लाइफस्टाइल

#WTF: इन नेताओं को लगता है..ऐसे रुकेंगें rape!!

Riwa Singh  |  May 5, 2016

हमारे अतुल्य भारत में समय समय पर महिला सुरक्षा को लेकर लोगों की सोच और मानसिकता नजर आती रहती है। खासतौर से हमारे कुछ नेताओं की सोच तो इस मामले में हैरान करने वाली है। कुछ नेताओं (शुक्र है सब ऐसा नहीं सोचते) के मुताबिक महिला के साथ उसकी मर्जी के खिलाफ शारिरिक संबंध बनाना या उस पर जोर जबरदस्ती करना रेप नहीं है बल्कि रेप तो देर रात तक घूमने से, छोटे कपड़े पहनने से और यहां तक कि junk food खाने से होता है!! (seriously??) हम आपको बता रहे हैं इन्हीं नेताओं के सुझाए गए उपाय rape-safe रहने के। इनके बयान सुनकर आप दंग रह जाएंगें।

नज़र डालिए Ufaan के इस रेप-ओ-मीटर (Rape-O-Meter) पर जिससे आपको अंदाजा होगा कि हमारे नेताओं की सोच महिला-सुरक्षा के नाम पर कहां तक जा सकती है-

1. लोगों से बात नहीं कर के (शायद किसी से भी नहीं?)

बयान: “देश में रेप की घटनाएं इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि आजकल पुरुष और महिलाओं ने खुलकर (freely)  बात करना शुरू कर दिया है” – ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल।

अच्छा जी, तो अब हम पुरुषों को देखते ही किनारा कर लें! बहुत खूब!

2. सब ग्रहों का फेर है

बयान: “महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार का हमारे पास कोई जवाब नहीं है क्योंकि ग्रह और तारे हमारे पक्ष में नहीं हैं” -ननकी राम कंवर, पूर्व गृह मंत्री, छत्तीसगढ़।

ओह! अब रेप रोकने के लिए ज्योतिषी के पास जाना होगा!!

 

3. हिंदु संस्कृति को अपना कर

“जब लड़कियां हिंदु संस्कृति अपनाती थीं तो रेप की कोई खबर नहीं मिली। अब लोगों ने अपनी जीवन-शैली, वेश-भूषा बदल दी है और आप देख सकते हैं कि बलात्कार कितनी तेज़ी से बढ़ रहा है” – दीपक धवलीकर, मंत्री, गोवा।

मतलब अगर हम दूसरे धर्म में हैं तो कितने बुरे हैं न।

4. पूरे कपड़े पहन कर

बयान: “लड़कियां छोटे कपड़े और छोटी स्कर्ट्स पहनती हैं जिससे पुरुष आकर्षित होते हैं और eve-teasing की घटनाएं बढ़ती हैं” – चिरंजीत चक्रवर्ती, तृणमूल कांग्रेस।

रुकिए जनाब! आज ही दर्जी से कहते हैं हमारे सभी ड्रेसेज़ में 2 मीटर कपड़ा और जोड़ दे।

5. गांव में रहकर

“पाश्चात्य के प्रभाव के कारण बलात्कार की घटनाएं शहरी इंडिया में होती हैं, ऐसे अपराध ग्रामीण भारत में नहीं होते” – मोहन भागवत, आर. एस. एस. प्रमुख।

अब गांव में ढूंढ़ने चलते हैं ‘एक बीघा ज़मीन’.. चलो अपने ग्रामीण भारत की ओर…

6. अपने ‘होने वाले’ बलात्कारी को भईया कह कर

बयान: “लड़की भी उतनी ही गुनाहगार है जितना कि बलात्कारी, अगर वह रेप करने से पहले ही अपराधी को भईया बोल देती और कहती कि ऐसा न करो तो अपराध वहीं रुक जाता” – आसाराम बापू।

अब तो राखी की बिक्री सालों-साल बढ़नी चाहिए, है न!

7. बाल-विवाह कर

बयान: “लड़कियों की शादी 16 वर्ष पर हो जानी चाहिए ताकि उनकी कामेच्छा अपने पति से पूरी हो सके और उन्हें कहीं और जाने की ज़रूरत न पड़े, इससे रेप नहीं होगा” – ओम प्रकाश चौटाला, पूर्व मुख्य मंत्री, हरियाणा।

अरे! मैं तो 21 की हो गई, मेरा क्या होगा! Ooops!

8. मोबाइल फोन को दरकिनार कर

बयान: “महिलाओं और बच्चों को मोबाइल फोन देने की कोई ज़रूरत नहीं है, ये उन्हें दिग्भ्रमित करता है। औरतों को इसकी क्या ज़रूरत है? मेरी मां, पत्नी और बहन के पास कभी फोन नहीं था” – राजपाल सैनी, बसपा नेता।

नोकिया, सैमसंग, आई फोन, माइक्रोमैक्स… सबको OLX पर बेच दो! 😛

9. घर में रहकर

बयान: “आधी रात उन पुरुषों के साथ बाहर घूमने का क्या मतलब है जो आपके रिश्तेदार नहीं हैं?” – अबू आज़मी, नेता, समाजवादी पार्टी।

अगर हम रिश्तेदारों के साथ बाहर हैं, तो सुरक्षा की गारंटी आप लेंगे?

10. चाइनीज़ फूड न खाकर

बयान: “मेरी समझ से ऐसे अपराधों में फास्ट फूड का योगदान है। चाऊमीन से हार्मोनल इम्बैलेंस होता है जिसकी वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं” – जितेंद्र छतर, नेता, खाप पंचायत।

वाह! क्या समझ है!

अपनी सुरक्षा के लिए हमें खुद ही सजग रहना होना और समझाना होगा ऐसे तमाम लोगों को जो हमें इंसान नहीं सिर्फ औरत समझते हैं – सुधर जाओ, सुधार देंगे।

Images: Ufaan on Facebook

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