दसवीं के मैथ्स एग्जाम को लेकर बना हुआ असमंजस अब समाप्त होने को है। सीबीएसई के सूत्रों का कहना है कि अब दोबारा होने वाला दसवीं का मैथ्स एग्जाम नहीं होगा। सीबीएसई के एक अधिकारी का कहना है कि यह निर्णय दसवीं के मैथ्स पेपर की आंसर शीट्स की गहन जांच पड़ताल के बाद लिया गया, जिसमें एग्जाम पर पेपर लीक का ज्यादा असर नहीं पाया गया। बताया जा रहा है कि इस बारे में आधिकारक घोषणा आज शाम तक हो जाएगी। यह खबर दसवीं का एग्जाम दे चुके करीब 17 लाख उन छात्रों के लिए काफी खुशी लेकर आई है, जो अपने मैथ्स के दोबारा होने वाले एग्जाम को लेकर तनाव और असमंजस की स्थिति में थे।
"Consequent to the preliminary evaluation of the impact of reportedly leaked CBSE class 10 maths paper & keeping in mind the paramount interest of students, CBSE has decided not to conduct re-examination even in the states of Delhi NCR and Haryana." https://t.co/r6n8PAfVbW
— The Hindu (@the_hindu) April 3, 2018
इस दौरान सीबीएसई बोर्ड को दसवीं और बारहवीं के पेपर लीक को लेकर लोगों की काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है। आपको बता दें कि बारहवीं के इकोनॉमिक्स और दसवीं के मैथ्स के पेपर लीक होने के बाद सीबीएसई ने इन पेपर्स को दोबारा करवाने की घोषणा की थी, जिसमें बारहवीं का इकोनॉमिक्स का पेपर 25 अप्रैल को होना निश्चित हुआ है जबकि दसवीं के छात्र अब तक मैथ्स के एग्जाम की तिथि की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं।
उधर दिल्ली हाईकोर्ट की एक बेंच ने सीबीएसई से पूछा है कि दसवीं के मैथ्स पेपर को दोबारा करवाने के लिए छात्र जुलाई तक का इंतजार कैसे कर सकते हैं। दो अप्रैल को हुई सुनवाई में कोर्ट ने पाया कि यह बच्चों के एकेडमिक साल की बर्बादी और साथ ही उनके सिर पर एग्जाम की तलवार लटकाए रखने की बात होगी। इसके जवाब में सीबीएसई ने कहा कि इस बारे में अब तक कोई निर्णय नहीं किया गया है कि दसवीं का मैथ्स का एग्जाम दोबारा लिया जाएगा या नहीं, क्योंकि अभी यह तय नहीं हो सका है कि यह लीक पूरे देश में हुआ है या यह दिल्ली- हरियाणा तक ही सीमित था।
इसपर कोर्ट ने सीबीएसई से 16 अप्रैल तक इस पर अंतिम निर्णय लेने और कोर्ट को बताने के लिए कहा, क्योंकि दसवीं क्लास का यह समय भी काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि उन्हें अपने रिजल्स के आधार पर ही यह तय करना होता है कि आगे ग्यारहवीं में उन्हें कौन से विषय लेने हैं। कोर्ट की यह सुनवाई के जनहित याचिका पर की जा रही थी, जिसमें जुलाई में दोबारा पेपर होने को चुनौती दी गई थी।
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