ब्यूटी की दुनिया में धीरे-धीरे मल्टी-मास्किंग (Multi Masking) का कॉन्सेप्ट मशहूर हो रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि चेहरे के अलग-अलग हिस्सों की अलग-अलग ज़रूरते होती हैं। उदाहरण के लिए जिन महिलाओं की कॉम्बिनेशन स्किन होती है उन्हें पूरे चेहरे के लिए मॉइश्चराइज़िंग मास्क (Moisturising Mask) लगाने की ज़रूरत नहीं होती है। इस वजह से बेहतर की वो एंटी एक्ने मास्क का इस्तेमाल केवल प्रभावित हिस्सों में ही करें और बाकी के चेहरे पर किसी अन्य मास्क का इस्तेमाल करें। इससे चेहरे पर ब्रेकाउट की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।
क्या होता है मल्टी मास्किंग? What Is Multi Masking in Hindi
मल्टी मास्किंग का कॉन्सेप्ट है कि आप अपने चेहरे के अलग-अलग हिस्सों पर अलग-अलग फेस पैक या फिर फॉर्मुला का इस्तेमाल करें ताकि आप अपनी त्वचा के अनुसार सही प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर सकें। उदाहरण के लिए टी-जॉन का ऑयल कंट्रोल करने के लिए ऑयल कंट्रोल मास्क, चिन के लिए हाइड्रेटिंग मास्क (Hydrating Mask) और गालों के लिए डीप क्लींज़िंग मास्क (Deep Cleansing Mask) का इस्तेमाल करें। इससे आपके चेहरे को सही पोषण मिलेगा। सबसे अच्छी बात ये है कि आप अपनी त्वचा की ज़रूरत के हिसाब से मास्क को कस्टमाइज़ कर सकती हैं और इससे आपकी त्वचा स्वस्थ भी रहती है।
मल्टी मास्किंग के फायदे
इन बातों का रखें ध्यान
ध्यान रहे कि आप अपने स्किन टाइप और स्किन से जुड़ी समस्या के आधार पर मास्क का चयन करें। साथ ही ये भी ज़रूरी है कि आप जिस प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें, उसमें आपकी त्वचा के अनुकूल सामग्री का इस्तेमाल किया गया हो।