अगर आपको भी मेकअप करना पसंद है तो आप ये अच्छे से जानती होंगी कि मेकअप के लिए प्राइमर कितना ज़रूरी होता है। दरअसल, प्राइमर मेकअप का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्टेप होता है। केवल प्राइमर ही नहीं बल्कि आई प्राइमर भी इतना ही अधिक ज़रूरी होता है। बाजार में बहुत सारी आकर्षक ब्रांड्स हैं, जो कई तरह के प्राइमर और आई प्राइमर उपलब्ध कराती है। हालांकि, अगर आप फिर भी ये डिसाइड नहीं कर पा रही हैं कि आपको कौन सा आई प्राइमर खरीदना चाहिए तो हम यहां आपको बेस्ट आई प्राइमर (Eye Primer) के बारे में बताने वाले हैं।
यदि आपकी ऑयली स्किन है तो आपको सैलिसिलिक एसिड युक्त आई प्राइमर का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन लड़कियों की त्वचा ऑयली होती है उन्हें मैट प्राइमर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वहीं, यदि आपकी त्वचा ड्राय है तो आपको जेल आई प्राइमर या फिर इल्युमिनेटिंग आई प्राइमर का प्रयोग करना चाहिए। नॉर्मल या फिर कॉम्बिनेशन स्किन वाली महिलाएं किसी भी तरह के आई प्राइमर का इस्तेमाल कर सकती हैं।
ऑयली त्वचा वालों को हर मौसम में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि मेकअप के दौरान भी उन्हें अपनी ऑयली स्किन का खयाल रखना पड़ता है। ऐसे में आई शैडो से लेकर फाउंडेशन और आई प्राइमर तक का भी उन्हें ध्यान से चुनाव करना पड़ता है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया तो स्किन पर मेकअप अधिक वक्त तक नहीं टिका रह पाएगा। इसलिए ज़रूरी है कि आप वॉटर बेस्ड आई प्राइमर का इस्तेमाल करें। आप चाहें तो टू फेस्ड आई शैडो इंशोरेंस ग्लिटर ग्लू प्राइमर का इस्तेमाल कर सकती हैं। ये आपकी ऑयली लिड्स पर आई शैडो की ग्रिप बनाए रखने में मदद करेगा। साथ ही आपकी आई शैडो की ग्रिप लंबे वक्त तक बनी रहेगी।
अगर आपकी स्किन ड्राय है या फिर आंखों के आस पास झुर्रियां और फाइन लाइन्स है तो आपको बता दें कि कुछ ऐसे आई प्राइमर्स हैं, जो आपके लिए बहुत फायदेमंद हैं। जल्दी से सूख जाने वाला आई प्राइमर भी ड्राय स्किन के लोगों के लिए अच्छा होता है। हालांकि, आज कल बहुत सारे आई प्राइमर में एंटी-एजिंग और स्किन नरिशिंग सामग्री होती हैं। जैसे एलोवेरा, विटामिन ई, ग्लिसरीन आदि। इसलिए यदि आपकी स्किन ड्राय है तो आप मिलानी आई शैडो प्राइमर का इस्तेमाल कर सकती हैं।
अगर आपकी आंखें या फिर आंखों के आस-पास का हिस्सा आसानी से लाल हो जाता है, तो आपको आई प्राइमर का चुनाव करते वक्त अधिक सावधान रहने की ज़रूरत है। अगर आपकी स्किन बहुत ज़्यादा सेंसिटिव है तो आपको थोड़े अधिक क्रीमी फॉर्मुले वाले आई प्राइमर खरीदने चाहिए। साथ ही आपको लिक्विड की जगह क्रीमी आई शैडो बेस चुनने चाहिए।
अगर आपको लगता है कि आपका आई शैडो कभी कभी काफी ब्लैंड दिखाई देता है, तो आप सही आईलिड प्राइमर का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे आपकी आंखों की ब्राइटनेस बढ़ जाएगी। इसके लिए आपको लाइट टोन के प्राइमर या फिर बेस का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए व्हाइट आई प्राइमर या फिर आई बेस परफेक्ट ऑप्शन है। वहीं अगर आप डार्क आई मेकअप कर रही हैं तो आप ब्लैक आई प्राइमर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
जब भी आप बिना प्राइमर के आई शैडो लगाते हैं तो उससे आपका मेकअप कुछ ही देर में फेड होने लगता है। दिन के वक्त बिना आई प्राइमर के आई शैडो लगाने से आपकी आंखें ग्रीसी दिखने लगती है और अधिक ऑयल निकलने की वजह से आपकी आईशैडो फेड होने लगती है। इस वजह से आई शैडो लगाने से पहले आई प्राइमर का इस्तेमाल करना बेहद ज़रूरी होता है। इससे आपकी आईशैडो लंबे वक्त तक टिकी रहती है।
अगर आपको आई शैडो लगाने में काफी परेशानी होती है तो आपको बता दें कि आई प्राइमर लगाने से आपकी ये परेशानी खत्म हो जाएगी। साथ ही आई प्राइमर के बाद आई शैडो लगाने से आपका समय भी बचेगा और आप ज़्यादा अच्छे से शैडो लगा पाएंगी।
आप आईलाइन लगाने से पहले भी आई प्राइमर को लगा सकती हैं। इससे आपकी फ्लिक एक दम परफेक्ट बनेगी। साथ ही आपका आईलाइनर अधिक निखर कर आता है। आई मेकअप प्राइमर के ऊपर आईलाइनर लगाने से ये ज़्यादा इवनली लगता है।
क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि आई मेकअप करने के आधे दिन बाद आपकी आंखें पूरी तरह से ऑयली और क्रीस्ड हो जाती हैं? अगर ऐसा है तो आपको ये काफी बुरा भी लगता होगा। इस वजह से अगर आप चाहती हैं कि आई मेकअप करने के बाद क्रीज़िंग न हो तो आपको पहले आई प्राइमर लगाना चाहिए।
फेस प्राइमर और आई प्राइमर के बीच सबसे बड़ा अंतर फॉर्मुले का होता है। अधिकतर फेस प्राइमर में सिलिकॉन होता है, जो पोर्स को फिल करते हैं और इंपरफेक्शन को फिल करते हैं। वहीं दूसरी ओर आई प्राइमर में खास फॉर्मुले का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही ये आई मेकअप की ग्रिप को बनाए रखता है।
हां, आप फेस प्राइमर का इस्तेमाल आंखों के आस-पास और नीचे के हिस्से पर कर सकती हैं। इस तरह के प्राइमर आई कंसीलर को उसकी जगह पर रखते हैं। हालांकि, यदि आप आई मेकअप करने का प्लान कर रही हैं तो आपको आंखों के नीचे और आस-पास के हिस्से पर आई प्राइमर का भी इस्तेमाल करना चाहिए।
यदि आपके पास आई प्राइमर नहीं है तो आप उसकी जगह एलोवेरा जेल, कंसीलर, हाइलाइटर या फिर लिपग्लॉस का इस्तेमाल कर सकती हैं। दरअसल, ऐलोवेरा जेल आपकी आईलिड को मोइश्चराइज़ करता है और साथ ही इसमें ऑयल भी नहीं होता है। एक बार इसे लगाने के बाद सूखने दें और फिर आई शैडो को लगाएं। वहीं कंसीलर लाइटवेट होते हैं और आई प्राइमर का काम करते हैं। आप चाहें तो हाइलाइटर का इस्तेमाल भी बेस के तौर पर कर सकती हैं। ये न केवल आपकी पिगमेंटिड लिड को कवर केरगा बल्कि आपके आई शैडो की ग्रिप को भी बनाए रखेगा। लिप ग्लॉस भी आपकी आई शैडो की ग्रिप को बनाए रखने में मदद करता है।