चों को किताबों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इसमें माता-पिता भी अपने बच्‍चों की मदद कर सकते हैं, उन्‍हें ऐसी किताबें चुननी चाहिए जिसे पढ़ने में बच्‍चे की रुचि हो। साथ ही उन्‍हें अपने बच्‍चे के लिए पढ़ने का एक निश्चित समय निर्धारित करना चाहिए। इससे आपका बच्‍चा रोज किताबें पढ़ने के लिए प्रोत्‍साहित होगा और उसकी यह आदत ताउम्र बनी रहेगी। साथ ही उनकी सोच-विचार करने संबंधी और संज्ञानात्‍मक क्षमताओं को भी सकारात्‍मक रूप से बढ़ावा मिलेगा। इतना ही नहीं, साथ मिलकर पढ़ने से आपको अपने बच्‍चे के साथ गहरा रिश्‍ता बनाने में मदद मिलेगी। किताबें पढ़ने से भाषा निर्माण, कल्‍पना करने की ताकत को बढ़ावा मिलता है और विभिन्‍न अवधारणाओं एवं भावनाओं को समझने में भी मदद मिलती है।

बच्‍चे के साथ अच्‍छा समय बिताना

परिवार के साथ समय बिताने से स्‍क्रीन टाइम के साथ-साथ बच्‍चे के दिमाग पर भी असर पड़ता है। अपने बच्‍चे के साथ टहलने जाएं, घूमने जाएं, दिमाग पर जोर डालने वाले गेम्‍स खेलें। आजकल कई गेम्‍स मौजूद हैं जिन्‍हें अपने बच्‍चों के साथ खेलकर आप उनके साथ अच्‍छा समय बिता सकते हैं। बच्‍चों के साथ साधारण बोर्ड गेम्‍स खेलें। सैंड पेंडुलम से खेलने के अलावा उन्‍हें तस्‍वीरें बनाने के लिए प्रेरित करें। नंबर लाइन पर कूदने का गेम काफी मजेदार हो सकता है। ऐसा करके आप अपने बच्‍चे के साथ अच्‍छा समय बिता सकते हैं और आपको अपने बच्‍चे से बात करने का भी मौका मिलता है। अगर आप अपने बच्‍चे का ध्‍यान स्‍क्रीन से हटाना चाहते हैं तो उनसे उनकी पसंद के विषयों पर बात करने से बेहतर कोई दूसरा तरीका नहीं हो सकता।

अगर आपको लगता है कि आप अपने बच्‍चे को गैजेट्स से सिर्फ एक दिन में पूरी तरह दूर कर देंगे तो यह नामुमकिन है। ऊपर जिन तरीकों के बारे में बताया गया है उनकी मदद से आप अपने बच्चे के स्‍क्रीन टाइम को प्‍ले टाइम में बदल सकते हैं, निश्चित रूप से ये उन्‍हें खुद से नई-नई चीजों के बारे में सोचने में काफी मददगार होंगे। साथ ही इससे उनका भावनात्‍मक विकास भी होगा।

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