रमजान का महीना सभी मुस्लिमों समाज के लोगों के लिए बहुत पाक महीना माना जाता है। जिसमें से एक पांच रातें शब-ए-कद्र कहलाती है। यह रात आम तौर से 27वे रमजान की मानी जाती है जिसमें मुसलमान जागते हैं और अपने गुनाहों के लिए अल्लाह से क्षमा माँगते हैं। इस रात की कोई निश्चित पहचान नहीं होने के कारण मुस्लिम समाज लगातार दस दिनों तक उपासना करने के लिए एतिकाफ यानी मस्जिद में रहकर इबादत करते हैं। तो चलिए जानते हैं शब ए कद्र की नमाज़ (Sabekadar ki Namaz) और शब ए कद्र की दुआ (Sabekadar ki Dua) के सम्बंधित पूरी जानकारी।
रमजान के महीने में शब ए क़द्र की फ़ज़ीलत (Shab E Qadr ki Fazilat) हर रोजेदार के लिए जरुरी मानी जाती है। शब ए क़द्र रमजान के आखरी दस रातों की टाक रातो में से किसी एक रात में होती है। शब ए क़द्र वह मुबारक रात है जिसमें कुरान नाज़िल हुई। रमजान की बाकी रातों से यह रात ज्यादा फ़ज़ीलत भरी यानी दया करने वाली रात मानी जाती है। इस रात में किये जाने वाली इबादत और अच्छे आमाल 1000 महीने में किये गए अच्छे आमाल के बराबर है। इस रात में मस्जिद में इबादत करे, क़ुरान पढ़े, दुरुदो-सलाम पढ़े और दुआ करे।
शब-ए-क़द्र हर साल ही किसी एक तय रात में नहीं होती बल्कि हमेशा बदलती रहती है। कोई भी दुआ तब तक अधूरी हैं जब तक दुआ करने का तरीका मालूम न हो। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार जो रात रमजान की अंतिम दस रातों की विषम संख्या वाली रातों (21,23,25,27,29) में से कोई एक है। तो चलिए आपको शब ए कद्र की नमाज़ के तरीके के बारे में बताते हैं। (Shab E Qadr ki Namaz)
21 वी शब ए कद्र की रात की नमाज (21 Shab e Qadr ki Namaz) मैं 4 रकात होती है इसमें 2 सलाम फेरे जाते हैं
- हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सुरे कद्र पढ़े - 1 बार, सुरे इख़लास -1 बार। सलाम के बाद अस्तग़फ़ार को 70 बार पढ़ें।
इसका फायदा - व्यक्ति के सभी पाप माफ कर दिए जाएंगे।
23 वी शब ए कद्र की रात की नमाज (23 Shab e Qadr ki Namaz) मैं 12 रकात होती है इसमें 6 सलाम फेरे जाते हैं
- पहले चार रकात दो सलाम के साथ इस तरह पढ़ें -
हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सुरे कद्र पढ़े - 1 बार, सुरे इख़लास -3 बार पढ़ें।
इसका फायदा - व्यक्ति के सभी पापों को माफ कर दिए जाएंगे।
- फिर 8 रकात 4 सलाम के साथ इस तरह पढ़ें -
हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सुरे कद्र पढ़े - 1 बार, सुरे इख़लास -1 बार। सलाम के बाद कलाम ई तमजीद को 70 बार पढ़ें।
कलाम ई तमजीद : Subhanallahe Wal Hamdulillahe Wa Laa ilaha illal Laho Wallahooakbar. Wala Haola Wala Quwwata illa billahil AliYil Azeem.
इसका फायदा - व्यक्ति के सभी पापों को माफ कर दिए जाएंगे।
25 वी शब ए कद्र की रात की नमाज (25 Shab e Qadr ki Namaz) मैं 10 रकात होती है इसमें 5 सलाम फेरे जाते हैं
- पहले चार रकात 2 सलाम के साथ इस तरह पढ़ें -
हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सुरे कद्र पढ़े - 1 बार, सुरे इख़लास- 5 बार। सलाम के बाद कलाम ए तैयबा को 100 बार पढ़ें और अल्लाह से अपनी माफी के लिए प्रार्थना करें।
Kalam E Tayyab: Laa ilaaha illal Lahoo Mohammadur Rasool Ullah
इसका फायदा - अल्लाह ताला से असीम दुआओं का आशीर्वाद मिलेगा।
- फिर चार रकात 2 सलाम के साथ इस तरह पढ़ें -
हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सुरे कद्र पढ़े - 3 बार, सुरे इख़लास- 3 बार। सलाम के बाद अस्तग़फ़ार को 70 बार पढ़ें
इसका फायदा - व्यक्ति के सभी पापों को माफ कर दिए जाएंगे।
- फिर दो रकात इस तरह पढ़ें -
हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सुरे कद्र पढ़े - 1 बार, सुरे इख़लास- 15 बार। सलाम के बाद कलाम ई शहादत को 70 बार पढ़ें
Kalam E Shahadat: Ashahado An Laa ilaaha illal Laho Wahtha Ho La Shareekala Hoo Wa Ash Hado Anna Mohammadan Abdo Hoo Wa Rasoolohoo.
इसका फायदा - यह नमाज़ आपको कब्र के अज़ाब से दूर रखती है।
27 वी शब ए कद्र की रात की नमाज (27 Shab e Qadr ki Namaz) मैं 26 रकात होती है इसमें 9 सलाम फेरे जाते हैं
- पहले 12 रकात 3 सलाम के साथ इस तरह पढ़ें
हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सुरे कद्र पढ़े - 1 बार, सुरे इख़लास -15 बार। सलाम के बाद अस्तग़फ़ार को 70 बार पढ़ें।
इसका फायदा - इस नमाज़ मै आपको एक पैगम्बर के नमाज़ पढ़ने बराबर सवाब मिलेगा
- फिर दो रकात इस तरह पढ़ें -
हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सुरे कद्र पढ़े - 3 बार, सुरे इख़लास -27 बार।
इसका फायदा - अल्लाह उसके सभी पिछले पापों को माफ कर देगा
- फिर 4 रकात 2 सलाम के साथ इस तरह पढ़ें -
हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सुरे तकासुर पढ़े - 1 बार, सुरे इख़लास - 3 बार पढ़ें।
इसका फायदा -अल्लाह कब्र में पीड़ा को माफ़ कर देगा और उसकी मृत्यु के दौरान पीड़ा को कम करेगा।
- फिर दो रकात इस तरह पढ़ें -
हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सुरे इख़लास 3 बार पढ़ें। इसके बाद यह दुआ पढ़े -
Astagfirulla hil azi mullazi la illaha illal la hu wal hayul khayum wa atubuilai....
इसका फायदा - अल्लाह से अपने पापों के लिए माफी पाने के लिए नमाज बहुत ही शानदार है (Sabekadar ki Namaz)। इस नमाज को पढ़ने वाला व्यक्ति अपने माता-पिता सहित अपने पापों को अल्लाह माफ कर देगा।
- फिर दो रकात इस तरह पढ़ें -
सुरे फातिहा के बाद हर रकात में आलम नश्र पढ़ें -1 बार, सूरह इखलास - 3 बार .... सलाम के बाद सुरेह क़द्र को 27 बार पढ़े
इसका फायदा - इस नमाज को पढ़ने वाला व्यक्ति बहुत लाभ मिलेगा।
- फिर 4 रकात 1 सलाम के साथ इस तरह पढ़ें -
सुरे फातिहा पढ़े जाने के बाद हर रकात में सूरह कद्र - 3 बार, सूरह इखलास - 50 बार पढ़ें .... सलाम के बाद सजदा करें और इस दुआ को पढ़ें
Subhanallahi wal hamdulillahi wal lailaha ilallahu wal lahu akbar
29 वी शब ए कद्र की रात की नमाज (29 Shab e Qadr ki Namaz) मैं 4 रकात होती है इसमें 2 सलाम फेरे जाते हैं
- 4 रकात को 2 सलाम के साथ इस तरह पढ़े-
सुरे फातिहा के बाद हर रकात में सूरह कद्र पढ़ें 1 बार, सूरह इखलास 3 बार। सलाम के बाद सूरह अलम नश्र 70 बार पढ़ें।
इसका फायदा - उस इंसान की अंतिम सांस पूरी इमान पर होगी
शब ए कद्र की रात सभी मुहम्मद साबह के अनुयायियों के लिए खास मानी जाती है। इस दिन सच्चे दिल से दुआ करना करने पर हर मुराद पूरी होती है। तो चलिए आपको बताते हैं शब ए कद्र की रात दुआ करने का सही तरीका।
اللَّهُمَّ إِنَّكَ عَفُوٌّ تُحِبُّ الْعَفْوَ فَاعْفُ عَنِّي
Allahumma inna-k afuwun karimun tuhibbul aff-va fafu aanni
अल्लाहुम्मा इन्नका अफुव्वुन तुहिब्बुल अफ़वा फ़अफु अन्नी
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