‘सीने में जलन आंखों में तूफ़ान सा क्यों है.. इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यों है’ ये सिर्फ गाने के बोल ही नहीं बल्कि हम सभी की जिंदगी की असली सच्चाई भी है। हर इंसान खुद को बेहतर दिखाने की होड़ में लगा हुआ है लेकिन सफलता की इस रेस में टेंशन कब स्ट्रेस बन जाता है, इसका पता ही नहीं चलता। दरअसल, स्ट्रेस यानि कि तनाव शरीर की वह स्थिति होती है जब हमारी जिंदगी में अचानक कोई बदलाव हो जाता है जिससे हमारे शरीर में भावनात्मक और शारीरिक प्रतिक्रिया होती है। जब हमारे मस्तिष्क को अच्छी तरह से आराम नहीं मिल पाता है तो हमारा दिमाग थक जाता है और यह थकान हमें स्ट्रेस की ओर ले जाती है। अगर स्ट्रेस को सही समय पर पहचान लिया जाए तो इससे निकलना काफी आसान हो जाता है। यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिनसे आपका स्ट्रेस एकदम छूमंतर हो जाएगा।
भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में हम अक्सर एक साथ कई कामों को निपटाने के आदी हो जाते हैं, जिसकी वजह से टेंशन भी कई गुना हो जाती है। आप ऐसा करने से बचें और एक समय में एक ही काम को प्राथमिकता दें। इससे वो काम बेहतर भी होगा और आपको भी किसी तरह कोई स्ट्रेस नहीं रहेगा।
टेंशन दूर भगाने का यह सबसे कारगर हथियार है। जब भी आप स्ट्रेस्ड महसूस करें तो तुरंत ठंडे-ठंडे पानी से नहा लें। फिर देखिएगा, आप कितना तरोताजा महसूस करेंगे। दरअसल, जब ठंडे पानी की धार हमारे शरीर पर पड़ती है तो स्ट्रेस लेवल कम होने के हॉर्मोंस बनने लगते हैं।
अगर आप रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेते हैं तो आप स्ट्रेस से कोसों दूर रहेंगे। लेकिन इस दौरान बिना किसी ब्रेक के आपको सिर्फ नींद पूरी करनी है, तभी फायदा है। जब हम गहरी नींद लेते हैं तो हमारे दिमाग को काफी सुकून मिलता है और हम बेहतर महसूस करते हैं।
कई बार दिमाग की जगह दिल की सुनें। अगर आपको संगीत सुनना, डांस करना या फिर मेकअप करना अच्छा लगता है तो जब भी मन करे, वो काम जरूर करें। इससे मन को शांति मिलती है और कहते भी हैं कि मन चंगा तो कठौती में गंगा।
कहते हैं कि हर चीज का एक सही समय होता है लेकिन हम इसे फॉलो नहीं कर पाते हैं और यही वजह कि हमें बेवजह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्ट्रेस को दूर रखने के लिए हमें अपनी लाइफस्टाइल को सही बनाना चाहिए। जिस तरह से सही समय पर सोना जरूरी है, ठीक उसी तरह से सुबह सही समय पर उठना भी जरूरी है। सही समय पर खाना और एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है।
कई रिसर्च में पाया गया है कि अपने बागवानी के शौक को समय देने वाले लोग हमेशा खुश और रिलैक्स्ड रहते हैं। इससे उनकी प्रोडक्टिविटी में भी बढ़ोतरी होती है। बागवानी को दिनचर्या का हिस्सा बनाने वाले लोगों में कॉर्टिसॉल, जिसे स्ट्रेस हॉर्मोन भी कहा जाता है, का स्तर कम होता है। यानी हाथों को मिट्टी में गंदा करके आप खुद को टेंशन फ्री रख सकते हैं।
केला हमारे शरीर में स्ट्रेस लेवल को कम करने में मदद करता है। इसमें ट्राइप्टोफॉन नामक अमीनो एसिड होता है, जो मूड को रिलैक्स करता है। स्ट्रेस या डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को केला खाने से अच्छा महसूस होता है।
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