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जानिए कोरोना होने के कितने दिन तक शरीर में रहती है एंटीबॉडीज, स्टडी में हुआ खुलासा

Archana Chaturvedi  |  May 13, 2021
corona Antibodies how many days stay in body Study reveals
पूरे देश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना वायरस (coronavirus) के खात्मे की एक आस है उसका टीकाकरण कराना। उम्मीद है कि इससे कोरोना की खतरनाक हो चुकी दूसरी लहर को थामने में कुछ हद तक मदद मिलेगी। इस बीच, इटली में वैज्ञानिकों ने कोरोना होने के बाद शरीर में बनने वाले एंटीबॉडी के बारे में बहुत अहम खुलासा किया है। 
कोरोना (Corona) मरीजों पर लगातार नजर रख रहे शोधकर्ताओं का कहना है कि शरीर में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज बने रहने तक वायरस का खतरा खत्म हो जाता है। साफ शब्दों में कहा जाये तो एक बार किसी व्यक्ति को कोरोना संक्रमण हो जाए उसके बाद खून में एंटीबॉडीज के रूप में वायरस के खिलाफ नेचुरल इम्यूनिटी (corona Antibodies) बन जाती है। ये कुछ महीने तक एक्टिव रहती हैं और उस व्यक्ति के दोबारा से पॉजिटिव होने के चांस बहुत कम हो जाते हैं। शोधकर्ताओं की इस स्टडी को ‘नेचर कॉम्यूनिकेशन्स साइंटिफिक जर्नल’ में प्रकाशित किया गया है।

कितने समय तक एंटी-कोरोना एंटीबॉडीज मरीज के खून में रहती हैं?

दरअसल, कोरोना के बाद बनने वाली एंटीबॉडी के बारे में हुई एक स्टडी में वैज्ञानिकों के अनुसार, कोरोनरी हीलिंग के बाद लगभग 8 महीने तक एंटी-कोरोना एंटीबॉडीज मरीज के खून में रहते हैं। जब तक शरीर में एंटी-कोरोना एंटीबॉडी मौजूद हैं तब तक कोरोना वायरस का खतरा कम हो जाता है। मिलान के सैन राफेल अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, कोरोना रोगियों में बनने वाले एंटीबॉडीज मरीज की उम्र और अन्य बीमारियों के प्रभावित होने के बाद भी खून में रहते हैं। इसलिए, ऐसी स्थिति में, रोगी को किसी भी वायरस से बीमार होने का जोखिम बहुत कम होता है। 

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इटली में शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए कोरोना के लक्षणों वाले 162 मरीजों का चयन किया, जो पिछले साल कोरोना लहर से संक्रमित थे। उनके रक्त के नमूने पहले मार्च और अप्रैल में लिए गए थे। इसके बाद जो मरीज कोरोना की जंग जीत चुके हैं उनके रक्त के नमूने नवंबर में फिर से लिए गए थे। इससे पता चला कि  कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अगले आठ महीनों तक इन मरीजों के शरीर में बीमारी से लड़ने वाले एंटीबॉडीज पाए गए। 
वहीं दूसरी तरफ वैज्ञानिकों की मानें तो जिस तरह से कोरोना संक्रमण के खिलाफ शरीर में बनी नेचुरल इम्यूनिटी 6 से 8 महीनों के अंदर समाप्त हो जाती है उसी तरह से अगर वैक्सीन से मिलने वाली इम्यूनिटी भी कुछ महीनों के बाद खत्म हो जायेगी तो आने वाले समय में कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए लोगों को हर साल वैक्सीन लगाने की जरूरत पड़ेगी। 
POPxo  की टीम आप सभी से अनुरोध करती है कि भारत सरकार द्वारा दिये गये सभी निर्देशों का पालन करें। जरूरत न हो तो घर से बाहर बिल्कुल भी न निकलें। बाहर निकलने की स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा।
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