क्या आप भी हेयर ट्रांसप्लांट (Hair Transplant) कराने की सोच रहे हैं? हालांकि, इस वजह से परेशान हैं क्योंकि आपने हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर बहुत ही अलग-अलग बातें सुनी हैं? ऐसे में यदि इससे जुड़ी बहुत सारी बातें मिथक साबित हुईं तो क्या आप हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर अपना मन बदल लेंगे? दरअसल, हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर कई सारे मिथक लोगों के मन में बैठे हुए हैं और इस वजह से आज हम आपके इन मिथकों को दूर करने वाले हैं।
फैक्ट- प्रोसीजर से पहले डॉक्टर आपके सिर में एक बहुत ही बारीक सुई से एनस्थीसिया का इंजेक्शन लगाता है ताकि आपको दर्द का पता ना चले। इसके बाद आपको हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान सिर में किसी तरह का दर्द नहीं होता है।
फैक्ट- हेयर ट्रांसप्लांट के लिए पहले FUT प्रोसीजर किया जाता था जिसकी वजह से स्कैल्प पर निशान पड़ जाते थे लेकिन अब FUT के साथ DHT टेक्नीक (DHT Technique) का इस्तेमाल किया जाता है और इस वजह से आपकी स्कैल्प पर कोई निशान नहीं रहते हैं। इसे काफी अच्छे से किया जाता है। यदि पेशेंट में किलोइड्स होते हैं तो उसकी स्कैल्प पर छोटे निशान रह सकते हैं। वो भी जब छाती से बाल निकाले जाते हैं।
फैक्ट- नहीं यह बिल्कुल सच नहीं है और यह केवल एक मिथक है। ऐसा तब तक नहीं होता, जब तक पेशेंट ट्रांसप्लांट से पहले ही इस तरह की परेशानियों का सामना ना कर रहा हो। इस तरह के कोई केस नहीं हैं, जिनमें ट्रांसप्लांट के बाद पेशेंट को सिर दर्द या फिर माइग्रेन की समस्या हुई हो।
फैक्ट-ट्रांसप्लांट के बाद आपको दवाइयां लेनी होती हैं, ताकि आपके बालों की वोल्यूम (Hair Volume) और डेंसिटी उतनी ही बनी रहे।
फैक्ट- ट्रांसप्लांट किए गए बाल सामान्य बाल होते हैं, जो नियमित रूप से जिंदगीभर बढ़ते रहते हैं। हालांकि, यदि इसके बाद भी आपके बाल काफी अधिक झड़ते हैं तो उस एरिया में आपको दोबारा से ट्रांसप्लांट कराने की जरूरत होती है।
फैक्ट- एक बार बालों का ट्रांसप्लांट किए जाने के बाद आपके बाल सामान्य बालों की तरह ही बढ़ते हैं और आपको नियमित रूप से हेयरकट कराना पड़ता है। आप इन्हें शेव, डाई, कलर और स्टाइल कर सकते हैं या बढ़ा भी सकते हैं।
फैक्ट- हेयर ट्रांसप्लांट और कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं है। इस ट्रांसप्लांट के कारण आपको किसी तरह की बीमारी नहीं होती है।
फैक्ट- कोई भी यह नहीं बता सकता है कि आपने हेयर ट्रांसप्लांट (Myths About Hair Transplant) कराया है क्योंकि आपके बाल बिल्कुल नेचुरल लगते हैं। यहां तक कि ये आपके अपने बाल ही होते हैं। इस वजह से कोई आपके बालों में अंतर नहीं बता सकता है।
फैक्ट- ट्रांसप्लांट के बाद भी आपके बाल डेंस होते हैं और सामान्य ही लगते हैं। भले ही ये आपको नेचुरल डेंसिटी नहीं दे सकते लेकिन फिर भी ये सेटिस्फाइंग और अच्छे होते हैं।
फैक्ट- स्कार या फिर इंजर्ड टिशू पूरी तरह से ठीक हो गया होता है और इसका ब्लड सप्लाई भी अच्छा होता है। इस वजह से इस पर भी ट्रांसप्लांट किया जाता है।
फैक्ट- हेयर ट्रांसप्लांट का उम्र से कोई लेना देना नहीं होता है। हालांकि, यदि किसी बुजुर्ग को कोई ऐसी बीमारी है, जिसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता है तो वो हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करा सकते हैं। साथ ही उनके पास बालों के ट्रांसप्लांट के लिए उतने बाल होने चाहिए।