हम दोनों को एक साथ छह महीने हो चुके थे और हम एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे। अभी तक हमने शादी की बात नहीं की थी लेकिन हम दोनों ही जानते थे कि हम जिंदगी भर साथ रहना चाहते थे। मेरे parents को भी हमारे रिश्ते से कोई problem नहीं थी इसलिए अर्जुन…मेरा boyfriend उनसे मिल चुका था। एक दिन मैं बस यूं ही अर्जुन को अपने साथ घर ले गई और मम्मी पापा से मिलवाया…मेरे मिलवाने के अंदाज़ से ही वे समझ गए थे कि अर्जुन और मेरे बीच क्या है। एक दिन मेरे घर पर मैं और अर्जुन बैठकर टीवी देख रहे थे…घर पर कोई नहीं था और हम दोनों ही बहुत romantic मूड में थे..तभी अर्जुन ने कहा कि अब सही समय है जब मुझे भी उसके parents से मिलना चाहिए। “तुम्हें अब उनसे मिलना चाहिए…वो बहुत अच्छे हैं लेकिन थोड़े conservative हैं इसलिए तुम्हारी आदत पड़ने में उन्हें कुछ समय लगेगा।” मैंने हामी में सर हिला दिया। लेकिन मैं कुछ डर सी गई…क्या हुआ अगर उन्होंने मुझे पसंद नहीं किया? मेरे छोटे बाल, छोटे कपड़े और गुस्से वाला नेचर…ज़ाहिर है उन्होंने अपने बेटे के लिए ऐसी दुल्हन के बारे में तो नहीं सोचा होगा। “Um, मुझे क्या पहनकर उनसे मिलना चाहिए?” मैंने पूछा, मेरे दिमाग में मेरी वार्डरॉब घूम रही थी…मुझे अपना हर कपड़ा उसके parents को impress करने के लिए नाकाफी लग रहा था…किसी में बहुत ज्यादा प्रिंट थे तो कोई इस मौके के लिए काफी शार्ट ड्रेस थी…! “Uff, बस करो यार,” उसने कहा। “Relax, na जीन्स पहनकर आ जाना..शायद सही रहेगा।” “शायद??” मैं अपने future को लेकर किसी भी तरह का risk नहीं ले सकती थी। अर्जुन sure नहीं था इसलिए मैं अगले ही दिन शॉपिंग पर गई। मैं खुद को बदलने नहीं जा रही थी लेकिन इस मौके के लिए कुछ अच्छा और appropriate पहनना चाहती थी। कई घंटों तक बाजार में घूमने के बाद भी मुझे समझ नहीं आया कि किस तरह की इंडियन ड्रेस मुझे लेनी चाहिए…मेरे पास एक भी सलवार-सूट नहीं था और इसके लिए मैं पूरी तरह अपनी मम्मी पर डिपेंड रहती थी। लेकिन आखिर मुझे एक परफेक्ट ड्रेस मिल ही गई। FabIndia से एक लाल रंग का सूट मुझे पसंद आया…सूट formal लग रहा था और full sleeves का था….उसके साथ मुझे दुपट्टा लेने की भी जरूरत नहीं थी.. तो अब मैं तैयार थी अर्जुन के मम्मी-पापा से मिलने के लिए..एक ‘बहू’ के अवतार में!! उस दिन जब अर्जुन ने अपने घर का दरवाज़ा खोला…तो उसके expression से मैं समझ गई कि वो मुझे देखकर हैरान रह गया है लेकिन उसने ज्यादा कुछ नहीं कहा…सिर्फ कहा कि मैं अच्छी लग रही हूं। उसने मुझे अपने parents से introduce करवाया। उसके पापा रंजन शर्मा और मम्मी श्रद्धा शर्मा मुझे अच्छे लगे। हालांकि वो मेरे मम्मी पापा जैसे ‘cool’ नहीं थे लेकिन मैं जैसा सोच रही थी वैसे भी नहीं थे…बॉलीवुड के किसी फिल्मी गुस्सैल पेरेंट्स जैसे…। मुझे लगा कि वो मेरे वीडियो एडिटर होने पर बहुत ज्यादा impress नहीं हुए। एक घंटे में हमारा डिनर करना तय हुआ। तब तक हम साथ बैठकर बातें करने लगे। आधे घंटे बाद अर्जुन एक फोन पर बात करने के लिए बाहर चला गया। उसकी मम्मी किचन में चाय बनाने चली गई। मैं किचन में गई और उनसे वॉशरूम जाने के लिए पूछा। उन्होंने मुझे अपने बेडरूम का वॉशरूम use करने को कहा। वॉशरुम में जाने के बाद मुझे अहसास हुआ कि मैं बहुत बड़ी मुश्किल में पड़ गई हूं….सूट पहले कभी पहना नहीं था इसलिए उसका नाड़ा खोलते हुए मुझसे उसमें जबरदस्त गांठ लग गई!! मैंने पांच मिनट तक उसे खोलने की कोशिश की लेकिन वो मुझसे नहीं खुला….मैंने अर्जुन को मैसेज किया, “जल्दी यहां आओ..मुझे help चाहिए…” दो मिनट बाद अर्जुन बेडरूम में आया…मैंने वॉशरूम का दरवाज़ा थोड़ा सा खोलकर उसे अपनी problem बताई। “ये तुमने क्या किया यार?” उसने कुछ नाराजगी सी दिखाई। लेकिन उसका भी कसूर नहीं था…पता नहीं मैंने क्या सोचते हुए नाड़ा खोलने की कोशिश की कि वो बुरी तरह गांठ बनकर उलझ गया था। आखिर में उसने कहा कि वो खुद कोशिश करता है उसे खोलने की। वो पल मेरे लिए इतना अजीब था…मेरा boyfriend मेरे कपड़े उतारने की कोशिश कर रहा था…इसलिए नहीं कि वो मुझसे कुछ चाहता था बल्कि इसलिए ताकि मैं टॉयलेट जा सकूं!! Oh God!! अर्जुन ने वॉशरूम का दरवाजा खोला और मेरे सामने घुटने पर बैठकर मेरा नाड़ा खोलने की कोशिश करने लगा….मैं बेचारी सी बनकर उसे देख रही थी। मैं सोच रही थी कि क्या होगा अगर इस वाकये के बाद उसने मुझे छोड़ दिया?? मेरी बेवकूफी ही इतनी बड़ी थी कि…. “Yes!” उसने जोर से कहा, “लो मैंने गांठ खोल दी!” YAYY….My HERO! मैं इस बात पर अभी खुश हो ही रही थी कि मुझे एक ज़ोर से आवाज़ सुनाई दी.. “Aaaaieeeeee!!!” हम दोनों एक साथ उस आवाज़ की तरफ मुड़े। अर्जुन की मम्मी बेडरूम के दरवाजे पर खड़ी थी, उनके हाथ में चाय की ट्रे थी और वो हिल रही थी क्योंकि उनके हाथ कांप रहे थे…उनकी नजर हम पर थी…. हम पर… हम दोनों वॉशरूम में…मैंने अपना कुर्ता ऊपर उठाकर अपने ठोढ़ी के नीचे दबाया हुआ था, उनका बेटा घुटनों पर मेरे सामने बैठा था और उसके हाथों में मेरी सलवार का नाड़ा था…!! वो पल मेरी ज़िंदगी का सबसे….मतलब सबसे खराब पल था। हम तीनों शायद freeze हो चुके थे…हम तीनों चुपचाप खड़े थे…मेरे कान लाल हो चुके थे, मेरा दिल जोर से धड़क रहा था… WHAT THE F*** …..मेरे दिमाग में चल रहा था कि अब मुझे क्या करना चाहिए??? अर्जुन सबसे पहले frozen situation से बाहर आया। वो खड़ा हुआ, उसने अपना चश्मा ठीक किया और कहा, “Hi, Maa.” उसकी आवाज़ में कहीं भी कोई झिझक नहीं थी…मैं impress हो गई, हालांकि उस वक्त मुझे लग रहा था धरती फट जाए और मैं उसमें समा जाऊं….मुझे अर्जुन का रिएक्शन अच्छा लगा। “क्या…क्या हो रहा था यहां…?” उसकी मम्मी ने कहा, उनके चेहरे पर हैरानी साफ नजर आ रही थी। “इशिका की सलवार का नाड़ा उलझ गया था,” उसने कहा। “मैं बस उसकी मदद कर रहा था।” Brave, brave boy. मैं सच में उसकी इस बात से बहुत अच्छा और positive महसूस कर रही थी। “लेकिन….उसे क्या जरूरत पड़ गई…सलवार खोलने की?” उन्होंने कहा। अब मुझसे नहीं रुका गया….मैंने अपनी सलवार पकड़ी और जल्दी से बाथरूम में अंदर जाकर दरवाजा बंद कर दिया। वॉशरूम use करने के बाद मैंने चैन की सांस ली। फिर अपना चेहरा धोया..जो अभी भी लाल हो रहा था..ठीक मेरे सूट की तरह। वाह!! लाल-लाल….ऊपर से लेकर नीचे तक…टमाटर जैसी बहू!! मैंने गहरी सांस ली…खुद को संभाला और वॉशरूम से बाहर आई। कमरे में ना अर्जुन था, ना उसकी मम्मी और ना ही चाय की ट्रे। मैं लिविंग रूम में वापस आ गई। पता नहीं अर्जुन ने अपनी मम्मी से क्या कहा..लेकिन वो मुझे ignore करने लगी। उसके पापा ने मुझे बैठने को कहा और फुटबाल मैच देखने लगे। मैं उनसे बात कर रही थी लेकिन मेरा सारा ध्यान अर्जुन और उसकी मम्मी पर था जो धीरे धीरे कुछ बात कर रहे थे। थोड़ी देर बाद डिनर लग गया। मेरा मन कर रहा था कि जल्दी से ये शाम खत्म हो। मैंने जल्दी जल्दी खाना खाया और बाकी सब का डिनर खत्म होने का इंतजार करने लगी। खाना बहुत अच्छा था। टेबल से उठते ही मैंने कहा कि मुझे देर हो रही है और मैं घर जाना चाहती हूं। “Sure,” अर्जुन ने कहा। “मैं कार बाहर निकालता हूं।” “नहीं, मैं cab ले लूंगी,” मैंने कहा। मैं सिर्फ वहां से भाग जाना चाहती थी। “नहीं, अर्जुन तुम्हें घर छोड़ देगा,” उसकी मम्मी ने कहा। “रात में अकेले जाना ठीक नहीं।” यकीन नहीं हुआ…वो अभी भी अपने बेटे के साथ मुझे अकेला छोड़ने को तैयार थी!? Wow. अर्जुन ने कार की चाबी उठाई और बाहर चला गया। मैं कुछ देर रुकी और उसके मम्मी-पापा को bye किया…मन तो कर रहा था कि वहां से भाग जाऊं लेकिन वो बहुत खराब लगता इसलिए मैंने उन्हें डिनर के लिए थैंक्स कहा और अर्जुन के पीछे चली गई। उसकी मम्मी दरवाजा बंद करने के लिए मेरे पीछे आई। “बेटा, अगली बार कैंची मांग लेना, मैं तुम्हें सेफ्टी पिन भी दे सकती थी वैसे” “Thanks, आंटी..That’s very nice of you,” मैंने कहा और चली आई। कार में बैठते ही मुझे जोर से रोना आ गया। अर्जुन ने एकदम से मुझे बांहों में ले लिया। “Shhh, it’s okay,” उसने धीरे से कहा। “मैंने मम्मी को बता दिया कि क्या हुआ था। वो सुनकर हंसी।” मैं सोच रही थी उसकी मम्मी सोच रही होंगी कि उनके बेटे को एक बहुत ही बेवकूफ girlfriend मिली है। “अच्छा, सुनो,” अर्जुन ने कहा, “यह जगह हमारी बालकनी से नजर आता है और मम्मी अक्सर इस वक्त बालकनी में आ जाती हैं…” “OMG, चलो यहां से!” मैं चिल्लाई। तीन साल बाद मेरी और अर्जुन की शादी हो गई। इस दौरान हमारे रिश्ते ने कई उतार-चढ़ाव देखे। मेरे पेरेंट्स को मनाना भी आसान नहीं था। मेरे पापा अर्जुन को नापसंद करने लगे थे…उन्हें लगता था कि वो मुझे सच में प्यार नहीं करता। लेकिन समय के साथ सब ठीक हो गया। उस नाड़े वाले incident के बाद मैंने उसकी फैमिली के साथ बहुत ज्यादा वक्त नहीं बिताया और उसकी मम्मी से कभी हाय-हैलो से ज्यादा बात नहीं की। उसने जब अपने पेरेंट्स को कहा कि वो मुझसे शादी करना चाहता है वो खुश हुए और उन्होंने शादी की तैयारियां शुरू कर दी। पता नहीं अर्जुन की मम्मी ने उसके पापा को वो नाड़े वाला वाकया बताया या नहीं….शायद नहीं। शादी से पहले जब शगुन का सामान मेरे घर आया तो बहुत सारी चीजों के बीच में एक बहुत खूबसूरत सा गिफ्ट था। अर्जुन की कज़िन ने वो गिफ्ट मेरे हाथों में देते हुए कहा, “श्रद्धा आंटी की तरफ से, तुम्हारे लिए।” मेरे हाथ उसे खोलते हुए कांप रहे थे। वो एक बेहद खूबसूरत लाल रंग का अनारकली सूट था जिसकी चूड़ीदार पजामी में इलास्टिक था….नाड़ा नहीं। मैं जानती थी कि मैं अर्जुन से बहुत प्यार करती हूं….लेकिन उस दिन मुझे उसकी मम्मी से भी प्यार हो गया। 🙂 Image: Shutterstock.com यह भी पढ़ें: #MyStory: मेरा वो पहला Experience कुछ ऐसा था यह भी पढ़ें: #MyStory: मुझे मेरे बॉस से प्यार होने लगा था लेकिन…