तुलसी को 'हर्ब क्वीन' यानि कि 'औषधियों की रानी' कहा जाता है। भारत जैसे देश में तो तुलसी को साक्षात ईश्वर का दर्जा दिया गया है। हम अक्सर अपने बड़े- बुजुर्गों से तुलसी के पत्तों के गुणों के बारे में सुनते आए हैं। लेकिन हम इनके गुणों के बारे में जानते हुए भी इसका उपयोग कम ही करते हैं। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि तुलसी (Basil) के पत्तों और फूलों में कई तरह के रासायनिक तत्व पाए जाते हैं जो अनेक बीमारियों को रोकने व उसे जड़ से खत्म करने तक की ताकत रखते हैं। इसी वजह से कई बीमारियों की दवा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल (uses of tulsi in hindi) किया जाता है। तुलसी शरीर के लिए अंदरूनी व बाहरी दोनों ही रूपों के लिए फायदेमंद है। इसकी खास बात ये है कि यह व्यक्ति की तासीर के अनुसार काम करती है। तुलसी में अनेकानेक गुण होने के कारण तुलसी के पत्ते ही नहीं बल्कि इसकी टहनी, फूल, बीज आदि सभी भागों को आयुर्वेद और नैचुरोपैथी में भी इलाज के लिए प्रयोग में लाया जाता है। कैंसर जैसा रोग हो या सर्दी जुकाम, तुलसी का इस्तेमाल सदियों से होता चला आ रहा है। क्या-क्या हैं तुलसी की खूबियां (tulsi benefits in hindi), आइये डालते हैं एक नजर।
शरीर के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे
तुलसी के पत्तों से जुड़े घरेलू नुस्खे
हिन्दू धर्म और वैज्ञानिक व आयुर्वेद की दृष्टि से तुलसी के गुण अतुल्य हैं। ये अनमोल पौधा पांच तरह का होता है, जोकि स्वास्थ्य से लेकर वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। जानिए तुलसी के प्रकार -
तुलसी का शाब्दिक अर्थ होता है 'अतुल्यनीय पौधा'। भारत में तुलसी को सबसे पवित्र जड़ी- बूटी माना जाती है। इसके प्रभावों और फायदों के कारण ये दुनिया भर में जानी जाती है। तुलसी के पत्तों में कई तरह न्यूट्रीशन और विटामिन्स पाये जाते हैं, जैसे -
तुलसी का पौधा हर घर में पाया जाता है, लेकिन सामने रहने के बाद भी शायद आपको ये पता नहीं होता है कि ये एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो बाजार में मिलने वाली दवा से सस्ती और तमाम नुकसानों से रहित है। आइए जानते हैं तुलसी के चमत्कारिक फायदों के बारे में -
किसी भी तरह के स्किन इंफेक्शन को रोकने के लिए तुलसी से बेहतर कोई भी औषधि नहीं है। दरअसल, तुलसी की पत्तियां बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकती हैं। तुलसी में एंटी- बायोटिक गुण भी मौजूद होते हैं, जोकि इंफेक्शन के इलाज में मदद करते हैं। अगर आपको किसी तरह का स्किन इंफेक्शन है तो बेसन के साथ तुलसी के पत्तों का पेस्ट बना कर स्किन पर लगाएं, फायदा मिलेगा।
तुलसी सर्दी- जुखाम के लिए तो रामबाण का काम करती है। मौसम में बदलाव होने कारण ज्यादातर लोगों की तबियत खराब हो जाती है। दवा लेने से बुखार तो कम हो जाता है लेकिन खांसी और कफ लंबे समय तक बना रहता है। ऐसे में तुलसी के घरेलु नुस्खे अपनाने से तुरंत आराम मिलता है।
हाल में हुए एक शोध से पता चला है कि तुलसी को तनाव दूर करने वाला प्रभावी प्राकृतिक उपाय माना जाता है। दरअसल, तुलसी के पत्तों में एंटी- स्ट्रेस एजेंट पाये जाते हैं जोकि हमारे तनाव और मानसिक असंतुलन को ठीक करते हैं। इसके अलावा यह तनाव के कारण दिमाग पर हावी होने वाले निगेटिव विचारों का मुकाबला करने में सहायक है।
कई शोधों में तुलसी के बीज को कैंसर के इलाज में भी कारगर बताया गया है। दरअसल, तुलसी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि को बढ़ा देता है और कैंसर ट्यूमर को फैलने से रोकता है। कहते हैं जो लोग नियमित रूप से तुलसी का सेवन करते हैं उन्हें कैंसर होने की आशंका न के बराबर होती है।
अनियमित या देरी से पीरियड का आना आजकल ज्यादातर लड़कियों की आम समस्या बनता जा रहा है। आमतौर पर पीरियड साइकिल 21 से 35 दिन का होता है। अगर आपके पीरियड 35 दिनों के बाद आते हैं तो जान लें कि आप भी पीरियड की ऐसी ही समस्या से गुजर रही हैं। ऐसे में तुलसी के बीजों का इस्तेमाल करना फायदेमंद साबित होता है। इससे मासिक चक्र की अनियमितता दूर हो जाती है।
पेट की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए तुलसी एक वरदान है। जी हां, पेट में जलन, पेट दर्द, गैस, ब्लोटिंग आदि की समस्या को दूर करने के लिए प्रयोग की जाती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि तुलसी की पत्तियां और बीज दोनों ही पेट में अल्सर होने से बचाते हैं।
तुलसी किडनी को सुचारु रूप से चलने में मदद करती है। इसके सेवन से पेशाब की खुलकर आता है जिससे किडनी को साफ करने में भी मदद मिलती है। अगर किडनी में स्टोन है तो तुलसी के ताजा रस को शहद में मिलाकर रोजाना 4 से 5 महीने तक सेवन करें। इससे पेशाब के रास्ते से किडनी का स्टोन (पथरी) भी निकल जायेगी।
तुलसी हमारे शरीर के लिए एक रक्षा कवच की तरह काम करता है। ताजा तुलसी के पत्तों को सुबह रोजाना निगलने से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है। इसमें ऐसे कई गुण पाये जाते हैं जो शरीर में इंफेक्शन से लड़ने वाली एंटीबॉडी के उत्पादन में कई प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करते हैं, जिससे हम जल्दी बीमार नहीं पड़ते।
मुंह की दुर्गंध को दूर करने में भी तुलसी के पत्ते काफी मददगार साबित होते हैं। ये एक तरह से नैचुरल माउथ फ्रेशनर का काम करते हैं। अगर आपके मुंह से बदबू आ रही है तो तुलसी के कुछ पत्तों को पानी में उबाल लें और फिर उस पानी ठंडा करने के बाद उससे कुल्ला कर लें। ऐसा करने मुंह की दुर्गंध चली जाती है।
स्किन को हेल्दी और कील- मुंहासों से दूर रखने के लिए तुलसी एक अच्छा विकल्प है। दरअसल, तुलसी में एंटी- ऑक्सीडेंट, एंटी- बैक्टीरियल, एंटी- इफ्लेमेंट्री और एंटी- बायोटिक जैसे गुण पाये जाते हैं, जिसके चलते इसमें हमारे स्किन की हर समस्या का समाधान होता है। चेहरे की रंगत निखारने से लेकर कील- मुहांसे, दाग- धब्बे सभी का इलाज है इसके पास। आइए जानते हैं तुलसी से जुड़े ब्यूटी बेनिफिट्स के बारे में -
नीम के फायदे और इसके औषधीय गुण
तुलसी को उपयोग करने का सही तरीका यही है कि इसकी पत्तों को निगल लें या फिर इसके रस, काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं। चाय आदि में भी पत्तियां उबाल कर पी जा सकती हैं। लेकिन भूलकर भी तुलसी के पत्तों को चबाना नहीं चाहिए। इसके दो कारण हैं। पहला कि तुलसी के पत्ते भी पूज्यनीय हैं और दूसरा यह कि तुलसी के पत्तों में पारा धातु के तत्व पाए जाते हैं जो पत्तों को चबाने से दांतों पर लग जाते हैं। पारा दांतों को नुकसान पहुंचाता है। इसीलिए पत्तों को चबाने के बजाय निगलना या चूसना चाहिए। इससे कई तरह के रोगों में भी फायदा होता है।
आयुर्वेद में तुलसी को संजीवनी बूटी माना जाता है क्योंकि तुलसी के पौधे में ऐसे कई गुण होते हैं जो बहुत सी बीमारियों को दूर करने में मदद करते हैं। तुलसी का पौधा सिर्फ सेहत ही नहीं घर को भी बुरी नजर से बचाता है। "तुलसी वृक्ष ना जानिए। गाय ना जानिये ढोर।। गुरू मनुज ना जानिये। ये तीनों नन्दकिशोर।।" इसका मतलब है कि तुलसी को कभी पेड़ ना समझें, गाय को पशु समझने की गलती ना करें और गुरू को कोई साधारण मनुष्य समझने की भूल ना करें, क्योंकि ये तीनों ही साक्षात् भगवान के स्वरूप होते हैं। तो आइए जानते हैं तुलसी के पौधे से जुड़ी कुछ अहम बातें -
1 - तुलसी के पत्ते कभी चबाने नहीं चाहिए
2 - रविवार के दिन तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए
3 - शिव और गणेश पूजा में वर्जित है तुलसी
4 - तुलसी का सूखा पौधा रखना सही नहीं है
5 - शाम के बाद न करें तुलसी को स्पर्श
तुलसी की तासीर हल्की गर्म होती है इसीलिए सर्दियों में इसे खाने से शरीर में कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन गर्मियों में इसके अत्यधिक सेवन से परेशानी हो सकती है। वहीं जो लोग डायबिटीज़ या पइर हाइपोग्लाइसीमिया जैसे रोगों की दवा ले रहे हैं उन्हें तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे शरीर में ब्लड शुगर ज्यादा कम होने की आशंका हो सकती है। अगर आप दिन में रोजना 2 से ज्यादा बार तुलसी की चाय पीते हैं तो आपको सीने और पेट में जलन, एसिडिटी जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
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