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देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनीं Draupadi Murmu, यहां जानें उनके बारे में अहम बातें

Megha Sharma  |  Jul 22, 2022
देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनीं Draupadi Murmu, यहां जानें उनके बारे में अहम बातें

भारत के लिए यह बहुत ही बड़ा दिन है। ऐसा इसलिए क्योंकि द्रौपदी मुर्मू को हाल ही में भारत का 15वां राष्ट्रपति चुना गया है और वह पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं। द्रौपदी मुर्मू ने 50 से अधिक वोट्स के साथ जीत प्राप्त की है और उन्होंने अपनी जीत के साथ ही यश्वंत सिन्हा को हरा दिया है। इसके बाद अब मुर्मू पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की जिम्मेदारियां संभालेंगी और वह 25 जुलाई को शपथ लेंगी।

अब जैसे कि हम सब जानते हैं कि मुर्मू भारतीय पॉलिटिक्स के इतिहास का हिस्सा बन गई हैं और इस वजह से हम यहां उनके पॉलिटिकल करियर के बारे में अहम बातें आपको बताने वाले हैं।

कौन हैं द्रौपदी मुर्मू

द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था और वह ओड़िसा के मयूरभंज डिस्ट्रिक्ट के बाइदापोसी गांव से हैं। वह संतल परिवार से संबंध रती हैं, जो राज्य का एक आदिवासी ग्रुप है। सही मायने में एक अग्रणी, वह कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली लड़की थीं।

अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत करने से पहले मुर्मू ने श्री ऑरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर जो मयूरभंज के रायरंगपुर में स्थित हैं वहां टीजर की नौकरी की थी। इसके बाद उन्हें ओड़िशा सरकार के तहत इरिगेशन एंड पावर डिपार्टमेंट में जूनियर एसिस्टेंट की नौकरी मिल गई थी। यहीं से उनकी पॉलिटिकल जर्नी सही मायने में शुरू हुई थी।

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1997 में मुर्मू ने रायरंगपुर नगर पंचायत के चुनाव में हिस्सा लिया था और वह जीती भी थी और वहां की काउंसलर बन गई थीं। इसके बाद वह ओडिशा विधानसभा में लगातार दो बार (2000 और 2004) चुनी गईं और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की गठबंधन सरकार में मंत्री के रूप में भी उन्होंने कार्य किया। साथ ही उन्होंने भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया।

मुर्मू को 2015 में झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने के बाद बड़ा राजनीतिक ब्रेक मिला था। राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अपने करियर का सबसे महत्वपूर्ण काम किया। 2016 में, उन्होंने एक विवादास्पद विधेयक का विरोध किया, जिसने आदिवासी समुदाय के लिए भूमि के अधिकार को खतरा पैदा कर दिया था और इस दौरान उन्होंने व्यापक नाम और सम्मान अर्जित किया।

भारत के पहले आदिवासी राष्ट्रपति बनकर इतिहास रचने के लिए मुर्मू को हार्दिक बधाई! हम जानते हैं कि वह पद के साथ न्याय करेंगी।

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