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हर महिला के अंदर होते हैं मां दुर्गा के ये नौ रूप

Kulsum Bano  |  Oct 11, 2018
हर महिला के अंदर होते हैं मां दुर्गा के ये नौ रूप

हिन्दू धर्म में नवरात्रि (navratri wishes in hindi) के उत्सव को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। कहा जाता है कि मां दुर्गा के ये नौ रूप हर महिला के अंदर होते हैं। जो औरत साधारण तौर पर ममता की मूरत होती है, वही अपने मान सम्मान के लिए चंडालिका का रूप भी धारण कर सकती है। यहां हम आपको औरत के उन नौ रूपों के बारे में बता रहे हैं जो दुर्गा के नौ रूप भी हैं।    

1. शैलपुत्री – साहसी और शक्तिशाली

देवी के नौ रूपों में से पहला रूप शैलपुत्री का होता है। इन्हें हिमालय की बेटी भी कहा जाता है। जैसे पर्वत शक्तिशाली और मजबूत होता है, वैसे ही इनके रूप को भी शक्तिशाली और साहसी कहा जाता है।

2. ब्रह्मचारिणी – श्रद्धा और भक्ति का रूप

देवी मां के दूसरे रूप को ब्रह्मचारिणी माना जाता है। भगवान शिव से शादी करने के लिए पार्वती जी ने जिस तरह से कठोर तपस्या की थी, उसी तरह अगर एक महिला चाहे तो अपने शांत व्यवहार से किसी को भी अपना बना सकती है।

3. चंद्रघंटा – क्रोध और गुस्से का रूप

देवी मां का तीसरा रूप क्रोध का है, जिसे कल्याणकारी भी कहा जाता है। जैसे मां दुर्गा हमारे सभी दुखों को नष्ट कर  हमारा कल्याण करती हैं, वैसे ही एक महिला भी अपनों के सारे दुखों को ख़त्म कर देती है और हर दुख-सुख में साथ रह कर सबका कल्याण करती है।

4. कुष्मांडा – खुशी का रूप

देवी मां का चौथा रूप खुशी का होता है। कुष्मांडा देवी की पूजा करने से घर और जीवन में खुशहाली आती है। उसी तरह एक महिला के खुश रहने से घर में रौनक बनी रहती है और अगर वह उदास होगी तो घर में अशांति और दुख जैसा माहौल हो जाता है

5. स्कंदमाता – आशीर्वाद का रूप

देवी मां का पांचवां रूप आशीर्वाद का माना जाता है। इस दिन मां के आशीर्वाद से भक्त की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं। ठीक उसी तरह हमारी पालनहार मां के आशीर्वाद से हमारे सारे दुख खत्म हो जाते हैं और सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।

6. कात्यायनी – रिश्तों को मजबूत बनाने वाली

कहा जाता है कि भगवान कृष्ण को पाने के लिए गोपियों ने कात्यायनी मां की पूजा की थी। अपने रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए छठे दिन कात्यायनी मां की पूजा की जाती है। उसी तरह घर के सभी रिश्तों को जोड़ कर रखने की जिम्मेदारी अक्सर उस घर की स्त्री ही निभाती है।

7. कालरात्रि – भयंकर रूप यानि काली का रूप

नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि यानि कि मां काली की उपासना की जाती है। इस दिन मां अपने महाविनाशक गुणों से शत्रुओं का विनाश करती हैं। अपने मान- सम्मान पर उंगली उठाए जाने पर एक स्त्री भी मां काली की तरह भयानक रूप धारण कर लेती है।

8. महागौरी  – शांत स्वरूप

देवी मां का आठवां स्वरूप सौम्य है और उनका वस्त्र सफ़ेद है, जो शुद्धता का प्रतीक है। उसी तरह एक महिला को सुंदर, कोमल और शांति का प्रतीक माना जाता है।

9. सिद्धिदात्री – सारी  इच्छाओं को पूरा करने वाली

मां का नौवां रूप सिद्धिदात्री का है। नवरात्रि के आखिरी दिन इनकी पूजा होती है। इनकी पूजा करने से हमारे जीवन की जो भी इच्छा है, वो मां के आशीर्वाद से पूरी हो जाती है। उसी तरह एक महिला भी जीवन के अंत तक आपके साथ रहती है और आपकी सारी इच्छाओं को पूरा करती है। 

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