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प्यार के 5 फेज़: अट्रैक्शन से शादी तक, पहले 2 फेज़ से गुजरते हैं हम सब

प्यार के 5 फेज़: अट्रैक्शन से शादी तक, पहले 2 फेज़ से गुजरते हैं हम सब

अट्रैक्शन से प्यार की गहराई तक, हर प्यार, हर रिलेशनशिप में कभी न कभी आती ही हैं ये 5 स्टेज। अगर आप वाकई सच्चे प्यार में हैं सिर्फ तभी आप इसकी तीसरी स्टेज को क्रॉस कर सकते हैं। किसी भी लवबर्ड यानि जोड़े को देखकर हर किसी का मन करता है प्यार में दीवाना बन जाने का, लेकिन जब आपका सामना सच्चे प्यार से होता है तभी इसके असली रंग की पहचान होती है। तभी समझ में आता है कि असली प्यार निभाना आसान नहीं है। बहुत कठिन है सच्चे प्यार की डगर । जीवन के अलग अलग दौर में प्यार के अलग – अलग फेज़ आते हैं। हमारी नजर में प्यार के बेसिक 5 फेज़ होते हैं। कुछ लोग इसके पहले फेज़ पर ही धराशाई हो जाते हैं तो कुछ लोग दूसरे फेज़ तक खुद को खींच लेते हैं। और जो लोग सच्चा प्यार करते हैं, तीसरे फेज़ को वही पार कर पाते हैं और इससे आगे के फेज़ तो जिंदगी के लिए और भी ज्यादा कठिन होते जाते हैं। प्यार के दौरान समय समय पर आपको बहुत सी परीक्षाओं से गुजरना होता है और आपको पता भी नहीं होता कि आप इस परीक्षा को पास कर पाएंगे या नहीं। ऐसे में ज्यादातर लोगों का प्यार फेल हो जाता है और कुछ ही लोग इस परीक्षा में खरे उतर पाते हैं और तभी सच्चे प्यार की पहचान होती है। आइये जानें कि कौन से होते हैं प्यार के वो 5 फेज़ –

पहला फेज़ : पहली नजर का प्यार

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प्यार की यह पहली स्टेज होती है और यह इश्क की सबसे आसान अवस्था होती है। ऐसा ज्यादातर टीन एज में होता है जब किसी को देखते ही प्यार हो जाता है। किसी को देखते ही फिल्मों के गानों में अपने साथ वो ही नजर आने लगता है। इस स्टेज में आप उस व्यक्ति के बारे में कुछ नहीं जानते, तब भी प्यार आपके ख्वाबों में ही परवान चढ़ने लगता है। आपको बिना उसे जाने ही लगने लगता है कि वही आपका हमसफर बन सकता है।

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हम आपको बता दें कि टीन एज में पहली नजर का प्यार होना बिलकुल नेचुरल होता है, लेकिन यह वह नहीं होता, जिसकी आपको तलाश है, क्योंकि यह सिर्फ शारीरिक आकर्षण है। जिसे आप जानते ही नहीं हैं, उसके साथ जीवन गुजारना बिलकुल सही नहीं है। यह ऐसा वक्त होता है, जब सब कुछ प्यार से भरा हुआ लगता है लेकिन जब असलियत की जमीन मिलती है तो वहां सब कुछ दरक जाता है। यह प्यार लंबे समय तक नहीं टिकता है, भले ही आप उस इंसान के साथ मिलने जुलने भी लगें। इसे आप कच्चा प्यार कह सकते हैं।

दूसरा फेज़ : गर्लफ्रेंड – बॉयफ्रेंड वाला प्यार  

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अब आप स्कूल या कॉलेज में गर्लफ्रेंड- बॉयफ्रेंड कहलाने लगे हैं। एकदूसरे के बिना आपको एक दिन भी गुजारना बहुत भारी सा लगता है। आप प्यार में एक दूसरे की मन ही मन सराहना करने लगे हैं और एक दूसरे के प्रति विश्वास इतना है कि कोई भी आपके प्यार को तोड़ नहीं सकता।

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इस दौर में आपके बीच बहुत ज्यादा प्यार भरी बातें होती हैं, आप एक दूसरे की बुरी लगने वाली बातों को भी नजरअंदाज कर देते हैं। एकदूसरे के ज्यादा से ज्यादा काम आने और पास आने के बहाने तलाशे जाते हैं इस फेज़ में। इस दौर में सेक्स हो या न हो, लेकिन एकदूसरे के साथ की फीलिंग ही आपको बहुत तसल्ली देती है। किस और सेक्स की बातें भी होने लगती हैं। आप दिन रात एकदूसरे के प्यार में पागल और खोये रहते हैं। यह आपकी जिंदगी का सबसे प्यारा फेज़ होता है, जिसे लाइफ का हनीमून फेज़ भी कहा जा सकता है। लेकिन रिलेशनशिप का यह दौर तब तक इसी तरह चलता रहता है, जब तक दोनों एकदूसरे के साथ एक ही स्कूल या एक ही कॉलेज में, यानि कि नजदीक रहते हैं।

तीसरा फेज़ : लव मैरिज के बाद नई शुरूआत

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पहले दो फेज़ पूरे करने के बाद आता है शादी का नंबर। दुनिया में प्यार के पहले दो फेज़ से गुजरने के बाद अनेक लोगों का प्यार दम तोड़ चुका होता है और इसीलिए बात शादी तक नहीं पहुंच पाती। लेकिन प्यार की शुरूआती परीक्षा पास कर लेने वाले कुछ लोग शादी की मंजिल तक पहुंच ही जाते हैं। लेकिन शादी के बाद होती है आपके प्यार की असली परीक्षा। शादी के बाद सबकुछ कितना भी सही क्यों न हो, आपको लगने लगता है कि अब वो बात नहीं रही। लगने लगता है जैसे आपका प्यार बदल गया है। छोटी- छोटी बातें, जिनको आप पहले इग्नोर कर देते थे, अब पहाड़ जैसी लगने लगती हैं, जिन पर सिर्फ बहस ही नहीं बड़ी- बड़ी लड़ाइयां होने लगती हैं।

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दोनों को लगता है कि वो बड़ी बड़ी मुसीबतों में घिर गए हैं। जिसमें सबसे बड़ी मुसीबत तो यह रिलेशनशिप ही लगने लगती है। आपका पहले वाला प्यार और अट्रैक्शन पता नहीं कहां गायब हो जाता है। जोर- जोर से होने वाली बहस और लड़ाइयां इतनी बढ़ जाती हैं कि आपको लगने लगता है कि आपका पार्टनर अब आपसे प्यार नहीं करता और आप उसके साथ की जगह कुछ प्राइवेसी चाहने लगते हैं।अब आपको लगने लगता है कि जिंदगी में प्यार के अलावा भी बहुत कुछ है, जिसे एक्सप्लोर करना जरूरी है।

चौथा फेज़ : सच्चे प्यार की तलाश  

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यह प्यार का सबसे नाजुक फेज़ होता है, जिसपर आपकी पूरी जिंदगी की खुशी और परेशानियां निर्भर होती हैं। जहां आपका एक गलत कदम पूरी जिंदगी का सुख- चैन छीन सकता है, वहीं आपकी पॉजिटिव सोच और सही कदम आपको पूरे जहां की खुशियां दे भी सकती है। यही वह समय होता है जब आपको अपने पार्टनर में ही अपना सबकुछ देखने की जरूरत होती है। इसी वक्त लोग अपनी गलतियों को रियलाइज़ करके एक नई शुरूआत कर सकते हैं। यह मानकर कि जिंदगी में अब हमारा परिवार ही सब कुछ है। समस्याओं को समझते हुए समझदारी से कदम बढ़ाना ही वक्त की जरूरत होती है। लड़ाई- झगड़ों से जिंदगी नहीं चलती, इसकी जगह प्यार और समझदारी ले ले तो जिंदगी बेहतरीन बन सकती है। अगर आप अपना बेहतरीन दे सकते हैं तो जिंदगी फूलों की सेज बन सकती है।

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ऐसे में आप एकदूसरे के साथ पूरी अंडरस्टैंडिंग के साथ समझौते करते हैं और जिंदगी भर प्यार से साथ निभाने का वादा करते हैं। समय के साथ आप मैच्योर भी होते हैं और एकदूसरे के प्रति समझ भी बढ़ती है। आप अपने पार्टनर को और ज्यादा प्यार करने लगते हैं।

पांचवा फेज़ : एकदूजे के लिए

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यह फेज़ भी प्यार के चौथे फेज़ का ही एक्सटेंशन होता है, जिसमें आप एकदूसरे के लिए ही नहीं, बल्कि अपने पूरे परिवार के लिए जीने लगते हैं। यही प्यार का पांचवा और फाइनल फेज़ होता है। प्यार के इस फेज़ से वापसी संभव नहीं है। आप दोनों अपनी जिंदगी में सेट हो जाते हैं और पूरी समझदारी से परिवार को चलाते हैं। प्यार का बेस्ट फेज़ भी यही होता है जहां जिंदगी के अच्छे और बुरे समय में आप एक दूसरे का पूरा साथ देते हैं। एकदूसरे के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं। इस दौरान आप अपनी रिलेशनशिप की सभी परेशानियों का निदान तलाश करके एक दूसरे को खुश रखने की पूरी कोशिश करते हैं और दोनों पार्टनर मिलकर अपने बच्चों को भी खुश और बढ़ते हुए देखते हैं। इसके बाद आप जुदा होने की कल्पना भी नहीं कर सकते।

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यहां आकर प्यार का अंतिम लक्ष्य प्राप्त हो जाता है और आप एक दूजे के लिए सबकुछ करने को तैयार रहते हैं। कहा जाए कि आप एकदूसरे में समा जाते हैं,  एक दूसरे के साथ पूरी तरह से कंफर्टेबल हो जाते हैं और एक दूसरे की ही तरह हो जाते हैं, तो गलत नहीं होगा। आप एकदूसरे के साथ कंप्लीट होते हैं और यही होता है सच्चा स्वर्ग।

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