“अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा” बचपन में लेखक राहुल सांकृत्यायन का ये घुमक्कड़- शास्त्र तो आपने पढ़ा ही होगा। अगर नहीं भी पढ़ा तो हम बता दें कि इसका मतलब है, घूमने की भरपूर जिज्ञासा होना। अगर देखा जाए तो हम सभी में यह जिज्ञासा कूट- कूट कर भरी होती है। हम दुनिया की सैर करना चाहते हैं और इसके लिए समय मिलते ही वेकेशन पर निकल जाते हैं। कुछ लोगों को घूमने के लिए समंदर का किनारा पसंद होता है तो कुछ लोग छुट्टी की बात आते ही किसी हिल स्टेशन की सैर पर निकल जाना चाहते हैं।
अगर आप भी उन दूसरी तरह के लोगों की श्रेणी में आते हैं तो उत्तराखंड का ‘क्वीन ऑफ हिल्स’ मसूरी आपके लिए परफेक्ट हॉलिडे डेस्टिनेशन है। आज भी हनीमून मनाने के लिए मसूरी, कपल्स की फेवरिट जगह है। …और सिर्फ हनीमून ही क्यों, फैमिली ट्रिप प्लान करने के लिए भी मसूरी को उत्तराखंड का सबसे अच्छा हिल स्टेशन माना जाता है।
वैसे तो मसूरी में घूमने के लिए छोटी- बड़ी कई जगह हैं, मगर हम आपको ‘क्वीन ऑफ हिल्स’ यानि पहाड़ों की रानी मसूरी की 7 ऐसी जगहों के बारे में बता रहे हैं, जहां जाए बिना आपकी मसूरी सैर अधूरी रह जाएगी।
केम्पटी फॉल्स मसूरी का सबसे बड़ा टूरिस्ट अट्रैक्शन है। हर मौसम में यहां पर्यटकों की अच्छी- खासी भीड़ जमा रहती है। खासतौर पर गर्मियों में तो यहां पैर रखना भी मुश्किल हो जाता है। यहां वॉटरफॉल के नज़दीक जाकर नहाने का मज़ा ही कुछ और है। वैसे केम्पटी फॉल्स का पूरा आनंद लेना है, तो वहां ज़रूर जाइये, जहां से यह वॉटरफॉल शुरू हो रहा है।
इसके लिए केम्पटी फॉल जाते समय रास्ते में ऊपर की ओर जाती हुई कुछ संकरी सीढ़ियां मिलेंगी। बस आप भी चल दीजिए इन सीढ़ियों के साथ। ये आपको केम्पटी फॉल्स के भी ऊपर ले जाएंगी, जहां का नज़ारा केम्पटी फॉल से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत होता है। इस जगह पर आपको छोटे- छोटे कई वॉटर फॉल मिल जाएंगे, जो बाद में मिलकर केम्पटी फॉल्स बन जाते हैं। साथ ही इस जगह पर आपको अपने फोटो सेशन के लिए भी कई स्पॉट मिल जाएंगे।
क्लाउड एंड मसूरी का छोर है। यह मसूरी लाइब्रेरी से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जगह से प्रकृति का बेहद खूबसूरत और शानदार नज़ारा देखने को मिलता है। इस जगह तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को घने जंगलों से होकर गुजरना पड़ता है। पर्यटक, मसूरी शहर से यहां आने के लिए कार भी किराए पर ले सकते हैं। वॉक करने के शौकीन लोग, हाथीपांव से हैप्पी वैली वाली सड़क पर पैदल यात्रा करते हुए भी यहां तक पहुंच सकते हैं।
मसूरी के लंढोर में स्थित लाल टिब्बा यानि लाल पहाड़ मसूरी का सबसे ऊंचा पॉइंट है। यह सुबह 5 बजे के लेकर रात 10 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। पहाड़ी के ऊपर भारतीय सैन्य सेना का बेस भी तैनात रहता है। इस पॉइंट से आप सूर्योदय और सूर्यास्त के खूबसूरत दृश्यों के साक्षी बन सकते हैं। इन दृश्यों का अधिक आनंद उठाने और पहाड़ी की खूबसूरती को निहारने के लिए यहां की पहाड़ी पर 20 मीटर ऊंचे टावर पर पुराने टेलीस्कोप की सुविधा भी दी गई है। साफ मौसम में आप नीलकंठ चोटी, केदारनाथ पीक, स्वर्गारोहिणी और बन्दरपूंछ रेंज की शानदार चोटी देख सकते हैं। गर्मियों में यह जगह काफी ठंडी रहती है तो अपने साथ गर्म कपड़े ले जाना बिलकुल न भूलें।
गन हिल मसूरी शहर की दूसरी सबसे ऊंची छोटी है। गन हिल तक पहुंचने के लिए रोपवे से जाना पड़ता है। दरअसल आज़ादी से पहले के समय में इस पहाड़ी के ऊपर रखी तोप प्रतिदिन दोपहर को चलाई जाती थी ताकि लोग अपनी घड़ियों को सेट कर लें। इसी वजह से इस जगह का नाम गन हिल पड़ा गया। यहां रोपवे से जाने के दौरान गहरी खाई और प्रकृति की हरियाली देखने का मज़ा ही कुछ और है। इसके अलावा गनहिल से हिमालय की पहाड़ियों के नज़ारे आंखों के साथ मन को भी बेहद आनंद पहुंचाते हैं।
वैसे तो यमुना ब्रिज मसूरी से 25 किलोमीटर की दूरी पर है लेकिन अगर आप शहर से दूर शांति की तलाश में कुछ पल गुज़ारना चाहते हैं तो यहां एक बार ज़रूर जाएं। ब्रिज से नीचे उतरकर आप यमुना नदी की तरफ भी जा सकते हैं। अगर आप दिल्ली वासी हैं, तो यनुमा नदी का साफ- सुथरा रूप देखकर आपका मन खुश हो जाएगा। खूबसूरत वादियों और नज़ारों से घिरी यह यमुना नदी अपनी कल- कल करती मधुर आवाज़ से आपका मन मोह लेगी। साथ ही यहां आपको तस्वीरें लेने के लिए भी अनेक स्पॉट मिल जाएंगे।
चम्बा- मसूरी रोड पर स्थित सुरकंडा देवी मंदिर समुद्र तल से लगभग 10 हज़ार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आपको दो से ढाई किलोमीटर की सीधी चढ़ाई चढ़नी पड़ेगी। मान्यताओं के अनुसार, जब सती माता ने अपने पिता द्वारा महादेव का अपमान होने पर यज्ञ की अग्नि में खुद की आहुति दे दी थी तब महादेव ने गुस्से में आकर उनके शरीर को अपने त्रिशूल में उठा कर आकाश भ्रमण किया था। इस दौरान सती माता का सिर गल कर इस स्थान पर गिरा था, जिसके बाद से इस जगह को सुरकंडा देवी मंदिर का नाम दे दिया गया। मंदिर तक पहुंचने पर आपको ज़रूर थोड़ी थकान महसूस हो सकती है लेकिन यकीन मानिए, मंदिर की चौखट पर पहुंचने के बाद खूबसूरत नज़ारों को देखकर आपकी सारी थकान पल भर में गायब हो जाएगी।
देहरादून से मसूरी की तरफ आएंगे तो मसूरी पहुंचने से 6 किलोमीटर पहले ही आपको मसूरी लेक मिल जाएगा। यहां आप बोटिंग का मज़ा उठा सकते हैं। देहरादून डेवलपमेंट अथॉरिटी की तरफ से इसे कुछ साल पहले ही पिकनिक स्पॉट की तरह विकसित किया गया है। साथ ही मसूरी लेक से घाटी का खूबसूरत नज़ारा भी दिखता है। यह लेक ज्यादा बड़ा तो नहीं है लेकिन परिवार के साथ एक बार तो यहां ज़रूर जाया जा सकता है।
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