उस सब की शुरूआत तब हुई जब हम दोनों हाईस्कूल में थे। उसमें कुछ ऐसा था जिससे मैं उसकी तरफ खींची चली गई..हम दोनों में एक अजीब सा कनेक्शन था जो हम दोनों ने ही महसूस किया। इससे पहले की हम समझ पाते कि ये क्या है..हम दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया! हम दोनों एक दूसरे से बहुत अलग थे। वो बहुत modest, straightforward था जो हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता था..प्रैक्टिकल और down to earth. जबकि मैं हमेशा सपनों की दुनिया में रहने वाली, जिसे परियों की कहानियों पर यकीन था। हमारे शौक, ज़िंदगी को लेकर हमारा नज़रिया..सब कुछ बिल्कुल अलग था। लेकिन एक चीज़ थी जिसकी वजह से इतने अलग अलग होने के बावजूद हम दोनों एक दूसरे से जुड़ गए…और वो था हमारा प्यार। हम दोनों एक दूसरे को पूरा करते थे..उसने मुझे यकीन दिला दिया था कि चाहे हम दिल टूटने की कितनी भी कहानियां सुनें..सच्चा प्यार आज भी ज़िंदा है। मैं उसे बहुत प्यार करती थी। लेकिन इसके बाद हमारे प्यार का असली इम्तेहान सामने आया। वो दूसरे शहर में पढ़ने के लिए चला गया और हम दोनों एक long distance relationship के phase में आ गए। इसी के साथ हमारी रिलेशनशिप का struggle भी शुरू हुआ क्योंकि जितना हम दोनों अपने आप को mature समझते थे उतने थे नहीं! हम दोनों टीनएजर ही तो थे और किसी भी टीनएजर की तरह ये हम दोनों के लिए बहुत मुश्किल हो रहा था। जो लोग हमारे बारे में जानते थे उनको लगता था कि हमारा ये रिश्ता नहीं चल पाएगा। लेकिन हम दोनों इन बातों पर ध्यान नहीं देते थे क्योंकि हम दोनों ही जानते थे कि हम क्या महसूस कर रहे थे। इस long distance relationship के शुरू होने के करीब एक साल बाद कुछ हुआ…ऐसा कुछ जिसकी मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी। उसने मुझे सारी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर ब्लॉक कर दिया, मुझसे बात करनी बिल्कुल बंद कर दी। मैं हैरान थी..मेरा दिल टूट गया। उसके आखिरी शब्द, “मुझे हमेशा के लिए भूल जाओ, अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ो और हमेशा खुश रहो” बार-बार मेरे कानों में गूंज रहे थे। आखिर वो ऐसा कैसे कह सकता था? क्या उसे नहीं पता था कि मेरे खुश होने की वजह वही है? क्या वो नहीं जानता कि उस से अलग होकर मैं कभी आगे नहीं बढ़ पाऊंगी…वो मेरा, मेरी ज़िंदगी का ऐसा हिस्सा था जिससे अलग होकर जीने की मैं सोच भी नहीं सकती थी! मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने मेरा दिल सीने से निकालकर अलग कर दिया हो, मैं हर दिन इस दर्द से गुज़र रही थी। लोगों ने हमारे इस टूटे रिश्ते के बारे में बातें बनानी शुरू कर दी थी। “मैंने पहले ही तुम्हें कहा था”, “उसने तुम्हें धोखा दिया है” जैसी बातें मुझे सुनने को मिल रही थी। लेकिन पता नहीं क्यों मुझे अब भी अपने प्यार पर यकीन था और मैं किसी की परवाह नहीं कर रही थी। मैंने उससे बात करने की बहुत कोशिश की लेकिन उससे बात नहीं हो पाई। इसलिए मैंने फैसला किया कि मैं उसका इंतजार करुंगी। इसके एक साल बाद मैं एक ट्रिप पर उत्तराखंड गई। वहां घूमते हुए एक दिन अचानक मैंने कुछ देखा..मेरे दिल की धड़कन तेज़ हो गई, वो मुझसे कुछ दूर ही खड़ा हुआ था। उन खूबसूरत पहाड़ों के बीच..वो मेरा सब कुछ, मेरा प्यार, मेरी आंखों के सामने था। मुझे कुछ नहीं सूझ रहा था…बिना एक सेकेंड गवाएं मैं दौड़कर उसके गले लग गई..मैं ज़ोर-ज़ोर से रो रही थी…खुशी के मारे मैं कुछ नहीं बोल पा रही थी। उसने मुझे कसकर गले लगा लिया और कहा, “मुझे माफ कर दो, मैंने इस तरह तुम्हें अकेला छोड़ दिया। लेकिन मैं और क्या करता, तुम मेरे साथ खुश नहीं थी, struggle कर रही थी।” मैंने उसकी तरफ देखकर कहा, “मैं आगे भी struggle करने के लिए तैयार हूं क्योंकि अकेले रहकर खुश होने से अच्छा है कि मैं तुम्हारे साथ रहकर struggle करती रहूं। मैं तुमसे बहुत बहुत प्यार करती हूं।” और मुझे अपना प्यार वापस मिल गया। हां सपने सच होते हैं, परियों की कहानी असल ज़िंदगी में होती हैं, बस थोड़ा सा भरोसा, ईमानदारी और धैर्य की जरूरत है। यह भी पढ़ें: #MyStory: वो मुझे Sex के लिए ब्लैकमेल कर रहा था यह भी पढ़ें: #MyStory: हमारा रिश्ता Perfect था लेकिन समय नहीं…