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सावधान, अब दोस्तों की हॉलिडे फोटोज़ देखना कर दें बंद… हो सकता है डिप्रेशन…

सावधान, अब दोस्तों की हॉलिडे फोटोज़ देखना कर दें बंद… हो सकता है डिप्रेशन…

हाल ही में हुई एक रिसर्च का मानना है कि सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों की छुट्टियों की मौज- मस्ती वाली फोटोज़ को देखना आपको दुखी या अवसादग्रस्त बना सकता है। अगर आप भी सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों की छुट्टियों के दौरान मौज- मस्ती वाली फोटोज़ को देखकर कुछ डिप्रेशन महसूस करते हैं तो जान लें कि ऐसा महसूस करने वाले आप अकेले नहीं हैं।

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पुरुषों की संख्या ज्यादा

पिछले दिनों की गई एक स्टडी में पता लगा है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले हर 10 में से 9 लोग जब अपने दोस्तों की छुट्टियों के दौरान घूमने- फिरने और मौज- मस्ती से भरे फोटोग्राफ्स देखते हैं तो खुद को काफी दुखी महसूस करते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग और स्टॉकहोम स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की ओर से किये गए इस सर्वेक्षण में यह भी पता लगा कि सोशल मीडिया पर दोस्तों की छुट्टियों की ऐसी फोटोज़ देखने में अवसाद महसूस करने वालों में महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की संख्या ज्यादा पाई गई। इसकी वजह यह पता लगी कि आमतौर पर पुरुष ही एडवेंचर और घूमने- फिरने के मौकों को ज्यादा मिस करते हैं। इसके विपरीत महिलाएं अपने दोस्तों के अपने पार्टनर्स और परिवार के साथ ज्यादा समय बिताने पर ज्यादा जलन महसूस करती हैं।

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डिजिटल डिटॉक्स का ऑप्शन

इस रिसर्च में सबसे इंटरेस्टिंग बात यह सामने आई कि वर्ष 1980 से पहले पैदा हुए सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि इस तरह की ट्रैवल एन्वी ने उन्हें अपना ट्रिप बुक करने के लिए प्रेरित किया जबकि इनसे कम उम्र के यूजर्स ने इस जलन के चलते अपना फेसबुक अकाउंट का इस्तेमाल कम या बंद करके डिजिटल डिटॉक्स का ऑप्शन ज्यादा पसंद किया। रिसर्च में यह भी पता लगा कि युवा यूजर्स इस तरह के अपने अवसाद को कम करके खुद को खुश करने के लिए या तो ऑनलाइन शॉपिंग में बिजी हो गए या फिर अपनी पुरानी ट्रैवल फोटोज़ देखने लगे।

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सोशल मीडिया का प्रभाव

यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग बिजनेस स्कूल में इस शोध के प्रमुख रिसर्चर डॉ. बेन मार्डर ने बताया कि इस रिसर्च का परिणाम यह दर्शाने में सफल रहा कि कैसे सोशल मीडिया अपने यूजर्स के दिमाग पर प्रभाव डाल सकता है। उन्होंने कहा कि इन परिणामों ने हमें ट्रैवल पोस्ट को देखने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स पर पड़ने वाले भावनात्मक और व्यावहारिक प्रभाव को समझाने में मदद की है। परिणामों ने यह भी दर्शाया कि सोशल मीडिया पर दोस्तों द्वारा यूं ही डाली गई पोस्ट हमें अचानक ही अपनी जिंदगी में दुखी कर सकती हैं।

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01 Aug 2018

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