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Postpartum Care: बेबी होने के बाद ऐसे रखें खुद का ख्याल

Supriya Srivastava  |  Jan 20, 2021
Postpartum Care, Delivery, Baby, Motherhood, Wellness
इस बात से तो सभी वाकिफ हैं कि बच्चा होने के बाद सबकुछ उसी के हिसाब से ही करना पड़ता है। बेबी ने फीड लिया या नहीं, उसने पॉटी तो नहीं कर दी, बेबी ठीक से सोया, कहीं उसने कपड़े गीले तो नहीं कर दिए। अपने बेबी का ख्याल रखने में हम इतना उलझ जाते हैं कि अपना ख्याल रखना ही भूल जाते हैं। कभी-कभी तो बिना सोये कई दिन निकल जाते हैं। इन सब का बुरा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। डिलीवरी के बाद कहीं न कहीं हम और हमारे आस-पास के लोग इस बात को नज़र अंदाज़ कर देते हैं कि एक मां को जितने फिज़िकल और मेंटल केयर की ज़रूरत प्रेगनेंसी के समय थी उतनी ही ज़रूरत डिलीवरी के बाद (Postpartum Care) भी होती है। 
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Postpartum Care क्या है?

पोस्टपार्टम Postpartum की अवधि को जन्म देने के छह हफ्ते तक माना गया है। यह वह समय है जब एक महिला का शरीर कई हार्मोनल, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों से होकर गुजरता है। यह एक विशेष समय होता है, जिसके दौरान एक नई मां को मातृत्व की अतिरिक्त जिम्मेदारियों के साथ-साथ इन परिवर्तनों से निपटने के लिए परिवार की तरफ से थोड़ी ज्यादा सहायता, देखभाल और प्यार की ज़रूरत होती है। इसे ही Postpartum Care कहा जाता है।

बेबी होने के बाद ऐसे रखें खुद का ख्याल

डिलीवरी 2 तरह से होती है, नॉर्मल व सिज़ेरियन। नार्मल डिलीवरी में वजाइना के माध्यम से बच्चे का जन्म होता है। इसके बाद 4 से 6 हफ्ते तक पीरियड्स से गुज़ारना पड़ता है। वहीं सिज़ेरियन डिलीवरी में ऑपरेशन के माध्यम से बच्चे का जन्म होता है। हालांकि, सिज़ेरियन डिलीवरी के बाद रिकवरी थोड़ी देर से होती है। ये अवधि 6 महीने तक की हो सकती है। इस दौरान डॉक्टर्स मां को झुकने से लेकर भरी सामान न उठाने तक की हिदायत देते हैं। बात करें पीरियड्स की तो इसके बाद भी 4 से 6 हफ्ते तक पीरियड्स से गुज़ारना पड़ता है। दोनों ही तरह की डिलीवरी के बाद नई मां के शरीर में काफी बदलाव होते हैं, जिस वजह से कई बार उसे मेंटल स्ट्रेस से होकर भी गुज़ारना पड़ता है। ऐसे में अपना ख्याल रखना बेहद ज़रूरी हो जाता है। जानिए बेबी होने के बाद खुद का ख्याल (Postpartum Care) रखने के तरीके। 

हेल्दी खाना खाएं

अगर आप अपने बच्चे को स्तनपान (Breast feeding) करा रही हैं, तो आपको भूख लगेगी। ऐसे में आपको पोषक तत्वों से भरपूर खाने की ज़रूरत पड़ेगी। खुद को फिर से भरना होगा। इस दौरान डॉक्टर द्वारा बताए गए अपने सप्लीमेंट्स लेना नम भूलें। साथ ही प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर खाना खाएं। कब्ज से बचने के लिए अजवाइन व जीरे का पानी पीना एक बेहतरीन उपाय है। 

भरपूर आराम करें

मां बनने के बाद शुरुआती दिनों में बेबी के साथ रात-रात भर जागना पड़ता है। क्योंकि कुछ बच्चे रात भर जागते हैं और दिन में सोते हैं। कई माएं रात भर बेबी के साथ जागने बाद दिन में अपने काम निबटाने में लग जाती हैं। इस वजह से न तो उनकी नींद पूरी होती है और न ही उन्हें भरपूर आराम मिल पाता है। कोशिश करें कि दिन हो या रात, जब बेबी सोये उसके साथ आप भी सो जाएँ और आराम करें। इससे आपकी बॉडी को हील होने में आसानी होगी।

घर वालों की मदद लें

अब आप सोच रही होंगी कि अगर बच्चे के साथ दिन में सो गए तो घर के काम कैसे होंगे। शुरुआती दिनों में घर के काम करने के लिए घरवालों की मदद लें। अपने पति व घर के अन्य सदस्यों के साथ बेबी और घर की ज़िम्मेदारियों को साझा करें। उन्हें बेबी का डायपर बदलने से लेकर सुलाने तक में माहिर करें। याद रखें बेबी को डिलीवर करने और उसे दूध पिलाने के अलावा ऐसा कोई काम नहीं है, जो वो कर नहीं कर सकते। इसलिए अपने ऊपर बेवजह हर काम को ज़िम्मेदारी न डालें और शरीर को ज्यादा से ज्यादा आराम दें।

बेबी ब्लूज़ को दें मात

एक नई मां हार्मोनल, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्तरों पर कई बदलावों से गुज़र रही होती है, इसलिए कई बार उसके लिए मेंटली व इमोशनल रूप से चिड़चिड़ा होना बेहद सामान्य बात है। इसे बेबी ब्लूज़ (Baby Blues) भी कहते हैं। अगर एक नई मां के रूप में आप ऐसा ही महसूस कर रही हैं तो परिवार के किसी विश्वसनीय सदस्य या दोस्त के साथ इस संबंध में बात करें। आप चाहें तो अपनी डॉक्टर से भी इस बारे में बात कर सकती हैं। याद रखें इस अवस्था में आप जो महसूस कर रही हैं, वह पूरी तरह से सामान्य है।

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