ग्रीन टी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद (ग्रीन टी के फायदे) होती है। हालांकि, यह भी बाकी चाय की तरह कैमेलिया साइनेंसिस के पौधे से ही आती है। पर इसे ग्रीन टी, इसके हरे रंग के कहा जाता है। ग्रीन टी की उत्पत्ति 5,000 साल पहले हुई थी लेकिन उस वक्त ये अधिकतर पूर्वी देशों में ही इस्तेमाल की जाती थी। खैर अब भारत में भी कई लोग अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने लगे हैं और इस वजह से ग्रीन टी पीने लगे हैं। माना जाता है कि वजन घटाने में ग्रीन टी (green tea peene ke fayde) काफी मदद करती है। इसके अलावा भी ग्रीन टी कई तरह से स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होती है। तो चलिए बिना कोई देरी किए आपको बताते हैं ग्रीन टी पीने के फायदे।
ग्रीन टी पीना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है लेकिन इसके फायदे बताने से पहले आपको बता दें कि कभी भी खाली पेट आप ग्रीन टी का सेवन ना करें। खाली पेट ग्रीन टी (green tea in hindi) पीने से आपको नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा ग्रीन टी कई तरह से आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होती है, तो चलिए बिना कोई देरी किए आपको इसके फायदे बताते हैं।
वजन कम करने के लिए ग्रीन टी
कई अध्ययनों में ये साबित हुआ है कि ग्रीन टी वजन घटाने में काफी सहयोगी होती है। यदि एक व्यक्ति दैनिक आधार पर इसका सेवन करता है तो प्रमुख रूप से ग्रीन टी पेट की चर्बी कम करने में मदद करती है। इसके अलावा ग्रीन टी में मौजूद कटेंचिस शरीर में गर्मी उत्पन्न करते हैं, जिसकी मदद से शरीर की कैलोरी तेजी से बर्न होती हैं।
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मधुमेह के लिए लाभकारी
मधुमेह से संक्रमित लोग यदि ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो उनके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर स्थिर बना रहता है। ग्रीन टी में पॉलीफेनोल और पोलिसांची राइड्स होता है, जो दोनों प्रकार के मधुमेह के लिए उपयोगी होता है। यहां तक कि ग्रीन टी इंसुलिन के उत्पादन को भी बढ़ा सकती है और रक्त शर्करा के स्तर को नियमित करने में मदद करती है। टाइप 2 के मधुमेह में रक्त शर्करा में वृद्धि होने के कारण आंखों, दिल और गुर्दे की परेशानी होती है और ग्रीन टी इस वृद्धि को रोकने में मदद करती है। सच कहें तो ग्रीन टी मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बेहतरीन चीजों में से एक है और इस वजह से उन्हें ग्रीन टी को अपनी दिनचर्या का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए ग्रीन टी
ग्रीन टी रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है। इसके साथ ही ये शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉ को सुधारने में भी मदद करती है। कुछ अध्ययनों के मुताबिक ग्रीन टी कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (LDL) कोलेस्ट्रॉल यानि की बुरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है। इसके साथ ही ये उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (HDL) यानि अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में सहयोग करती है।
उच्च रक्तचाप के लिए ग्रीन टी
यदि आपको हाई बीपी यानी कि उच्च रक्तचाप की समस्या रहती है तो नियमित रूप से ग्रीन टी का सेवन करने से इसे कम किया जा सकता है। दरअसल, रक्तचाप एंजियोटेंशिन-कन्वर्टिंग एंजाइम के कारण होता है। इसका उत्पादन किडनी में होता है। बीपी को नियंत्रित रखने के लिए कई दवाइयां मिलती हैं लेकिन ग्रीन टी एक प्राकृतिक अवरोधक है और रक्तचाप को नियंत्रित रखने में भी प्रभावशाली है।
कैंसर के लिए ग्रीन टी
कुछ शोधकर्ताओं के मुताबिक ग्रीन टी में पॉलीफेनॉल का स्तर काफी अधिक होता है, जो कैंसर कोशिकाओं को मारने में मदद करता है और उन्हें बढ़ने से रोकता है। हालांकि, अभी तक यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है कि ग्रीन टी किस तरह से कैंसर कोशिकाओं को प्रभावित करती है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के द्वारा प्रयोगशाला में पशुओं पर किए गए अध्ययन में पाया गया है कि चाय में जो पॉलीफेनॉल होता है, वो ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है और पराबैंगनी किरणों से होने वाले नुकसान को भी कम करता है।
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बालों के लिए ग्रीन टी
ग्रीन टी बालों की भी कई सारी समस्याओं को दूर करता है। ग्रीन टी में कुछ एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो आपके बालों की समस्याओं को कम करते हैं। ग्रीन टी में विटामिन बी होता है, जिसकी मदद से दो मुंहे बाल कम होते हैं और इसके आपके बाल सॉफ्ट भी बनते हैं। साथ ही ग्रीन टी बालों को बढ़ाने में भी मदद करती है।
ग्रीन टी के प्रकार – Types of Green Tea in Hindi
ग्रीन टी कई प्रकारों में उपलब्ध है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
– बोटल्ड या फिर आर्टिफियल स्वीटनर के साथ
– टी बैग में
– पत्ती के रूप में
– इंस्टेंट पाउडर के रूप में
– ग्रीन टी सप्लीमेंट, जो कैप्सूल या फिर लिक्विड एक्स्ट्रेट के तौर पर बेची जाती है।
2010 में अमेरिकन केमिकल सोसायटी में प्रदर्शित की गई एक रिसर्च के मुताबिक बोतलबंद बंद चाय, पीसी हुई चाय का मुकाबला नहीं कर सकती क्योंकि बोतलबंद चाय में कम पॉलीफेनोल्स होता है।
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ग्रीन टी बनाने की विधि – Green Tea Kaise Banaye
ग्रीन टी (green tea kaise banti hai) को 2 तरह से बनाया जाता है। एक ग्रीन टी बैग के जरिए और दूसरा खुली पत्तियों के जरिए।
ग्रीन टी बनाने के लिए सामग्री
– यदि आप खुली पत्तियों वाली ग्रीन टी बनाते हैं तो आपको उसके लिए 1 चम्मच ग्रीन टी और अगर आप टी बैग से बनाती हैं तो आपको एक ग्रीन टी बैग और एक कप पानी की जरूरत है। इसके साथ में आपको शहद और चीनी की आवश्यकता है।
– अब एक पैन लें और इसमें पानी को उबाल लें।
– पत्तियों वाली ग्रीन टी बना ( green tea banane ka tarika) रहे हैं तो पानी को उबालने के बाद उसमें पत्ती डाल दें और कुछ देर के लिए ढक दें। 2 मिनट बाद इसे छान लें और कप में डाल लें। साथ ही इसमें स्वादानुसार चीनी या शहद डालें और पी लें।
– अगर आप टी बैग वाली ग्रीन टी बना रही हैं तो कप में गर्म पानी डालें और इसमें बैग डालें। अब इसमें स्वादानुसार चीनी या फिर शहद डालें और पी लें।
ग्रीन टी के नुकसान – Green Tea ke Nuksan
देखा जाए तो व्यस्क लोगों को ग्रीन टी का सेवन करने से कोई नुकसान (ग्रीन टी पीने के परहेज) नहीं होता है। हालांकि, फिर भी ग्रीन टी के कुछ दुष्प्रभाव हैं जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए।
– कैफीन संवेदनशीलता– यदि आपको कैफीन आधारित चीजों से परेशानी होती है तो ग्रीन टी का सेवन करने से आपको अनिद्रा, चिंता, चिड़चिड़ापन, मतली या पेट खराब होने का अनुभव कर सकते हैं।
– ब्लड थिनर – जो लोग रक्त पतला करने वाले (एंटीकोगुलेंट ड्रग्स) जैसे कि कौमाडिन / वारफेरिन का सेवन करते हैं उन्हें ग्रीन टी का सेवन सावधानी से करना चाहिए। साथ ही हो सके तो ऐसे लोगों को ग्रीन टी और एस्पिरिन के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि ये दोनों प्लेटलेट्स के क्लॉटिंग प्रभावशीलता को कम करते हैं।
– अन्य स्टिम्युलेट्स– यदि आप ग्रीन टी को स्टिम्युलेट्स के साथ लेते हैं तो इससे आपका ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ सकता है।
ग्रीन टी सप्लीमेंट को एफडीए द्वारा अनरेगुलेटे किया जाता है और शायद इसमें कुछ अन्य सब्सटांस भी होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होते हैं। इस वजह से किसी भी जड़ी बूटी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
इस वजह से गर्भवती या फिर ब्रेस्टफीडिंग महिला या जिन्हें दिल और हाई ब्लड प्रेशर, किडनी या लिवर, पेट में अल्सर, आदि समस्याएं हैं उन्हें ग्रीन टी के सप्लीमेंट नहीं लेने चाहिए।
ग्रीन टी से जुड़े मिथक और तथ्य
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फैक्ट्स
– ग्रीन टी में कैफीन होता है और यह एक फैक्ट है। एलसीईडी ग्रीन टी में भी कम से कम 15 मिलीग्राम कैफीन होता है। अगर आप काफी अधिक ग्रीन टी पीते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए और आपको ये पता होना चाहिए कि इसमें कैफीन होता है।
– कई लोगों को लगता है कि ग्रीन टी आपकी दैनिक पेय जरूरतों को पूरा नहीं करता है। हालांकि, कुछ अध्ययन के अनुसार कैफीन पीने से आपके हाइड्रेशन स्टेटस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि, अधिक कैफीन का सेवन करने से आपका फ्लुइड कंस्पशन कम हो सकता है। इस वजह से मोडरेशन में इसका सेवन करें।
– इस चाय में नेचुरल प्लांट कंपाउंड होता है, जिसे फ्लेवेनॉइड कहते हैं। यह दिल संबंधी बीमारियों को कम करने में मदद करता है। फ्लेवेनॉइड के प्रभाव को बढ़ाने के लिए फ्रेश ब्रूड टी पीना फायदेमंद है। इस वजह से फ्रेश चाय में थोड़ा नींबू और ऑरेंज का रस डालकर पीएं। इससे फ्लेवेनॉइड प्रिजर्व रहता है।
मिथक
– डिकैफ़िनेटेड चाय में भी थोड़ा बहुत कैफीन होता है। इस तरह की चाय में 2 से 10 मिलीग्राम तक कैफीन होता है। इस वजह यदि आप कैफीन फ्री चाय ढूंढ रहे हैं तो हर्बल टी आपके लिए बेस्ट है। अगर आप कैफीनेटेड चीज ढूंढ रहे हैं ध्यान रखें कि अलग-अलग चाय में अलग-अलग मात्रा में कैफीन होता है।
– कई महिलाएं गर्भावस्था के दौरान सामान्य चाय की जगह हर्बल चाय का सेवन करने लगती हैं लेकिन ये सुरक्षित नहीं होता है। कुछ हर्बल चायों में इस तरह की चीजें होती हैं, जो बच्चे पर गलत प्रभाव डाल सकती हैं। इस वजह से अगर गर्भवती हैं तो हर्बल चाय को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
– ग्रीन टी पीने से वजन जरूर कम होता है लेकिन ऐसा एक ही दिन में नहीं हो जाता है। यह मिथक ग्रीन टी के फैक्ट से ही उपजा है। अगर आपको लगता है कि सिर्फ ग्रीन टी पीने से आपका वजन तेजी से कम हो जाएगा तो ऐसा नहीं होगा। इसके लिए आपको व्यायाम समेत अपनी डाइट में भी कई बदलाव करने होंगे।
– सभी चायों की एक एक्सपायरी डेट होती है। इस वजह से अगर आपको लगता है कि चाय की एक्सपायरी डेट नहीं होती तो सावधान हो जाएं। किसी भी चाय पत्ती की शेल्फ लाइफ 6 महीनों की होती है। इसके बाद इसमें पाए जाने वाले तत्वों का प्रभाव कम हो जाता है या फिर खत्म हो जाता है।
ग्रीन टी से जुड़े सवाल और जवाब- FAQ
1. ग्रीन टी में नींबू डालकर पीने के फायदे क्या हैं ?
ग्रीन टी में नींबू डालने (लेमन ग्रीन टी के फायदे) से चाय का स्वाद तो बढ़ता ही है बल्कि साथ ही ये फायदेमंद भी होती है। हालांकि, आप चाहें तो बिना नींबू डालें भी ग्रीन टी पी सकते हैं। इससे ग्रीन टी (ग्रीन टी में नींबू) के फायदों पर कोई प्रभाव नहीं होता है।
2. ग्रीन टी पीने का सही टाइम क्या है?
ग्रीन टी पीने का सही समय सुबह के 11 या 12 बजे है। ऐसा इसलिए क्योंकि 10 बजे तक अमूमन लोगों का नाश्ता हो जाता है। इसके बाद नाश्ता पचाने के लिए ग्रीन टी बहुत कारगर होती है। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है और दिन भर आपको चुस्त भी महसूस होता है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि आप कभी भी खाली पेट ग्रीन टी का सेवन ना करें।
3. ग्रीन टी का पौधा कैसा होता है?
ग्रीन टी एक प्रकार की चाय होती है, जो कैमेलिया साइनेन्सिस नामक पौधे की पत्तियों से बनाई जाती है। इसके बनाने की प्रक्रिया में ऑक्सीकरण न्यूनतम होता है। इसका उद्गम चीन में हुआ था और आगे चलकर एशिया में जापान से मध्य-पूर्व की कई संस्कृतियों से संबंधित रही। इसके सेवन के काफी लाभ होते हैं।
4. लिप्टन ग्रीन टी के फायदे क्या है?
लिप्टन ग्रीन टी चूंकि एक हरी चाय यानी कि ग्रीन टी है इस वजह इसके सेवन से आपको ग्रीन टी से संबंधित सभी लाभ होते हैं। लिप्टन ग्रीन वजन घटाने में मदद करती है, हड्डियों को मजबूत करती है। इसके अलावा यह बालों और त्वचा के लिए भी फायदेमंद होती है।
5. एक दिन में कितनी बार ग्रीन टी पीनी चाहिए?
कभी भी खाना खाने के तुरंत बाद ग्रीन टी ना पीएं। खाने के कम से आधे से एक घंटे बाद ही ग्रीन टी पीएं। इसके अलावा प्रतिदिन 2 से 3 बार ही ग्रीन टी पीएं।
6. किन लोगों को ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए?
दिल संबंधी परेशानी के मरीज, हाई बीपी की समस्या वाले लोग, गर्भवती महिलाएं और एंजाइटी वाले लोगों को ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए।
7. वजन घटाने के लिए मुझे किस वक्त ग्रीन टी पीनी चाहिए?
यदि आप वजन घटाने के लिए ग्रीन टी का सेवन कर रही हैं तो आपको सुबह के नाश्ते के बाद एक बार और शाम में एक बार ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा अगर आप सही में अच्छे नतीजे देखना चाहती हैं तो अपनी डाइट का भी ध्यान रखें और साथ में व्यायाम भी करें।
8. सोते समय ग्रीन टी पीने के फायदे क्या हैं ?
रात में सोने से पहले ग्रीन टी पीने के भी कई फायदे होते हैं। इसे पीने से आपको रात में अच्छी नींद आती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें पाए जाने वाले कंपाउंड और ऐंटिऑक्सिडेंट्स आपके शरीर और दिमाग दोनों को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा ग्रीन टी स्ट्रेस कम करने में भी मदद करती है।
9. क्या सुबह खाली पेट ग्रीन टी पीने का फायदा है?
नहीं, खालाी पेट कभी ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए। खाली पेट ग्रीन टी पीने की वजह से कई लोगों को एसिडिटी की समस्या हो जाती है। इसके अलावा ग्रीन टी में कैफीन होता है, जिससे कुछ लोगों को कब्ज की समस्या भी होती है।
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