लाइफस्टाइल

हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देगा आसिफा का यह खत

Archana Chaturvedi  |  Apr 18, 2018
हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देगा आसिफा का यह खत

देश को हिला देने वाला कठुआ गैंगरेप और मर्डर केस अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। न्याय में हो रही देरी की वजह से लोगों में गुस्सा है। इन मुद्दों पर सियासत ही नहीं बल्कि हर जगह से दोषियों के खिलाफ फांसी की मांग आने लगी है। सोचने वाली बात ये है कि जब गुनाहगारों ने रेप करते समय कुछ नहीं सोचा तो हम उन्हें सजा देने में इतना समय क्यों लगा रहे हैं? वहीं सोशल मीडिया पर भी लोग अलग-अलग तरह से अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। ऐसे में किसी ने आसिफा की तरफ से निर्भया के लिए एक खत लिखा है जो आपको और हमको कई बातें सोचने पर मजबूर कर देगा।

‘‘तुम कहां हो? दीदी मैं तुम्हें ढूंढ रही हूं क्योंकि मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं किससे अपना दर्द कहूं। हम सगी बहनें तो नहीं लेकिन हमारे बीच दर्द का रिश्ता है। इसलिए मैं तुम्हीं से अपना दर्द बयां कर देती हूं। दीदी 16 दिसंबर 2012 को तुम्हें 6 लोगों ने कुचला। तुम चली गईं तो खूब शोर हुआ। लगा कि अब लड़कियों के लिए ये देश ज्यादा सुरक्षित होगा। लेकिन दीदी ऐसा नहीं हुआ। देखो तुम्हारे जाने के 6 साल बाद मेरे साथ क्या हुआ? दीदी मैं सिर्फ आठ साल की थी। मैं इतनी छोटी थी कि मुझे जाति, बिरादरी और धर्म में फर्क तक नहीं पता।

मेरा नाम आसिफा है। मेरा घर जम्मू में कठुआ जिले के रसाना गांव में है। दीदी मैं अपने घोड़े को ढूंढते-ढूंढते इंसान के रूप में जानवरों के चंगुल में फंस गई। मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया दीदी। फिर लोग आते गए और मुझ पर जुल्म करते रहे। मुझे बहुत दर्द हुआ। मुझे ये लोग कोई नशीली दवा देते थे। दीदी जो लोग आते थे उनमें पुलिस वाले भी थे। इनमें से एक पुलिस वाला तो वो था जिसे मुझे ढूंढने के लिए लगाया गया था। दीदी मुझमें जान तो बची नहीं थी फिर भी ये लोग मुझे मारने के लिए जंगल ले गए।

मैं बेहद डरी हुई हूं दीदी। कुछ वकील और नेता मेरे गुनहगारों को बचाने के लिए शोर कर रहे हैं। डरी इसलिए हूं क्योंकि अगर ये लोग बच गए तो फिर किसी मासूम को मार देंगे। हां कुछ लोग हैं जो मेरे लिए इंसाफ मांग रहे हैं लेकिन तुम्हें तो मालूम है दीदी ये सब कुछ दिन की बात है। ये सब अपने-अपने घर चले जाएंगे। सब भूल जाएंगे। कुछ नहीं बदलेगा। तुम्हारे जाने के बाद कुछ बदला क्या। कभी बंगाल, तो कभी उन्नाव, तो कभी असम, हर दिन रेप होते हैं। बच्चियों के साथ, बूढ़ी औरतों के साथ। अब तो मैं ईश्वर से यही कहूंगी। अगले जन्म मुझे बेटी न बनाना। और बनाना तो किसी ऐसी जगह मत भेजना जहां बच्चियों के साथ ऐसा किया जाता हो…’’

क्या है मामला

दरअसल, कठुआ केस इसी साल जनवरी का है, जिसमें एक 8 साल की बच्ची को कठुआ जिले के एक कमरे में बंद कर, नशे की दवाएं देकर उसके साथ रेप करने के बाद उसका मर्डर कर दिया। इस घटना के बाद आरोपियों को पकड़ने की मांग को लेकर काफी प्रदर्शन हो रहे हैं। मर्डर केस अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में कुछ आरोपियों के खिलाफ 27 अप्रैल को सुनवाई की जाएगी।

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