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स्तन कैंसर – ब्रेस्ट में गांठ का घरेलू उपचार और लक्षण – Breast Cancer Symptoms in Hindi

Megha Sharma  |  Jan 21, 2021
ब्रैस्ट कैंसर, स्तन कैंसर, Breast Cancer in Hindi

किसी भी प्रकार का कैंसर तब होता है जब शरीर में अचानक से जीन्स में म्यूटेशन शुरू हो जाता है, जिसकी वजह से शरीर में सेल्स की मात्रा बढ़ने लगती है। इन सेल्स की मात्रा काफी अधिक बढ़ जाती है और इस वजह से व्यक्ति को कैंसर होता है। ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसा कैंसर है, जिसका शिकार कई महिलाएं होती हैं। ये कैंसर ब्रेस्ट (breast cancer in hindi) में पाए जाने वाले सेल्स के बढ़ जाने की वजह से होता है।

ब्रेस्ट कैंसर क्या है? – What is Breast Cancer in Hindi

ब्रेस्ट कैंसर (बिना ऑपरेशन ब्रेस्ट कैंसर का इलाज) ब्रेस्ट में पाए जाने वाले सेल्स की वजह से होता है। मुख्य रूप से ये कैंसर महिलाओं के स्तन लोब्यूल्स या फिर नलिकाओं में बनता है। लोब्यूल्स वो ग्लैंड होता है, जिससे महिलाओं के स्तन में दूध बनता है और नलिकाओं के जरिए वो दूध ग्लैंड से होता हुआ निप्पल तक पहुंचता है। कैंसर वसायुक्त ऊतक या आपके स्तन के भीतर रेशेदार संयोजी ऊतक में भी हो सकता है।
कैंसर के इन सेल्स को कंट्रोल कर पाना काफी मुश्किल होता है और कई बार ये सेल्स स्तन के अन्य हेल्दी टिशू को भी प्रभावित कर सकते हैं और बाजू के नीचे की ओर तक भी जा सकते हैं। लिम्प नोड्स कैंसर सेल्स को शरीर के बाकी हिस्सों तक पहुंचाने की जिम्मेदार होती है। 

ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार – Types of Breast Cancer in Hindi

ब्रेस्ट कैंसर के कई प्रकार होते हैं लेकिन मुख्य रूप से इन्हें दो कैटेगरी में बांटा गया है। इनवेसिव और नॉन इनवेसिव इसकी दो कैटेगरी का नाम है। इनवेसिव ब्रेस्ट कैंसर स्तन नलिकाओं और ग्लैंड से ट्रेवल करके शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है। वहीं नॉन इनवेसिव ब्रेस्ट कैंसर ऑरिजनल टिशू से स्प्रेड नहीं होता है। 
सामान्य तौर पर होने वाले ब्रेस्ट कैंसर में निम्नलिखित शामिल हैं-
डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (DCIS): यह एक नॉन इनवेसिव प्रकार का ब्रेस्ट कैंसर है। DCIS  में कैंसर केवल ब्रेस्ट की नलिकाओं में होता है और ये ब्रेस्ट के अन्य टिशू को प्रभावित नहीं करता है। 
लोब्युलर कार्सिनोमा इन सीटू (LCIS): LCIS स्तन में दूध बनाने वाली ग्लैंड में होने वाला कैंसर है। DCIS की ही तरह ये कैंसर भी नॉन इनवेसिव होता है और ये ब्रेस्ट के अन्य टिशू को प्रभावित नहीं करता है। 
इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा (IDC)– इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा (आईडीसी) स्तन कैंसर का सबसे आम प्रकार है। इस प्रकार का स्तन कैंसर आपके स्तन के दूध नलिकाओं में शुरू होता है और फिर स्तन में आस-पास के ऊतक पर आक्रमण करता है। एक बार स्तन कैंसर आपके दूध नलिकाओं के बाहर ऊतक में फैल गया है, यह आस-पास के अन्य अंगों और ऊतक में फैलना शुरू कर सकता है।
इनवेसिव लोब्युलर कार्सिनोमा (ILC)– इनवेसिव लोब्युलर कार्सिनोमा (ILC) सबसे पहले आपके स्तन के लोब्यूल्स में विकसित होता है और आस-पास के ऊतक में फैल जाता है।
अन्य असाधारण स्तन कैंसर के प्रकार निम्नलिखित हैं- 
निपल का पैगेट रोग- इस प्रकार का स्तन कैंसर निप्पल के नलिकाओं में शुरू होता है, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता है, यह निप्पल की त्वचा और घेरा को प्रभावित करना शुरू कर देता है।
फीलोड्स ट्यूमर– यह बहुत ही दुर्लभ प्रकार का स्तन कैंसर स्तन के संयोजी ऊतक में बढ़ता है। इनमें से अधिकांश ट्यूमर सौम्य हैं, लेकिन कुछ कैंसर के हैं।
Angiosarcoma– यह कैंसर है जो स्तन में रक्त वाहिकाओं या लसीका वाहिकाओं पर बढ़ता है।
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ब्रेस्ट कैंसर के कारण – Breast Cancer Causes in Hindi

प्यूबर्टी के बाद एक महिला के स्तन (stan cancer ke lakshan) में वसा, संयोजी ऊतक और हजारों लोब्यूल होते हैं। ये छोटी ग्रंथियां हैं जो स्तनपान के लिए दूध का उत्पादन करती हैं। टिनी ट्यूब, या नलिका, दूध को निप्पल की ओर ले जाती है।
कैंसर, कोशिकाओं को अनियंत्रित रूप से गुणा करने का कारण बनता है। वे अपने जीवन चक्र में सामान्य बिंदु पर नहीं मरते हैं। यह अत्यधिक कोशिका वृद्धि कैंसर का कारण बनता है क्योंकि ट्यूमर पोषक तत्वों और ऊर्जा का उपयोग करता है और इसके चारों ओर कोशिकाओं को वंचित करता है।
स्तन कैंसर आमतौर पर दूध नलिकाओं के अंदरूनी अस्तर या दूध के साथ आपूर्ति करने वाले लोब्यूल में शुरू होता है। वहां से, यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है।

रिस्क फैक्टर

एक स्तन कैंसर का जोखिम कारक कुछ भी है जो आपके स्तन में इसके होने की संभावना को बढ़ाता है। लेकिन एक या कई स्तन कैंसर के जोखिम वाले कारक होने का मतलब यह नहीं है कि आपको स्तन कैंसर होगा ही होगा। कई महिलाएं जो स्तन कैंसर से पीड़ित होती हैं, उनमें केवल महिलाओं के अलावा कोई अन्य जोखिम कारक नहीं होता है।
महिला होना– महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले स्तन कैंसर होने की अधिक संभावना रहती है। 
उम्र का बढ़ना– जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे आपको स्तन कैंसर होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
व्यक्ति की ब्रेस्ट की हिस्ट्री– अगर आपकी एक ब्रेस्ट में पहले कैंसर हो चुका है तो आपकी दूसरी ब्रेस्ट में भी कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
परिवार में किसी अन्य को ब्रेस्ट कैंसर होने की हिस्ट्री– अगर आपकी मां, बहन या फिर बेटी को छोटी उम्र में ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तो हो आपको भी ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, फिर भी अधिकतर लोगज जो स्तन कैंसर का शिकार होते हैं, उनकी इससे जुड़ी कोई हिस्ट्री नहीं होती है।
मोटापा– अगर आप मोटे हैं तो भी आपको स्तन कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
कम उम्र में पीरियड शुरू हो जाना– अगर आपको 12 साल से कम उम्र में पीरियड आने शुरू हो जाते हैं तो आपको ब्रेस्ट कैंसर होने का रिस्क बढ़ जाता है।
अधिक देर से मेनोपॉज शुरू होना– अगर आपके मेनोपॉज काफी देर से शुरू होते हैं, तो भी आपको स्तन कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
30 के बाद बच्चा पैदा करना– यदि कोई महिला 30 की उम्र के बाद बच्चे को जन्म देती है तो भी उसको स्तन कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
कभी प्रेग्नेंट नहीं हुई हो तो– जो महिलाएं कभी प्रेग्नेंट नहीं होती हैं, उनमें स्तन कैंसर होने की संभावना काफी अधिक हो जाती है।
शराब पीना– अधिक शराब पीने से भी ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
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ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण – Breast Cancer Symptoms in Hindi

शुरुआती स्टेज में हो सकता है कि आपको ब्रेस्ट कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण) के किसी भी प्रकार के लक्षण (महिलाओं में कैंसर के लक्षण) नजर ना आएं। कई मामलों में एक ट्यूमर को महसूस कर पाना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि वो बहुत छोटा होता है लेकिन मैमोग्राम पर स्तन में एक असामान्यता (क्या ब्रेस्ट कैंसर में दर्द होता है) को जरूर देखा जा सकता है। यदि एक ट्यूमर को महसूस किया जा सकता है तो इसका पहला साइन है कि स्तन में एक नई गांठ है, जो पहले वहां नहीं थी। हालांकि, यहां बता दें कि सभी गांठ कैंसर ( कैंसर की लास्ट स्टेज के लक्षण) नहीं होती हैं। 
हर तरह के ब्रेस्ट कैंसर (छाती के कैंसर के लक्षण) में अलग-अलग लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इनमें से अधिकतर लक्षण एक जैसे ही होते हैं लेकिन फिर भी कुछ लक्षण अलग होते हैं। सामान्य तौर पर होने वाले स्तन कैंसर के लक्षणों (breast cancer symptoms in hindi) में निम्नलिखित शामिल हैं-
– एक स्तन की गांठ (breast cancer ke lakshan) या ऊतक का गाढ़ा होना जो आसपास के ऊतक से अलग महसूस करता है और हाल ही में विकसित हुआ है।
– ब्रेस्ट में दर्द होना।
– आपके स्तन के ऊपर की त्वचा का लाल होना।
– ब्रेस्ट के सभी हिस्सों में सूजन होना।
– ब्रेस्ट मिल्क से अलग निप्पल से डिसचार्ज होना।
– निप्पल से खून जैसा डिसचार्ज होना।
– निप्पल या स्तन की त्वचा का छिलना, स्केल करना या झपकना।
– आपके स्तन के आकार या शेप में अचानक, अस्पष्टीकृत परिवर्तन होना।
–  निप्पल का मुड़ जाना।
– ब्रेस्ट की त्वचा में बदलाव होना।
– बाजू के नीचे लम्प महसूस होना या फिर सूजन होना।
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ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कैसे करें

सबसे पहले एक अच्छी रोशनी वाली जगह पर शीशे के सामने खड़ी हो जाएं और अपने ब्रेस्ट (ब्रेस्ट कैंसर की पहचान) को ध्यान से देखें। घबराएं नहीं अगर दोनों ब्रेस्ट एक जैसे शेप या साइज के ना हों क्योंकि ज़्यादातर महिलाओं में ये एक जैसे नहीं होते हैं। अब फॉलो करें ये आसान 5 स्टेप्स और हर स्टेप में ऊपर बताए स्तन कैंसर के साइन और लक्षणों को अच्छे से चेक करें-
स्टेप 1– सबसे पहले अपने हाथों को साइड में रिलेक्स रखें और ब्रेस्ट और निप्पल्स के शेप, आकार या त्वचा को ध्यान से देखें। ऊपर बताएं गए स्तन कैंसर के लक्षणों के हिसाब से चेक करें जैसे ऑरेंज पील स्किन, या निप्पल का छिलना या पकेरिंग, डिस्चार्ज वगैरह आदि तो नहीं दिख रहा है।
स्टेप 2– अब अपने कंधों को सीधा रखते हुए हाथों को पीछे की ओर ले जाएं और हिप्स पर रख लें ताकि ब्रेस्ट के नीचे के चेस्ट मसल टाइट हो जाएं। अब ध्यान से ब्रेस्ट और निप्पल्स पहले की तरह ही चेक करें। अच्छे से देखने के बाद दोनों तरफ (लेफ्ट और राइट) घूमें और दोनों साइड से भी स्तन कैंसर के लक्षणों को चेक करें।
स्टेप 3– अपनी बाज़ुओं को ऊपर करके खड़े हो जाएं और ध्यान से देखें कि कहीं दोनों निप्पल से किसी प्रकार का डिस्चार्ज तो नहीं हो रहा है। डिस्चार्ज यानी कि आपके निप्पल से दूधिया, पीला या फिर खून भरा कोई पानी तो नहीं निकल रहा है। इसके साथ ही स्तन कैंसर के अन्य लक्षणों को भी चेक करें।
स्टेप 4- अब लेट जाएं और अपने दाएं हाथ को सिर के नीचे रख लें। आप चाहें तो दाएं कंधे के नीचे छोटा तकिया या फिर तौलिये को फोल्ड करके भी रख सकती हैं। अब अपने बाएं हाथ से दाएं ब्रेस्ट को छूते हुए अच्छे से एक्सामिन करें। इसके लिए उंगलिओं को एकसाथ रख कर फिंगरटिप्स यानि उंगली के आगे वाले भाग को हल्के लेकिन फर्म हाथों से दबाएं और पूरे ब्रेस्ट को चेक करें। आपको पूरा ब्रेस्ट- ऊपर से नीचे और दोनों तरफ से, कालरबोन से लेकर नीचे (टॉप ऑफ़ एब्डोमेन) और आर्मपिट से लेकर क्लीवेज तक सारा एरिया अच्छे से चेक करना होगा।
इसे आप दो तरह से चेक कर सकती हैं। आप निप्पल से शुरू करते हुए सर्कुलर मोशन में ऊपर और फिर नीचे तक अच्छे से चेक करें। हालांकि, इस दौरान ध्यान रखें कि ऐसा करते वक्त आप अपने सभी टिशू को अच्छे से महसूस करें।
स्किन और उसके नीचे के टिशू- हल्के प्रेशर से दबाएं।
ब्रेस्ट के बीच के टिशू- मीडियम प्रेशर से दबाएं।
पीछे के डीप टिशू- फर्म प्रेशर से दबाएं। जब आप डीप टिशू पर पहुंचे तो आपको अपना रिब केज भी महसूस होना चाहिए।
इसी तरह से दोनों तरफ के ब्रेस्ट को चेक करें।
स्टेप 5– आप स्टेप 4 को शॉवर के नीचे बैठकर या खड़े होकर दोहरा सकती हैं। शॉवर के नीचे चेक स्तन कैंसर के लक्षणों को चेक कर पाना अधिक आसान होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उस वक्त आपकी त्वचा गीली होती है। 
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ब्रेस्ट कैंसर से बचने के उपाय – Prevention of Breast Cancer in Hindi

आज के वक्त में कई महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो रही हैं और इसकी वजह से कई महिलाओं की मौत भी हो जाती है। वर्तमान समय मे कैंसर के सभी प्रकार में ये एक सामान्य प्रकार हो गया है और मुख्य रूप से महिलाएं ही इस कैंसर का शिकार होती हैं। ब्रेस्ट कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर से बचने के उपाय) के मामलों के बढ़ जाने का आज तक कारण पता नहीं चल पाया है। हालांकि, यदि आप ब्रेस्ट कैंसर से खुद को सुरक्षित रखना चाहती हैं तो आपको इन घरेलू नुस्खों (ब्रेस्ट में गांठ का घरेलू उपचार) की मदद लेनी चाहिए।

नियमित तौर पर वर्कआउट करें

यदि आप प्रतिदिन या फिर हफ्ते में 4 से 5 बार व्यायाम करती हैं तो आप इसके खतरे से बच सकती हैं। इसके अलावा घर के काम करना या फिर रोजाना किसी भी प्रकार से फिजकली इनवॉल्व होने से भी आप स्तन कैंसर के खतरे से बच सकती हैं। दरअसल, शारीरिक गतिविधियां करने से शरीर में मोटापा नहीं बढ़ता है और इस वजह से स्तन कैंसर होने की संभावना भी कम होती है।

शराब का सेवन ना करें

कुछ अध्ययनों में सामने आया है कि शराब का सेवन करने से भी ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। इस वजह से शराब का कम से कम सेवन करें या फिर इसके सेवन से बचें।

स्तनपान

जिन महिलाओं ने बच्चे को स्तनपान कराया होता है, उनमें स्तन कैंसर होने की संभावना ऐसी महिलाओं से कम होती है, जिन्होंने अपने बच्चे को कभी स्तनपान ना कराया हो।

मोटापा

ब्रेस्ट कैंसर का एक कारण मोटापा भी है। इस वजह से कोशिश करें कि आप नियमित रूप से वर्कआउट करें और खुद को फिट रखें या फिर अपने मोटापे को अधिक ना बढ़ने दें। यदि आपका वजन ज्यादा होगा तो आपमें स्तन कैंसर होने की संभावना भी बढ़ जाएगी।

स्वास्थ्यवर्धक खाना खाएं

संतुलित या फिर घर का खाना खाएं, जिसमें फल और सब्जियां शामिल हों। साथ ही कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का कम सेवन करें।

डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें

डिब्बाबंद खाद्य या फिर पेय पदार्थों का कम या फिर बिल्कुल भी सेवन ना करें। इन डिब्बाबंद चीजों में रसायन होते हैं, जो एस्ट्रोजन की तरह काम करते हैं और इससे कैंसर होने की संभावना बढ़ती है।

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ब्रेस्ट कैंसर में क्या खाना चाहिए – Foods for Breast Cancer in Hindi

स्तन कैंसर में भोजन या फिर खान-पान का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है। इस वजह से जो महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित तो आपको नीचे बताई गई चीजों का ही सेवन करना चाहिए- 
– फल और सब्जियां खाएं- आपको हरी सब्जियां और फलों का सेवन करना चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है और इससे आपको जरूरी पोषण मिलता है।
– फाइबर युक्त भोजन खाएं- स्तन कैंसर पीड़ितों को फाइबर युक्त आहार खाना चाहिए।
– कम वसा वाला दूध पीएं- यदि किसी महिला को स्तन कैंसर है तो उसे कम वसा वाला दूध पीना चाहिए।
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ब्रेस्ट कैंसर में क्या नहीं खाना चाहिए

पत्ते वाली सब्जी ना खाएं- स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं को पत्तेदार सब्जियां नहीं खानी चाहिए। इससे उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
मिर्च के सेवन से बचें- स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं को कम मिर्च वाले पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
गाजर ना खाएं- इस समस्या में गाजर खाने से भी बचना चाहिए।
हालांकि, खाने के बारे में डॉक्टर से सलाह लेना अधिक लाभकारी रहता है। इस वजह से यदि आपको स्तन कैंसर है तो आपको डॉक्टर की सलाह भी जरूर लेनी चाहिए। 

महिलाओं में कैंसर के लक्षण से जुड़े सवाल और जवाब – FAQ’s

क्या ब्रेस्ट कैंसर में दर्द होता है?

हां ब्रेस्ट में दर्द होना भी ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है। इस वजह से यदि आपको नियमित रूप से ब्रेस्ट में दर्द हो रहा है तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

क्या कैंसर छूने से फैलता है?

नहीं कैंसर छूने से नहीं फैलता है।

क्या बिना ऑपरेशन ब्रेस्ट कैंसर का इलाज हो सकता है?

यदि आपको कैंसर के बारे में जल्दी पता चल जाए तो बिना ऑपरेशन भी इसका इलाज किया जा सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर होने का कारण क्या है?

ब्रेस्ट कैंसर स्तन में पाए जाने वाले सेल्स के कारण होता है। जब ब्रेस्ट में मौजूद ये सेल्स बिना किसी कंट्रोल के अचानक से जरूरत से अधिक बढ़ने लगते हैं तो ये कैंसर का रूप ले लेते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर का लेटेस्ट इलाज क्या है?

ब्रेस्ट कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर का लेटेस्ट इलाज) के लिए निम्नलिखित सर्जरी की जाती है- लुम्पेक्टोमी- यह प्रक्रिया ट्यूमर और कुछ आसपास के ऊतकों को हटा देती है, जिससे स्तन के बाकी हिस्से को बरकरार रखा जाता है। मास्टेक्टॉमी- इस प्रक्रिया में, एक सर्जन एक पूरे स्तन को निकालता है। एक डबल मास्टेक्टॉमी में, दोनों स्तनों को हटा दिया जाता है। सेंटिनल नोड बायोप्सी- यह सर्जरी कुछ लिम्फ नोड्स को हटाती है। इन लिम्फ नोड्स का परीक्षण किया जाता है। यदि इनमे कैंसर नहीं है, तो अधिक लिम्फ नोड्स को हटाने के लिए आपको अतिरिक्त सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। एक्सिलरी लिम्फ नोड डिसेक्शन- यदि एक प्रहरी नोड बायोप्सी के दौरान निकाले गए लिम्फ नोड्स में कैंसर कोशिकाएं होती हैं, तो आपका डॉक्टर अतिरिक्त लिम्फ नोड्स निकाल सकता है। कोन्ट्रालेटरल प्रोफिलेटिक मास्टेक्टॉमी- भले ही आपके केवल एक ही ब्रेस्ट में कैसर हो लेकिन इस सर्जरी की मदद से दूसरे ब्रेस्ट को भी डॉक्टर बाहर निकाल देते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि महिला की स्वस्थ ब्रेस्ट में कैंसर होने का खतरा खत्म हो जाए। इसके अलावा ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और हार्मोन थेरेपी के जरिए भी किया जाता है।

ब्रैस्ट कैंसर किस ऐज में होता है ?

ब्रेस्ट कैंसर मुख्य रूप से 45 की उम्र के बाद होता है। हालांकि, कई बार कम उम्र की महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर देखने को मिलता है।

सबसे खतरनाक कैंसर कौन सा है?

एक अध्ययन के मुताबिक पूरी दुनिया में लंग कैंसर यानी कि फेफड़ों के कैंसर के कारण मरने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक है। इसके अलावा स्टेज 4 में कोई भी कैंसर बहुत अधिक खतरनाक हो जाता है।

कैंसर के कितने स्टेज होते है?

कैंसर की 5 स्टेज होती हैं। स्टेज 0, स्टेज 1, स्टेज 2, स्टेज 3 और स्टेज 4

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