भारत सहित दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैला रहा है। भारत सरकार ने इस वायरस की चेन को तोड़ने के लिए 31 मार्च तक देश के हिस्सों को लॉकडाउन यानि कि पूरी तरह से बंद करने का निर्णय ले लिया है। जी हां, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को उन 75 जिलों को लॉकडाउन करने को लेकर निर्देश जारी करने को कहा है जिनमें कोरोना के पॉजीटिव केस आए हैं। यहां आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। दुनियाभर में बात करें तो इस महामारी के कारण दुनिया के करीब 35 देशों ने लॉकडाउन किया है। सबसे पहले चीन ने वुहान शहर को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया। इसके बाद इटली, ब्रिटेन, स्पेन आदि देशों ने भी लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा, अमेरिका ने कैलिफोर्निया को लॉकडाउन कर दिया है।
देश की राजधानी दिल्ली सहित यूपी, बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और नगालैंड जैसे तमाम राज्यों ने पूरे राज्य या कुछ जिलों में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। कोरोना के चलते लॉकडाउन करने वाला राजस्थान पहला राज्य था। इसके बाद दिल्ली और फिर बिहार व तेलंगाना को भी 22 मार्च देर शाम लॉकडाउन कर दिया गया है। इसी के साथ यूपी के 16 जिलों को 25 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया गया है। ये जिले हैं- लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, आगरा, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, सहारनपुर, मेरठ, आजमगढ़, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत। इसी के साथ कई राज्य सरकारों ने ये भी घोषणा की है कि अन्य जिलों की भी समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर लॉकडाउन आगे बढ़ाया जाएगा। दूसरे चरण में कुछ और जिलों को भी लॉक डाउन किया जा सकता है। वहीं नेपाल से सटे यूपी के जिलों में खास सतर्कता बरती जा रही है।
किसी देश या शहर को लॉकडाउन करने का मतलब होता है कि इस दौरान कोई भी शख्स घर से बाहर नहीं निकल सकता है। लॉकडाउन एक तरह से आपातकाल व्यवस्था होती है या आप इसे एक तरह का कर्फ्यू कह सकते हैं। लेकिन कई जगहों पर लॉकडाउन के अपवाद भी हैं। इसे सरकार अपने देश के हालातों को देखते हुए अपने नियम-कानून बनाकर जोड़ सकती है। भारत की स्थिति में लॉकडाउन का फैसला देशहित में के लिए लिया गया है। इसमें किसी तरह का प्रशासनिक दबाव नहीं है। यह एक तरह से नैतिक दबाव ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जाए।
साल 2020 से पहले भी कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति बन चुकी है। ऑस्ट्रेलिया में साल 2005 में न्यू साउथ वेल्स पुलिस फोर्स ने दंगा रोकने के लिए लॉकडाउन किया था। इसके बाद अमेरिका में 9/11 के आतंकी हमले के बाद वहा 3 दिन के लिए लॉकडाउन किया गया था। फिर 19 अप्रैल, 2013 को बोस्टन शहर को आतंकियों की खोज के लिए लॉकडाउन कर दिया गया था। आखिर में साल 2015 में पेरिस हमले के बाद संदिग्धों को पकड़ने के लिए साल 2015 में ब्रुसेल्स में पूरे शहर को लॉकडाउन किया गया था। उसके बाद से पूरी दुनिया में इस एक साथ इस तरह लॉकडाउन की स्थिति पहली बार बनी है।