किसी भी ट्रेंड को फ्लॉप और पॉपुलर बनाने में सबसे बड़ा हाथ युवाओं का ही होता है। वो चाहे बालों को कलर करने, रिप्ड जींस पहनने का हो या फिर अब रंग- बिरंगे टैटू से अपने शरीर को सजाने का। दूसरों को इम्प्रेस करना, सरप्राइज देना और कुछ नया ट्राई करना आज के युवाओं के लिए ट्रेंड बनता जा रहा है। इन दिनों टैटू का क्रेज इतना बढ़ गया है कि लोग अब एक- दो नहीं बल्कि पूरी बॉडी में कई-कई टैटू करवा रहे हैं। मेट्रो सिटी से होता हुआ टैटू का क्रेज अब छोटे शहरों में भी खूब देखने को मिल रहा है। बॉलीवुड और क्रिकेट जगत की तमाम हस्तियों ने टैटू को स्टाइल स्टेटमेंट बना दिया है। ऐसे में उन्हें देख उनके फैंस पर भी टैटू बनवाने का भूत सवार हो जाता है। जैसा कि आप जानते हैं कि आजकल युवाओं में टैटू एक प्रकार का फैशन आइकन बन गया है। अगर आप भी टैटू करवाने की सोच रहे हैं तो आपको उसके बारे में ये जानकारियां जरूर पता होनी चाहिए।
टैटू के प्रकार – Types Of Tattoo
टैटू का इतिहास – Tattoo History
पहली बार टैटू करवाने जा रहे हैं तो जान लें ये बातें – Things To Know While Getting First Tattoo
टैटू करवाने के बाद अपनाएं ये अहम स्टेप्स – Post Tattoo Care
टैटू बनवाने के नुकसान – Side Effects Of Tattoo
टैटू करवाने को लेकर पूछे जाने वाले आम सवाल और उनके जवाब – FAQ’S
टैटू बनवाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान – Things To Know Before Getting A Tattoo
टैटू क्या होता है – What Is Tattoo?
टैटू बॉडी मॉडिफिकेशन का एक रूप है, जिससे शरीर के एक खास अंग को अच्छा दिखाने के लिए या किसी अन्य कारण से स्किन की परत में अलग- अलग रंग की न मिटने वाली इंक डालने से बना अंकन या ड्रॉइंग ही टैटू (Tatto) कहलाता है। आजकल युवाओं की बढ़ती दिलचस्पी के कारण टैटू का बिजनेस काफी अच्छा चल रहा है। चाहे लड़का हो या फिर लड़की हर कोई टैटू बनवाने की होड़ में है। कोई अपने हाथ पर टैटू करवाता है तो कोई पैर पर तो कोई कमर पर। फैशन इंडस्ट्री में टैटू का चलन आजकल चरम पर पहुंच चुका है।
टैटू के प्रकार – Types Of Tattoo
टैटू के जरिये खूबसूरत रंग- बिरंगी डिजाइन शरीर के अलग- अलग हिस्सों में उकेरी जाती हैं, जिससे उन अंगों की सुंदरता बढ़ जाती है। वैसे इस समय दो प्रकार के टैटू चलन में हैं। एक अस्थायी यानि कि टैंपरेरी और दूसरा स्थाई जिसे परमानेंट टैटू कहते हैं। आइए हम आपको टैटू के सभी प्रकारों के बारे में बताते हैं –
टैंपरेरी या अस्थायी टैटू – Temporary Tattoo
इस तरह के टैटू को एमैच्योर टैटू भी कहा जाता है। क्योंकि ये ज्यादा लंबे समय तक नहीं टिकते हैं। टैंपरेरी टैटू 10 से 15 दिनों तक शरीर पर रहते हैं। इन्हें ड्राइंग के लिए इस्तेमाल होने वाले असामान्य तत्वों द्वारा बनाया जाता है और इनसे इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा होता है क्योंकि इन्हें बनाने वाले प्रोफेशनल नहीं होते हैं।
परमानेंट या स्थायी टैटू – Permanent Tattoo
इस तरह का टैटू अगर आपने एक बार बना लिया तो वो कभी नहीं मिटेगा। ऐसे टैटू बनवाने वाले लोगों की संख्या टैंपरेरी टैटू बनवाने वालों से भी ज्यादा है। परमानेंट टैटू लंबे समय तक रहता है, बस जरूरत पड़ती है इसे सजोने की। इस तरह के टैटू सिर्फ प्रोफेशनल ही बनाते हैं।
ट्रॉमैटिक टैटू – Traumatic Tattoo
किसी एक्सीडेंट या हादसे के दौरान शरीर में कोई बाहरी चीज घंस जाने से बने गहरे घाव को छुपाने के लिए उस पर जो आकृतियां उकेरी जाती हैं, उन्हें ट्रॉमैटिक टैटू कहते हैं, जिससे हादसों के धब्बों को शरीर पर कला का जामा पहनाया जा सके।
कॉस्मेटिक टैटू – Cosmetic Tattoo
इस तरह के टैटूज़ को मेकअप सप्लीमेंट भी कहते हैं। आइब्रो को उभारने और तिल बनवाने के लिए ऐसे टैटू बनवाए जाते हैं। आजकल इस तरह के टैटूज का इस्तेमाल काफी धड़ल्ले से हो रहा है।
टैटू कैसे बनता है?
टैटू बनाने के लिए एक विशेष प्रकार की मशीन का उपयोग किया जाता है। इस मशीन में अलग- अलग तरह की सुईयां लगाकर शरीर पर डिजाइन बनाया जाता है। इसके बाद टैटू मशीन पर लगी सुई की मदद से उस डिजाइन की आउटलाइन बनाई जाती है। फिर उसी मशीन में सुई बदलकर दूसरी विशेष तरह की सुई की मदद से टैटू डिजाइन में अलग- अलग तरह के रंग भरे जाते हैं। ये काम बेहद ही बारीक और कठिन होता है। टैटू बनवाने में समय उसकी डिजाइन के मुताबिक लगता है। टैटू एक्सपर्ट के मुताबिक जहां एक छोटे से डिजाइन में 30 मिनट का समय लगता हैं वहीं बड़े डिजाइन में 6 से 7 घंटे भी लग जाते हैं।
टैटू का इतिहास – Tattoo History
वर्तमान युग में फैशन और स्टेट्स सिंबल बनता जा रहा टैटू का चलन बहुत ही पुराना है। टैटू के इतिहास की बात करें तो आदिवासी अपने समुदाय और कबीले के पहचान चिन्ह शरीर में गुदवाते थे, जिससे ये पहचानना आसान हो जाता था कि वो किस कबीले या समुदाय के हैं। टैटू को फैशन ट्रैंड बनाने का चलन यूरोप और एशिया से आया। श्रृंगार और समुदाय विशेष के इस्तेमाल किये जाने वाले टैटू को 70 के दशक में गोदना कहा जाता थ। लेकिन 90 के दशक के बाद ये फैशन के तौर पर चल पड़ा। इस बारे में कितनी सच्चाई है इस बात के कोई ठोस सबूत नहीं हैं लेकिन माना जाता है कि टैटू का इस्तेमाल शुरुआती समय में इलाज के लिए भी किया जाता था, जिसे मेडिकल टैटू कहते थे। जानकारों की मानें तो टैटू गुदवाने की प्रथा 5000 साल पुरानी है। पहले के समय में लोगों के लिए ये पहचान का काम करता था। लोग अपना नाम, धर्म, जाति, कबीले के चिन्ह व देवी- देवताओं की आकृतियां बनवाते थे। टैटू गुदवाने का ज्यादातर काम पहले के समय में मेलों में होता था। युवाओं द्वारा पसंद किये जाने के कारण आज ये फैशन बन गया है। आज वो बिना किसी जोर जबरदस्ती और जरूरत के कारण नहीं बल्कि अपने शौक के कारण टैटू बनवाते हैं।
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पहली बार टैटू करवाने जा रहे हैं तो जान लें ये बातें – Things To Know While Getting First Tattoo
टैटू बनवाना तो आसान है लेकिन उससे पहले और बाद की केयर भी जरूरी है, नहीं तो लेने के देने पड़ सकते हैं। टैटू बनवाना तो हर किसी को पंसद हैं, लेकिन इस प्रोसेस में होने वाले दर्द और उसके बाद की देखभाल थोड़ी खटकती है। अगर आप भी पहली बार टैटू बनवाने की सोच रहे हैं तो प्री और पोस्ट टैटू केयर के बारे में ये बातें जरूर जान लें …
टैटू बनवाने से पहले बरतें ये सावधानियां
- टैटू बनवाने से पहले ये तय कर लें कि आपको परमानेंट टैटू करवाना है या फिर टेंपरेरी।
- टैटू बनवाने के लिए आपकी उम्र 18 साल होनी ही चाहिए।
- टैटू शरीर के किस हिस्से में बनवाना है, ये भी आप पहले से ही तय कर लें।
- टैटू बनवाने से पहले हमेशा टैटू के डिजाइन में इस्तेमाल होने वाली इंक का एक बार पैच टेस्ट जरूर कर लें। ताकि उससे आपको पता चल सके कि आपकी स्किन पर इंक से किसी तरह की एलर्जी तो नहीं होगी।
- टैटू बनवाने से पहले ही तय कर लें कि आपको कौन- सा डिजाइन चाहिए। क्योंकि टैटू बनवाने के बीच प्रोसेस में आप अपना मूड नहीं बदल सकते हैं।
- इस बात पर भी ध्यान दें कि आप जिस टैटू पार्लर में टैटू करवा रहे हैं वहां की मशीन ज्यादा पुरानी और गंदी तो नहीं है।
- टैटू पार्लर में जाकर सबसे पहले टैटू आर्टिस्ट के अनुभव और उसका लाइसेंस दिखाने के लिए कहें। साथ ही पार्लर का रिव्यू पहले से ही देख लें।
- अगर आप प्रेगनेंट हैं तो टैटू बिल्कुल भी न करवाएं।
- इस बात पर भी ध्यान दें कि आर्टिस्ट ग्लव्स पहने है कि नहीं और टैटू बनाने के लिए वो नई सुई का प्रयोग कर रहा है या नहीं।
- अगर किसी का नाम लिखा हुआ टैटू करवा रहे हैं तो आर्टिस्ट को उसकी स्पैलिंग लिखकर जरूर दे दें।
- ये ध्यान रखें कि आप पहले व्यक्ति नहीं है जो टैटू बनवाने जा रहे हैं। इसलिए खुद को रिलैक्स रखें और अपने टैटू आर्टिस्ट पर भरोसा भी करें।
टैटू करवाने के बाद अपनाएं ये अहम स्टेप्स – Post Tattoo Care
स्टेप 1 – सबसे पहले अपने टैटू आर्टिस्ट द्वारा बताये गये निर्देशों का अच्छी तरह से सुनें और उसे मोबाइल पर रिकॉर्ड कर लें और उसे बिना किसी लापरवाही बरते फॉलो भी करें।
स्टेप 2 – प्लास्टिक रैप से ढकी हुई टैटू कवरिंग को कम से कम 2 से 6 घंटों तक के लिए लगे रहने दीजिये।
स्टेप 3 – कवरिंग हटाते समय सावधान बरतें और धीरे- धीरे पट्टी खोलें, जल्दबाजी न करें।
स्टेप 4 – इसके बाद गुनगुने पानी से हल्के हाथों से बिना साबुन लगाएं टैटू पर लगे स्याही और खून के निशान को अच्छी तरह से साफ करें और मुलायम कपड़े से पानी को पोंछ लें।
स्टेप 5 – उसके बाद 3 से 5 दिनों तक टैटू पर पपड़ी उखड़ने तक टैटू को धोने के बाद, हर बार दिन में कम से कम दो बार इस पर लगाने के लिए दी गई दवा लगाने की जरूरत हैं।
टैटू बनवाने के बाद बरतें ये सावधानियां –
हर तरह का साबुन नहीं लगा सकते
जिस जगह पर टैटू बनवाया है, उस जगह आप किसी भी तरह के साबुन या फिर डिटर्जेंट का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। दरअसल, टैटू एक तरह का खुला घाव होता है। ऐसे में उस पर डिटर्जेंट यूज़ करना बेहद खतरनाक होता है। इसलिए डर्मेटोलॉजिस्ट द्वारा बताए गए साबुन का ही कुछ समय तक इस्तेमाल करें।
टैटू को रगड़ें नहीं
नहाने के बाद या फिर तौलिये से टैटू वाली स्किन को कसकर न पोंछें। इससे जलन या फिर खुजली हो सकती है। किसी सॉफ्ट कपड़े से उस जगह पर सिर्फ हल्के हाथ से दबाकर पानी पोछें।
टैटू को गीला न रहने दें
भूलकर भी टैटू वाली स्किन को गीला न छोड़े। खासतौर पर शुरूआती समय में। नहाने के बाद टैटू का खास ख्याल रखें। किसी मुलायम कपड़े से साफ करें, गीला न रहने दें। अगर स्विमिंग करने जा रहे हैं या फिर बारिश में बाहर जा रहे हैं तो टैटू वाली जगह को ट्रांसपेंरेंट सेलेफिन से कवर कर लें।
धूप से बचाएं
जी हां, ये बहुत ही जरूरी है कि टैटू बनवाने के शुरूआती समय में इसे धूप से बचाकर रखें। इससे स्किन पर लाल चकत्ते पड़ सकते हैं। क्योंकि पराबैंगनी किरणें स्किन के हीलिंग प्रोसेस सही से पूरा नहीं होने देती हैं।
सही लोशन का इस्तेमाल करें
टैटू बनवाने के बाद आप हर तरह का लोशन भी उस जगह पर इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। डर्मेटोलॉजिस्ट द्वारा बताया गया एंटीबायोटिक लोशन या क्रीम का प्रयोग करें।
खुजली होने पर क्या करें
टैटू वाली जगह पर खुजली और जलन होना इस बात का संकेत है कि आपने टैटू बनवाने के बाद वाली सावधानियां नहीं बरती हैं। अगर खुजली होती है तो उसपर क्रीम लगाने की भूल न करें। ऐसे में आप बेबी ऑयल लगा सकते हैं। इससे जलन या खुजली में तुरंत राहत मिलेगी।
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टैटू बनवाने के नुकसान – Side Effects Of Tattoo
टैटू पर हुए एक शोध में ये परिणाम सामने आया है कि ये स्किन को खराब कर देता है और इससे इंफेक्शन या दूसरी तरह के त्वचा संबंधी रोग होने का खतरा रहता है। टैटू करवाने से स्किन पर चमड़ी नुमा एक गांठ भी बन जाती है। सिर्फ यही नहीं, बहुत से लोगों को तो कभी- कभी टैटू की इंक या स्याही के आस- पास दाने या फोड़े भी हो जाते हैं। शोध में ये भी सामने आया है कि अगर टैटू बनाने वाली मशीन की क्वालिटी अच्छी नहीं है या फिर उसपर पहले से किसी का खून लगा है तो इससे टैटू बनवाने वाले दूसरे व्यक्ति को खून संबंधी बीमारियां होने की भी आशंका रहती है।
टैटू भले ही आज स्टाइल स्टेटमेंट बन गया है। लेकिन बाहर से देखने में जितना खूबसूरत ये लगता है, उतना ही अंदर से आपको बीमार भी कर सकता है। जी हां, अगर आप टैटू से होनेवाले प्रभावों के बारे में जानेंगे तो हैरान रह जायेंगे। आइए जानते हैं कि कैसे टैटू आपके शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं –
- ये रोग प्रतिरोधक की क्षमता को कम कर देता है। दरअसल, टैटू बनाने वाले इंक में खतरनाक केमिकल होता है, जिससे वो फैलता है और हमारे खून में मौजूद डब्लूबीसी (व्हाइट ब्लड सेल्स) को कम कर देता है, जिससे हमारा शरीर रोगों से लड़ने के लिए कमजोर हो जाता है।
- ज्यादातर टैटू की स्याही में ऑर्गनिक पिगमेंट होते हैं। टैटू को स्थायी रखने के लिए इंक में प्रिजर्वेटिव, निकेल, क्रोमियम, मैंगनीज, कोबाल्ट जैसे दूषित पदार्थ इस्तेमाल किए जाते हैं, जो शरीर को खासा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- कलर में टाइटेनियम डाइऑक्साइड होता है, जिससे टैटू वाली जगह पर खुजली, घाव आदि होने की आशंका रहती है।
- टैटू की कुछ डिजाइनों में सुई शरीर में काफी गहरे चुभाई जाती हैं, जिससे मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है।
- टैटू से गंभीर बीमारियों की आशंका के अलावा स्किन पर रेडनेस, सूजन, मवाद आने के साथ लंबे समय तक दर्द भी बना रहता है।
- टैटू बनवाने से सोराइसिस ( एक तरह का चर्म ) होने का खतरा होता है।
- टैटू बनवाने से स्किन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि टैटू से स्किन कैंसर का खतरे की आशंका बहुत कम है, लेकिन इससे संक्रामक बीमारियां होने की आशंका बहुत अधिक है।
- टैटू करवाने से होने वाली सबसे बड़ी दिक्कत है सरकारी नौकरी। जी हां, सेना व कई नौकरियों में टैटू करवाने वाला व्यक्ति अयोग्य माना जाता है।
- एड्स व हैपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है।
- टैटू गुदवाने वाला व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकता है।
- टैटू वाली जगह पर स्किन टिशूज़ हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं।
टैटू करवाने को लेकर पूछे जाने वाले आम सवाल और उनके जवाब – FAQ’S
सवाल – परमानेंट टैटू हटवाने के लिए क्या करना चाहिए ?
जवाब – परमानेंट टैटू एक बार बना लिया तो उसे हटाना थोड़ा मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं। टैटू बनवाने में जितना समय और पैसा लगता है उससे ज्यादा उसे हटवाने में लगता है। मार्केट में ऐसी कई क्रीम आती हैं जो महंगी होती हैं लेकिन टैटू का नामोनिशान तक हटा देती हैं। इसके अलावा सर्जरी और लाइट थेरेपी से भी परमानेंट टैटू हटवाये जा सकते हैं।
सवाल – क्या टैटू बनवाने में दर्द होता है ?
जवाब – ‘पैशन फैशन’ के ओनर और टैटू एक्सपर्ट जॉन डिसूजा का कहना है कि टैटू बनवाने में दर्द नहीं होता है बस ये आपकी सहनशक्ति पर निर्भर करता है और साथ ही टैटू डिजाइन पर भी। इसके साथ आप किस जगह पर टैटू करवा रहे हैं, ये भी मायने रखता है। अगर आपको ज्यादा दर्द होता है तो एनेस्थीसिया देकर यानि बेहोश करके भी टैटू किया जाता है।
सवाल – टैटू बनवाने में कितना खर्च आता है ?
जवाब – टैटू बनवाने में कितना पैसा लगता है, ये निर्भर करता है कि आप कौन- सा टैटू बनवा रहे हैं। अगर आप परमानेंट टैटू बनवाना चाहते हैं तो आपके पास दो ऑप्शन हैं ब्लैक एंड व्हाइट के। ब्लैक टैटू बनवाने पर 600 रुपये प्रति स्क्वायर इंच खर्च आता है और व्हाइट या कलरफुल टैटू के लिए 800 रुपये प्रति स्क्वायर इंच का खर्च आयेगा।
सवाल – क्या टैटू करवाने के बाद उस जगह वाकई रैशेज हो जाते हैं ?
जवाब – एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैटू करवाने के बाद 90 प्रतिशत लोगों के शरीर के उस हिस्से पर लाल रंग के चकत्ते या फिर लालिमा पड़ जाती है, जहां टैटू बनवाया गया है। ऐसा जरूरी नहीं है कि आपकी स्किन भी सेंसिटिव हो या फिर आपकी स्किन को कलर से एलर्जी हो, कई बार लापरवाही की वजह से भी ऐसी दिक्कतें हो जाती हैं।
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