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केरल स्कूल में बिंदी पर बवाल: तसलीमा नसरीन ने कहा, सभी बच्चियां लगाएं बिंदी…

Richa Kulshrestha  |  Jul 10, 2018
केरल स्कूल में बिंदी पर बवाल: तसलीमा नसरीन ने कहा, सभी बच्चियां लगाएं बिंदी…

केरल के एक मदरसे (इस्लामिक स्कूल) द्वारा वहां पढ़ने वाली एक बच्ची को बिंदी लगाने की वजह से निकाले जाने के मुद्दे पर कट्टरपंथ की धुर विरोधी और विवादित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने लिखा है कि बिंदी लगाने पर केरल के एक मदरसे ने एक बच्ची को निकाल दिया। यह अच्छी बात है। अब मदरसे में पढ़ने वाली सभी बच्चियों को बिंदी लगा लेनी चाहिए और वहां से बाहर निकल कर साइंस स्कूल में साइंस की पढ़ाई करनी चाहिए। उन्होंने यह बात सोशल मीडिया के ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट करके लिखी है।

बिंदी पर बवाल

आपको बता दें कि केरल के एक इस्लामिक स्कूल यानि मदरसे ने एक बच्ची को सिर्फ इसलिए निष्कासित कर दिया क्योंकि उसने एक शॉर्ट फिल्म के लिए अपने माथे पर चंदन की एक बिंदी लगा ली थी। बच्ची के पिता ने बिंदी वाला उसका फोटो फेसबुक पर पोस्ट करके यह बात बताई थी। 

पिता की फेसबुक पोस्ट

एक फेसबुक पोस्ट में  उमर मलायिल ने बच्ची की बिंदीवाली पोस्ट को शेयर करते हुए कहा है कि उसकी बेटी हिना को स्थानीय मदरसे से सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उसने एक शॉर्ट फिल्म की शूटिंग के लिए अपने माथे पर चंदन की बिंदी (चंदन पोटटु ) लगा ली थी। उमर का कहना है कि उसकी बेटी हिना पढ़ाई के साथ- साथ गायन, वाचन और एक्टिंग जैसी अनेक तरह की कलाओं में निपुण है। उसकी बेटी हिना स्कूल में हमेशा फर्स्ट आती है। इसके बावजूद मदरसे का स्कूल इस साल उसे पढ़ाई नहीं करने दे रहा है। उनका कहना था कि ऐसे में क्या किया जाए। उन्होंने व्यंग्य करते हुए यह भी लिखा है कि हम लकी हैं, क्योंकि हिना को पत्थर मार-मारकर मौत देने का फरमान नहीं सुनाया गया है।

वायरल हुई यह पोस्ट

उमर मलायिल की यह पोस्ट कुछ ही देर में वायरल हो गई और उन्हें इस पर तरह- तरह के जवाब मिले। जहां कई लोगों ने उन्हें उनकी हिम्मत के लिए बधाई दी, वहीं कुछ लोगों ने उन्हें मदरसे और इस्लाम की खिलाफत करने पर लताड़ा।

उमर ने कहा कि वो इस्लाम के हिमायती हैं

बाद में उमर ने इस विवाद पर कुछ भी कहने से इंकार करते हुए कहा कि वो इस्लाम के सख्त हिमायती हैं और इस मुद्दे को किसी वैश्विक मुद्दे की तरह गंभीर नहीं बनाना चाहते। उन्होंने लिखा है कि इस मामले की आड़ लेकर स्थिति का फायदा उठाने का प्रयास किया जा रहा है, जो सही नहीं है। यह सिर्फ एक स्थानीय मामला है, ग्लोबल मामला नहीं है और वे खुद अपनी 100 फीसदी अपनी कम्युनिटी और मजहब के हिमायती हैं। उनका कहना है कि उनका विरोध सिर्फ इस बात को लेकर है कि अपनी साथियों के साथ उनकी बेटी ने अगर किसी रंगारंग कार्यक्रम में हिस्सा ले लिया तो इसमें बुरा क्या है।

आपका इस मुद्दे पर क्या कहना है? क्या किसी बच्ची का बिंदी लगाना इस्लाम में अपराध माना जाता है?  क्या बच्ची को पढ़ाई से रोक देना सही है? हमें जरूर लिखें।

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