अगर आपका बच्चा हर वक्त चिड़चिड़ा (Irritability) रहता है या फिर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा (Angry Child) हो जाता है तो आपको सावधान होने की जरूरत है। दरअसल, आपके बच्चे के हर समय गुस्सा (Irritable Child) रहने के कारण उसकी वेल-बींग प्रभावित होती है और फिर ये उनके नेचर में शामिल हो जाता है। इस वजह से अगर आप अपने बच्चे के हर वक्त गुस्सा रहने की समस्या को दूर करना चाहते हैं तो ये टिप्स आपके बहुत काम आएंगी।
इन तरीकों से बच्चे के गुस्से को करें हैंडल- Tips to Handle Child Irritability and Anger in Hindi
बच्चे पर वापस ना चिल्लाएं
यदि आपके बच्चे को गुस्सा (Anger Management) आ रहा है और वो चिल्ला रहा है तो कभी उस पर वापस से ना चिल्लाएं। जानकारों की मानें तो आप गुस्से को गुस्से से नहीं काट सकते हैं, इस वजह से खुद को शांत रखें ताकि आपका बच्चा इमोशनल ब्रेकआउट को हैंडल कर सके।
लोजिकली समझाएं
अपने बच्चे (Children) को आराम से समझाएं कि गुस्सा स्वास्थ्य के लिए कितना बुरा है और चिड़चिड़ा होने से आपको जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होगा। उन्हें हर तरह से ये बताएं कि गुस्से से उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक जीवन पर कैसे बुरा असर होता है। इस तरह से आपके बच्चे कुछ वक्त में अपनी समस्या को समझेंगे और खुद ही इसपर काम करना भी शुरू करेंगे।
परेशानी की जड़ तक जाएं
हो सकता है कि आपके बच्चे को कोई बात परेशान कर रही हो, जिस वजह से वह छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो रहा हो। अपने बच्चे की गुस्से की समस्या को दूर करने से पहले, जरूरी है कि आप उसकी उस समस्या तक पहुंचे और उसका समाधान निकालें। साथ ही ये भी जरूरी है कि आप समझें कि आपका बच्चा क्या चाहता है। हो सकता है कि उसे आपकी अटेंशन चाहिए हो? या फिर हो सकता है कि वो अपनी क्लास में या वैसे कुछ अचीव नहीं कर पा रहे हों और इस वजह से परेशान हों। बच्चे की परेशानी की जड़ तक जाना बहुत ही जरूरी है।
बच्चे के लिए बनें रोल मॉडल
अपने बच्चे की मदद करने का सबसे अच्छा तरीका है उनके लिए एक उदाहरण बनकर। बच्चे हमेशा अपने माता-पिता का व्यवहार देखते हैं और फिर वैसा ही करने की कोशिश करते हैं। वो हर संबंधित स्थिति में अपने माता-पिता की नकल करते हैं और वैसा ही करने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के लिए- जब आप गुस्सा हों तो दूसरों पर ना चिल्लाएं और इसका समाधान निकालने के लिए दूसरे तरीके तलाशें। अपने बच्चों को दिखाएं कि आप अपना गुस्सा कैसे मैनेज करते हैं। अर्थात अपने बच्चे के लिए रोल मॉडल बनें।