सर्दियों का मौसम आते ही कई सारी बीमारियां भी तेजी से पैर पसारने लगती हैं। इन्ही बीमारियों में से एक है निमोनिया की बीमारी (Pneumonia in children)। निमोनिया सबसे अधिक बच्चों को नुकसान पहुंचाती है। देश में हर साल कई बच्चे इससे पीड़ित होते हैं। समय पर इलाज न होने से कई बच्चों की इससे मौत भी हो चुकी है। इस बीमारी की वैक्सीन भी आ चुकी है लेकिन फिर इसे लेकर हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं। इसलिए ठंड के दिनों में निमोनिया से बच्चों को बचाना बेहद जरूरी है।
How to protect children from pneumonia winter care tips in hindi | सर्दियों में बच्चों का कैसे करें निमोनिया से बचाव
डॉ. चेतन जैन (पल्मोनोलॉजिस्ट, झायनोव्हा शाल्बी हॉस्पिटल) के अनुसार, मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगी हैं। कमजोर इम्युनिटी वाले बच्चों को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, जन्मजात हृदय रोग जैसी पुरानी फेफड़ों की समस्याएं घेर सकती हैं। गुर्दे की बीमारी और अन्य सांस संबंधी स्थितियों में निमोनिया होने का खतरा होता है। यह खतरनाक है और फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। किसी भी गंभीर जटिलता से बचने के लिए बच्चे का समय पर इलाज करना आवश्यक है।
क्या है निमोनिया
निमोनिया फेफड़ों में होने वाला एक संक्रमण है जिसकी वजह से बच्चों तो खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ होने की समस्या आने लगती है। निमोनिया की शिकायत नवजात शिशु और छोटे बच्चों के लिए ज्यादा गंभीर होती है।
डॉक्टर के पास कब जाएं
यदि ठंड लगने के साथ तेज बुखार, सांस लेने कठिनाई, कफ, सूखी खांसी, सर्दी, थकान, उल्टी, चिड़चिड़ापन आदी समस्या बच्चों में दिखाई दे तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
संक्रामक है बीमारी
”सर्दियों में बीमारियां अधिक होती हैं क्योंकि बीमार व्यक्ति के खांसने या छींकने से वायरस हवा में अधिक आसानी से फैलती हैं। बच्चा अक्सर अस्वस्थ होने के दो से तीन दिन बाद सबसे अधिक संक्रामक होते हैं। ये बच्चे एक से दूसरे में संक्रमण फैला सकते हैं।”
निमोनिया से बचाने के लिए टीकारण है जरूरी
देशभर के बच्चे महामारी का सामना कर रहे हैं। बार-बार होने वाले संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने ने बाल चिकित्सा स्वास्थ्य प्रणालियों को चुनौती दी है। कोविड-19 के कारण टीकाकरण अभियान को झटका लगा था। बच्चों को नियमित टीकाकरण न मिलने के कारण खसरे जैसे बिमारियों का खतरा बढता जा रहा हैं। इसे देखते हुए पिछले महीने, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (A.A.P.) ने कोविड महामारी के बद पहली बार बच्चों के टीकाकरण पर नई दिशानिर्देशों की घोषणा की हैं।
निमोनिया से बचाव के तरीके –
- बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए टीकारण सबसे कारगर तरीका है।
- उनके आहार और पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखकर इस बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
- बच्चों को भीड़भाड़ से बचना चाहिए।
- बीमार लोगों के संपर्क को सीमित करने की कोशिश करनी चाहिए।
- खांसते समय अपना मुंह और नाक ढकना चाहिए।
- अपने हाथों को अच्छी तरह धोना चाहिए।
- सभी आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना चाहिए।
- निमोनिया से बचाव के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी जरूरी हैं।
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