आज के समय हम अपनी परेशानियों का हल निकालने के लिए न जाने कितने कंसल्टेंट, डॉक्टर और विशेषज्ञों से सलाह लेते हैं। अगर हमने गीता के उपदेशों को सही से समझा होता तो जीवन में इन परेशानियों का हल हम खुद निकाल पाते। कहते हैं जिसने गीता का सार समझ लिया उसने जीवन का सार समझ लिया। श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध में अर्जुन को कुछ उपदेश दिए थे, जिससे उस युद्ध को जीतना उनके लिए आसान हो गया। जीवन की सच्चाइयों को भगवद् गीता खुद में संजोए हैं। यकीन मानिए गीता के इन उपदेशों में आपके मन में उठ रहे हर सवालों के जवाब है।
अगर तुम्हें पता है कि जो काम तुम कर रहे हो वो गलत है, प्राकृतिक नहीं है, उससे किसी को तकलीफ पहुंच रही है तो तुम्हारा विनाश होकर रहेगा। इसीलिए गलत काम करने के बारे में सोचो भी मत।
क्रोध से भ्रम पैदा होता है। भ्रम से बुद्धि भयभीत होती है। जब बुद्धि ही भयभीत होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।
शक करना एक ऐसी बीमारी है जो अपने साथ-साथ दूसरों को भी प्रभावित कर देती है। गीता में कहा गाया है कि संदेह करने वाले इंसान के लिए सुख न इस लोक में है और न ही परलोक में। यह सिर्फ कलह को जन्म देती है।
अगर किसी काम को उसके परिणाम के जाने बिना किया जाए तो उसमें निराश होने की आशंका कम होती है। हमारे जीवन में लगभग सभी समस्याओं की जड़ उम्मीद ही है।
जरूरी नहीं जो मन कहे वही करो। दिमाग की भी सुननी चाहिए। मन को यदि नियंत्रित नहीं किया जाए तो उससे बड़ा कोई दुशमन नहीं है आपके लिए।
काम, क्रोध और लोभ ये तीनों चीजें संसार में एक दलदल की तरह हैं इनमें फंसोगे तो और फंसते चले जाओगे। अच्छा रहेगा कि इसके प्रति सजग रहो। इन्हें अपने ऊपर हावी मत होने दो।
इस दुनिया में कुछ भी न खोता है और न व्यर्थ होता है। सभी चीजों में कोई न कोई सीख जरूर छुपी होती है। जो हमारे विकास के लिए अहम है। और उनका फल भी जरूर मिलता है।
इस दुनिया में जिस इंसान को जो कर्तव्य तय है उसे पूरी निष्ठा के साथ पूरा करना चाहिए। जब सभी लोग अपना काम पूरी ईमानदारी से करेंगे तो कुछ भी अधूरा नहीं रहेगा, चारों ओर खुशहाली होगी।
मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित है। जैसा वो सोचता है वैसा वो कर्म करता है। विश्वास को अटल बनाओं। यही वो जरिया हो जो तुम्हें लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करेगा। वो कहते हैं न मन के जीते जीत है और मन के हारे हार।
इस संसार में जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है जो आया है वो जाएगा। ऐसे में उसके लिए शोक मनाना, अपना जीवन नाश करना सही नहीं है। ये प्रकृति का नियम है जो कभी नहीं टूट सकता।
इन्हें भी पढ़ें -
1. साईं बाबा के ये 11 वचन कर देंगे आपके जीवन की हर परेशानी को दूर
2. जानिए कैसे हुई थी भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु
3. #वायरल वीडियो: सोशल मीडिया पर लाखों लोगों के लिए मोटिवेशन की वजह बना ये नींबू
4. सक्सेसफुल लाइफ के लिए ट्राई करें ये 10 आसान गुडलक वास्तु टिप्स
5.आपको भी जरूर पसंद आएंगे ये 100 से ज्यादा सेल्फी कोट्स
6. कुछ अच्छे सुविचार, जो आपका दिन अच्छा बनाएंगे
7. खराब मूड को खुशनुमा बनाने के लिए परफेक्ट हैं ये 25 हैप्पिनेस कोट्स