जैसा कि नाम से ही समझ आ रहा है, menopause महिलाओं के हार्मोन्स का पूरी तरह से खत्म हो जाना होता है। आज के वक्त में महिलाओं में 45 तक menopause आ जाता है और इसका कारण लाइफस्टाइ, स्ट्रेस, फूड हेबिट्स, प्रदूषण और रोज-मर्रा की जिंदगी है। हालांकि, menopause से केवल हार्मोन ही बंद नहीं होते हैं बल्कि साथ ही इसके साथ कई अन्य प्रकार की परेशानियां भी आती हैं जो निम्नलिखित चीजों का कारण बनती है-
- इसकी वजह से स्किन हाइड्रेशन कम होने लगता है और इसका म्यूकस मेम्ब्रेन पर भी प्रभाव होता है। इस वजह से आपकी स्किन फ्लेकी, ड्राय, सेंसिटिव, इची, ड्राय लिप्स आदि हो जाते हैं और साथ ही आपके नेल्स भी ड्राय होने लग जाते हैं।
- आपका कोलाजन कम होने लगता है और डिस्ट्रक्शन बढ़ने लगता है जिसकी वजह से स्किन एजिंग होती है।
- सेल टर्नऑवर कम हो जाता है जिसकी वजह से स्किन डल और डार्क लगने लगती है।
- थर्मोगुलेशन में अलट्रेशन होने लगता है। इसकी वजह से चेहरे पर लाल निशान पढ़ने लगते हां या फिर एक्ने होने लगता है।
- मेलास्मा – इसमें आपके गालों, फॉरहेड, नाक और अपरलिप्स पर पिगमेंटेशन होने लगता है।
- मेल हार्मोन्स का अनअपॉज्ड एक्शन – चिन पर ज्यादा बाद आना, बालों का पतला होना या फिर बालों का झड़ना
- चेहरे पर चर्बी का सोखना – सॉफ्ट टिशू की सैगिंग।
- कैल्शियम एब्जोर्ब्शन कम हो जाना, बोन रिसोर्पशन आदि।
अपनी स्किन को स्वस्थ रखने के लिए आपको हेल्दी स्किनकेयर रूटीन करना चाहिए फॉलो और इसके लिए ये टिप्स काम आएंगी –
- किसी भी स्किनकेयर रूटीन में क्लींजिंग सबसे अहम होता है। Menopause के दौरान आपको जेंटल क्लींजर और हाइड्रेटिंग फॉर्मुलेशन का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि आपकी स्किन ज्यादा ड्राय न हो।
- मॉइश्चराइजिंग स्किन केयर का दूसरा अहम पार्ट है। इससे आपको प्रोडक्ट के फायदे तो मिलते ही हैं लेकिन साथ ही हाइड्रेशन में भी एक अन्य लेयर एड हो जाती है, जो स्किन के लिए अच्छी होती है।
- सनस्क्रीन तीसरा बहुत ही अहम हिस्सा है क्योंकि ये UVA किरणों से बचाता है और एजिंग, झुर्रियों आदि लक्षणों को कम करता है। इस वजह से आपको हमेशा SPF 30 या इससे अधिक एसपीएफ वाली सनस्क्रीन लगानी चाहिए।
- Menopause के दौरान जिन सामान्य चीजों का इस्तेमाल होता है वो हैं विटामिन सी, रेटीनॉल, सेरामाइड, लिनोलिक एसिड और पेपटाइड्स। हालांकि, किसी भी स्किनकेयर रूटीन में वही चीजें काम आती हैं जो आपकी स्किन की जरूरतों को पूरा करती हैं। इस वजह से आपको किसी भी चीज का इस्तेमाल करने से पहले डर्मेटोलॉजिस्ट से जरूर संपर्क करना चाहिए।
- आपको नियमित चेकअप्स कराने चाहिए ताकि आपको पता चल सके कि आपकी बॉडी Menopause के बाद सही तरह से काम कर रही है कि नहीं क्योंकि Menopause के बाद बॉडी में काफी बदलाव आते हैं।
- इसके अलावा आपको विटामिन डी3, कैल्शियम, प्रिमरोज ऑयल और मल्टीविटामिन्स आदि के सप्लीमेंट्स भी लेने चाहिए ताकि मेनोपॉज को आसान बनाया जा सके।
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