फूड एंड नाइटलाइफ
राजमा चावल से लेकर गुलाब-जामुन तक, भारतीय नहीं हैं ये 7 पकवान, जानिए कहां से है इनका ताल्लुक
हम चाहे दुनिया के किसी भी हिस्स में हों लेकिन हम भारतीय खाने के स्वाद को कभी मना नहीं कर सकते हैं। किसी दूसरे देश में बस जाने के बाद भी जो चीज एक भारतीय सबसे ज्यादा मिस करता है वो है यहां का खाना। हमारे यहां इस्तेमाल होने वाले मसाले, मक्खन में भीगे हुए नान और हमारे यहां की स्वादिष्ट मिठाइयां। ये सब पढ़ते हुए आपके मुंह में भी पानी आ गया होगा। केवल भारतीय लोग ही नहीं बल्कि विदेश से आने वाले लोगों को भी भारत का खाना बहुत पसंद आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी अधिकतर पसंदीदा डिश जैसे कि समोसा, गुलाब जामुन और यहां तक कि राजमा चावल का ओरिजिन दुनिया के अलग-अलग देशों में हुआ है। ऐतिहासिक तौर पर देखा जाए तो भारत ने आक्रमण, उपनिवेशीकरण और अन्य देशों के साथ व्यापारिक संबंध देखे। इन सभी ने दुनिया के अन्य हिस्सों से कुछ टेस्टी डिशेज को भारत में पेश करने में अहम भूमिका निभाई है। यहां देखें लिस्ट
1. गुलाब जामुन
इसमें कोई दोराय नहीं है कि गुलाब जामुन भारत में अधिकतर लोगों की पसंदीदा मिठाई में से एक है। लेकिन हमें यह बताने में बेहद दुख हो रहा है कि गुलाब जामुन का ओरिजिन भारत में नहीं हुआ है। असल में यह एक पर्शियन मिठाई है, जिसे भारत में मध्ययुगीन काल में लाया जाता था। गुलाब को पर्शियन शब्द ‘गोल’ जिसका मतलब फूल होता है और अब जिसका मतलब पानी होता है से लिया गया है। इसका मतलब है कि गुलाब जल की खुशबू वाला पानी। वहीं जामुन एक हिंदू/उर्दू शब्द है जो एक फल का नाम है। इसे मिडल ईस्ट में लोकमा कहा जाता है और यह अरेबिक मिठाई लुकामत-अल-कदी से मिलती-जुलती है।
2. जलेबी
मुझे याद नहीं है कि मैंने आजतक कितनी बार जलेबी बाई गाना गाया है और इसे एन्जॉय भी किया है। क्योंकि इस गाने में मेरी पंसदीदा मिठाई जलेबी का नाम है लेकिन पता है आपको यह भारत से ओरिजिनेटेड नहीं है। कुछ का कहना है कि यह आर्निया से ओरिजिनेटेड है, जिसे अब अफगानिस्तान के नाम से जाना जाता है। वहीं कुछ अन्यों का कहना है कि यह मिडल ईस्ट से ओरिजिनेटेड है जहां इसे ज़लाबिया कहा जाता है। इसे त्योहारों के दौरान मिठाई में शामिल किया जाता था, खासतौर पर रमज़ान के दौरान। जानकारी के मुताबिक पर्शियन ट्रेडर द्वारा ही इसे भारत लाया गया था।
3. समोसा
कुछ भी चीज बारिश, चाय और समोसे के कॉम्बो को फेल नहीं कर सकती है। आलू की फिलिंग से भरे हुए करारे-करारे समोसे, चटनी के साथ बेहद स्वादिष्ट लगते हैं। हालांकि, माना जाता है कि समोसे का ओरिजिन मिडल ईस्ट से हुआ है, जहां इसे फ्राय नहीं बल्कि बेक किया जाता था। इतना ही नहीं ऐसा भी कहा जाता है कि 11वी सदी में पहली बार समोसे का मेंशन संबोसाग के नाम से हुआ था, जिसमें मीट, ड्रायफ्रूट्स और नट की फिलिंग होती थी। इसे बाद में सेंट्रल एशिया के जरिए भारत लाया गया और आज ये हमारे टेस्ट बड्स का अहम हिस्सा बन गया है।
4. राजमा चावल
पंजाबियों को राजमा चावल बहुत पसंद होता है लेकिन इसका ओरिजिन मेक्सिको में हुआ है। असल में स्पेनिश और पुर्तगाल के ट्रेडर्स ने राजमा पूरी दुनिया में पहुंचाए थे और भारत भी इसका हिस्सा है। हालांकि, भले ही यह किसी भी तरीके से भारत आया हो लेकिन ग्रेवी के साथ इसे बनाने का तरीका केवल भारत का ही है।
5. चिकन टिक्का मसाला ग्रेवी
चिकन टिक्का मसाला ग्रेवी किसे पसंद नहीं है? खासकर ब्रिटिशर्स को। लेकिन आपको बता दें कि यह डिश भारत की नहीं है। वैसे तो किसी को यह नहीं पता है कि इसका ओरिजिन कहां हुआ है लेकिन कई रिपोर्ट्स का कहना है कि इसकी जड़े ग्लासगो, स्कॉटलैंड से जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि एक ब्रिटिश-पाकिस्तानी शेफ अली अहमद जो वहां रेस्टोरेंट में काम करते थे उन्होंने 1971 में इस डिश का इजात किया था, क्योंकि एक कस्टमर ने शिकायत की थी उनकी चिकन डिश काफी ड्राय है। इसके बाद उन्होंने इस डिश को टमाटर के सूप और मसाले से इंप्रोवाइज किया था। अन्यों का मानना है कि इस डिश का ओरिजिन इससे काफी पहले हुआ था और इसे पहली बार साउथ-एशियन कम्यूनिटी में पेश किया गया था।
6. इडली
सच बोलूं तो आपका जैसा रिएक्शन है, वैसा ही रिएक्शन मेरा भी था क्योंकि मैं यकीन ही नहीं कर पाई कि इडली भी भारत की नहीं है। वैसे तो कई पुराने कागजों और लिटरेचर में दावा किया गया है कि यह भारतीय डिश है लेकिन असल में इडली का ओरिजिन इंडोनेशिया में हुआ है। इतिहासकारों का कहना है कि हिंदू किंग्स के जो कुक थे शायद उन्होंने इस डिश को बनाया था और फिर इसे वापस भारत ले आए थे। हालांकि, कुछ अन्य इतिहासकारों ने इस थ्योरी को नकार दिया है और उनका मानना है कि इडली का ओरिजिन भारत में ही हुआ है।
7. चाय
क्या आप बिना चाय के अपनी जिंदगी के बारे में सोच सकते हैं? मैं तो नहीं सोच सकती हूं। लेकिन पता चला है कि हमारी पसंदीदा चाय का ओरिजिन पड़ोसी देश चीन से हुआ है। हालांकि, ब्रिटिशर्स ने ही पहली बार चाय से भारत को मिलवाया था। वो चीन की चाय बनाने की मोनोपोली को चैलेंज करना चाहते थे और इस तरह से भारत में चाय की खेती शुरू हुई थी और इसके लिए चीन से आए बीजों का इस्तेमाल किया गया था। पहले चाय केवल बड़े लोगों द्वारा पी जाती थी लेकिन बाद में छोटे वेंडर्स भी दूध और चीनी मिलाकर इसका सेवन करने लगे और इस तरह से चाय हमारी जिंदगी का इतना अहम हिस्सा बन गई।
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