दरअसल, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर इंसान की एक राशि (zodiac) होती है और हर एक राशि का अपना स्वभाव। उसी तरह हर राशि के कुछ चाहने वाले होते हैं मित्र या दोस्त कहते हैं और वहीं अहित चाहने वाले जिन्हें शत्रु या दुशमन कहा जाता है। तो आइए जानते हैं राशि अनुसार कि आपकी किन राशि के जातकों से अच्छी दोस्ती हो सकती है और किन राशि के जातकों से बिल्कुल भी नहीं पटेगी -
मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल होता है इसीलिए इनमें लीडरशीप की भावना दूसरी राशि के लोगों की तुलना में अधिक होती है। इनके लिए कर्क, तुला और धनु मित्र राशियां हैं जबकि मिथुन, सिंह और कन्या शत्रु राशियां हैं।
इस राशि का स्वामी ग्रह शुक्र होता है, जोकि धन- वैभव, रिश्ते, सौंदर्य प्रधान जैसे विषयों को प्रभावित करता है। ये लोग जन्म से ही जिद्दी और अडियल स्वभाव के होते हैं। इसीलिए इन्हें दोस्ती और दुश्मनी बड़ी सोच-समझ कर ही करने चाहिए। इनके लिए कन्या, मकर और कुम्भ राशियां मित्र हैं जबकि वृश्चिक और धनु शत्रु राशियां हैं।
इस राशि का स्वामी ग्रह बुध होता है। ये लोग बातों के बेताज बादशाह होते हैं। कैसे और किसे अपना दीवाना बनाना है ये उसमें मास्टर होते हैं। लेकिन बहुत से लोग इनकी इसी बातों से जलते भी हैं। ऐसे में इन्हें बेहद सावधान रहने की आवश्यकता होती है। इनके लिए कन्या, तुला और कुम्भ सबसे अच्छी मित्र राशियां हैं जबकि, मेष, कर्क, वृश्चिक शत्रु राशियां हैं।
इस राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा होता है। ये लोग अपने उत्तम विचारों और कमाल की कल्पना शक्ति के कारण जाने जाते हैं। लेकिन दूसरे लोग इनकी भावनाओं मजाक उड़ाते हैं जो इन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं होता है, ऐसे में दुशमनी मोल ले लेते हैं। इसी कारण इनके लिए तुला, वृश्चिक, मीन और कुम्भ मित्र हैं, जबकि सिंह, मिथुन और कन्या शत्रु राशियां साबित होती हैं।
इस राशि का स्वामी ग्रह सूर्य होता है। ये लोग फुल ऑफ एनर्जी और पॉजिटिव सोच के मालिक होते हैं। ये जहां भी जाते हैं अपनी छाप जरूर छोड़ आते हैं। अलग और खास दिखने की वजह से इनके दोस्त कम दुश्मन ज्यादा ही होते हैं। इनके लिए मेष, वृश्चिक और मीन मित्र हैं, जबकि तुला, धनु, कर्क और मकर शत्रु राशियां हैं।
इस राशि का स्वामी ग्रह बुध होता है। इन्हें दुनिया की अच्छी समझ होती है और साथ लोगों के व्यक्तित्व की भी। इसीलिए ये बड़ा सोच-समझकर दोस्ती करते हैं। इनके लिए वृष, कुम्भ और मकर मित्र राशियां हैं, जबकि धनु, मेष और कर्क परम शत्रु हैं।
इस राशि का स्वामी ग्रह शुक्र होता है, इसीलिए गुस्से पर और फिजूल की बातों पर कंट्रोल करना इन्हें बखूबी आता है। इनके लिए मिथुन, कर्क और कुम्भ अच्छी मित्र राशि साबित होंगी वहीं धनु और मीन राशि वालों से इनकी बिल्कुल भी पटती नहीं है।
इस राशि का स्वामी ग्रह मंगल होता है। ये लोग बेहद चतुर और तेज दिमाग के होते हैं। इन्हें सर्वगुण संपन्न कहना गलत नहीं होगा क्योकि ये हर काम को बेहतरीन तरीके से करते हैं और वो भी शांत रहकर। इसीलिए इन्हें शांति प्रिय लोग पसंद हैं और शोर-शराबे वाले लोग कम। इनके लिए सिंह, कर्क और मीन मित्र राशियां हैं, जबकि मकर, मिथुन और कन्या राशि के लोग इन्हें पसंद नहीं होते हैं और ये उनसे दूरी बनाकर रहते हैं।
इस राशि का स्वामी ग्रह गुरू होता है। ये लोग सिंपल लिविंग हाई थिकिंग पर विश्वास करते हैं और उसी राह पर भी चलते हैं। इन्हें चालाक और अडियल लोग बिल्कुल भी पसंद नहीं आते। इसी कारण इनके लिए वृश्चिक, कर्क और मीन उत्तम मित्र होते हैं, वहीं वृष, मेष और तुला शत्रु राशियां हैं।
इस राशि का स्वामी ग्रह शनि होता है। ये लोग काफी महत्वाकांक्षी भी होते हैं। हर काम को पूरी लगन और मेहनत के साथ समय पर ही पूरा करते हैं। इन्हें ऐसे काम करना ज्यादा पसंद होता है जो इन्हें भीड़ से अलग दिखाए। इनके लिए वृष, कन्या और कुम्भ राशी मित्र हैं, जबकि सिंह, वृश्चिक और मीन राशियां शुभ नहीं होती हैं।
इस राशि का स्वामी ग्रह शनि होता है। इन्हें हर दशा में खुद को ढालना आता है। कोई भी बदलाव इनको बेचैन नहीं करता। लेकिन ये गलत को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते हैं। इनके लिए वृष, कन्या और कुम्भ राशी मित्र हैं, जबकि सिंह, वृश्चिक और मीन राशियां शत्रु।
इस राशि का स्वामी ग्रह गुरू होता है। ये लोग काफी केयरिंग नेचर के होते हैं और हमेशा दूसरों की मदद के लिए सबसे पहले खड़े होते हैं। लेकिन बहुत से लोग इनकी इसी खूबी का गलत फायदा उठाते हैं। इनके लिए कर्क, धनु और वृश्चिक मित्र हैं, जबकि वृष, तुला और कुम्भ शत्रु राशियां हैं।