हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2021) मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं को समर्पित है। इस दिन को सेलिब्रेट का करने मुख्य उदेश्य महिलों के प्रति सामाजिक बदलाव लाना और रूढ़िवादी सोच को खत्म करना है। विश्व स्तर पर हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और निष्ठा को सराहा जाता है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में यह दिन अलग अलग तरीकों से मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारें, कैसे यह दिन कहाँ-कहाँ मनाया जाता है।
दुनियाभर के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए महिला दिवस को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। पूरे विश्व में यह दिन महिलाओं के लिए बहुत जरुरी माना जाता है। इस दिन दुनिया में महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाती है, समाधान ढूंढे जाते हैं। इस दिन को मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। शिक्षा पाकर लड़कियां आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगी तो आर्थिक आजादी के साथ समानता की भावना समाज में प्रसारित होगी। आज भी कई पिछड़े इलाकों और समुदायों में महिलाओं की स्थिति कुछ खास ठीक नहीं है, ऐसे में उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता जरूरी है। तभी वो अपनी सुरक्षा खुद कर पाएंगी, तब समाज, पुलिस और कानून भी उनकी मदद करेगा।दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिलाओं को छुट्टी दी जाती है। अफगानिस्तान, क्यूबा, वियतनाम, युगांडा, कंबोडिया, रूस, बेलरूस और यूक्रेन में 8 मार्च को आधिकारिक छुट्टी होती है।
महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की लड़ाई आज की नहीं है बल्कि बहुत पुरानी है। सदियों से महिलाएं अपने हक़ के लिए लड़ती हुई आयी है। प्राचीन ग्रीस में लीसिसट्राटा नाम की एक महिला ने फ्रेंच क्रांति के दौरान युद्ध समाप्ति की मांग रखते हुए समानाधिकार आंदोलन की शुरूआत की, फारसी महिलाओं के एक समूह ने वरसेल्स में इस दिन एक मोर्चा निकाला, इस मोर्चे का उद्देश्य युद्ध की वजह से महिलाओं पर बढ़ते हुए अत्याचार को रोकना था।
साल 1909 में 28 फरवरी को पहली बार अमेरिका में महिला दिवस (mahila divas) मनाया गया था। सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में 1908 में गारमेंट वर्कर्स की हड़ताल को सम्मान देने के लिए इस दिन का चयन किया ताकि इस दिन महिलाएं काम के कम घंटे और वेतन के लिए विरोध कर अपनी मांग कर सकें। इसके बाद साल 1913-14 में महिला दिवस युद्ध का विरोध करने का प्रतीक बनकर उभरा। इसी साल रुसी महिलाओं ने पहली बार अतंरराष्ट्रीय महिला दिवस फरवरी माह के आखिरी दिन पर मनाया और पहले विश्व युद्ध का महिलाओं ने विरेध भी किया। इसके बाद यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां की। 1975 में यूनाइटेड नेशन्स ने 8 मार्च के दिन ही वुमन्स डे (antarrashtriya mahila diwas) मनाना शुरू किया। वहीं विश्व स्तर पर पहली बार 19 मार्च, 1911 को आस्ट्रिया डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। दो साल बाद इसकी तारीख को बदलते हुए यानी 1913 में इसे 8 मार्च कर दिया गया और तब से इसे हर साल मनाया जाता है।
हर साल महिला दिवस अलग-अलग थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। यह थीम महिलाओं की सरहाने और उनकी प्रगति को दर्शाने के लिए होती है। इस साल #ChooseToChallenge के साथ सामूहिक रूप से चुनौतियों का सामना करना और महिलाओं के प्रति सकारात्मक नज़रिये को बढ़ावा देना है। साधारण शब्दों में लैंगिग भेदभाव को दूर करना है। जिससे महिलाओं का समान प्रतिनिधित्व होगा - बोर्ड रूम, सरकार, मीडिया, खेल, स्वास्थ्य दुनिया के सभी क्षेत्रों में। इंटरनेशनल वुमन्स डे #IWD2021 महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता।
इस साल 2021 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम (Women Scientists at the forefront of the fight against COVID-19) है। कोविड-19 महामारी के दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में महिला शोधकर्ताओं की छवि उभर कर आयी है। जिसकी सराहना के लिए यह थीम रखी गयी है जिससे महिलाओं को और प्रेरणा मिलें। लैंगिक भेदभाव को दूर कर महिलाओं के प्रति हर क्षेत्र में समानता का भाव हो इस आधार पर इस साल की थीम तय की गयी है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (Antarrashtriya Mahila Diwas) उन संघर्षों का प्रतीक है जो दुनिया भर में महिलाओं को समानता और अधिकार हासिल करने के लिए किये गए हैं। इसके अलावा ये दिन यह भी दर्शता है कि अभी महिलाओं का और कितने आगे जाना है। हर महिलाओं को चाहिए कि वो इस दिन को खूब एंजॉय करें और अपनी सफलताओं का बखान करें, और सभी को यह बताएं महिलाएं किसी से कम नहीं है। यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिनकी मदद से आप इस दिन को सेलिब्रेट (women's day celebration) कर सकते हैं। दुनिया भर में महिलाओं और उनके संघर्षों के बारे में अधिक जानकर खुद को शिक्षित करें। महिला समर्थक संगठन में राजनीतिक रूप से शामिल हों। सोशल मीडिया का उपयोग करके महिलाओं के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाएं। अपने जीवन में महिलाओं के लिए सहायक बनें। उन्हें बताएं कि वे आपके लिए कितना मायने रखती हैं।
अपनी जान-पहचान की महिलाओं को फूल या फिर एक पौधा गिफ्ट में देकर उन्हें हैप्पी वूमन्स डे कहें।अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ लाइनें देश की महिलाओं की प्रगति उनके संघर्षों पर लिखें और अपने ज्जबात शेयर करें।आप चाहें तो इस दिन अपने घर या फिर किसी जगह पर अपने महिला मित्रों के साथ पार्टी का भी आयोजन रख सकते हैं। पूरी दुनिया में भले ही अलग - अलग तरीके से वूमन्स डे मनाते हों पर इसका उद्देश्य हर जगह महिलाओं को समानता और सम्मान देना ही है। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह एक दिन ही निर्धारित है महिलाओं के सम्मान के लिए। घरेलू हिंसा, भ्रूण हत्या, बालात्कार, शोषण और अपमान जैसे ये घिनौने अपराध आए दिन महिलाओं के साथ होते रहते हैं और कुछ आवाजें तो बंद दरवाजों के पीछे ही दब जाती है। ऐसे में जररूत है हर किसी को अपनी सोच बदलने की। महिलाओं को पुरुष के बराबर इस समाज में समानता देनी की। महिलाएं समाज का वो आईना है जिसके बिना इस दुनिया की कल्पना भी मुश्किल है। इसीलिए उन्हें सम्मान से जीने दीजिए। इस मौके पर आप भी अपने आस पास की सभी महिलाओं को कोट्स मैसेज और प्यार भरे सन्देश भेज कर बनाएं उनका दिन स्पेशल।
पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1909 में 28 फरवरी को मनाया गया था। पूरे विश्व में इस दिन तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उदेश्य महिलाओं को समाज में समानता देने के साथ- साथ हर क्षेत्र में बढ़ावा देना और सामाजिक, राजनीतिक सहयोग देना है।
हाँ हर साल यह दिन अलग अलग थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल की थीम "Women Scientists at the forefront of the fight against COVID-19” है।
साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम “I am Generation Equality: Realizing Women's Rights'' थी।
महिलाएं किसी से कम नहीं होती यह बात तो हम सभी जानते हैं मगर महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानने की सोच भी एक महिला की थी। साल 1910 में क्लारा जेटकिन ने कोपेनहेगन में सभी वर्किंग महिलाओं की एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान यह सुझाव दिया की महिला दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाना चाहिए। इस कॉन्फ्रेंस में 17 देशों की 100 महिलाएं मौजूद थीं और सबने इस सुझाव का समर्थन किया।