जैसा कि हम सब जानते हैं कि हमारी लाइफस्टाइल अब पहले जैसी नहीं रही। कई सारे फायदों के साथ हमें ऐसी कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है जो हमारे डेली रुटीन को इफेक्ट कर रही है। आमतौर पर बहुत सी महिलाओं को पीरियड लेट आने की समस्या होती है लेकिन ऐसा बार-बार होना या लंबे समय तक न आना सही नहीं है। हर महिला को पता होता है कि उसके पीरियड्स महीने के किस तारीख को होंगे। क्योंकि अक्सर पीरियड साइकिल 28 दिन का होता है, 28 या 30 दिन के बाद फिर से पीरियड्स आते हैं। वहीं जब 28-30-40 दिन हो जाते हैं और उसके बाद भी पीरियड्स नहीं आते हैं तो परेशान होना स्वाभाविक है। लेकिन इसके लिए घबराने की जरूरत नहीं है। प्रेगनेंसी के अलावा पीरियड्स में देरी होने के कुछ सामान्य कारण भी हो सकते हैं.आइए जानते हैं कि कौन से हैं वो कारण –
1. स्ट्रेस या डेली रुटीन में बदलाव
अचानक से डेली रुटीन में बदलाव आने या फिर किसी बात को लेकर मेंटल स्ट्रेस की वजह से भी पीरियड साइकिल गड़बड़ा जाता है। वर्किंग वुमन के साथ ये समस्या ज्यादा दिखाई देती है। क्योंकि उन्हें ऑफिस के प्रेशर के साथ घर की जिम्मेदारियों का भी स्ट्रेस होता है। सही से नींद न पूरी होने व चिड़चिड़ेपन का असर पीरियड्स पर भी पड़ता है।
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2. मोटापा और शरीर में भारीपन
अगर आपका वजन सामान्य से ज्यादा है या कुछ दिनों से आप शरीर में भारीपन और खुद को फैटी फील कर रहे हैं तो आप मोटापे की गिरफ्त में हैं। और पीरियड्स लेट होने का एक कारण वजन का बढ़ना भी है। दरअसल वजन बढ़ने के कारण शरीर के हॉर्मोन्स सही तरीके से काम नहीं कर पाते जिसकी वजह से पीरियड्स ना आना या लेट होने की समस्या हो जाती है।
3. पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS)
पीरियड्स लेट आने का एक कारण पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) भी हो सकता है। बदलते लाइफस्टाइल के चलते महिलाओं में होने वाली एक तरह की हॉर्मोनल गड़बड़ी है। यह समस्या होने पर चेहरे व छाती पर बाल उगने लगते हैं और वजन भी बढ़ने लगता है। आजकल कम उम्र में ही महिलाएं इस बीमारी की शिकार हो रही हैं। इसके लिए जल्द से जल्द डॉक्टरी सलाह लेना बेहद जरूरी है, नहीं तो इस समस्या के चलते हेयर फॉल, शुगर, बच्चा ना होना और दिल के रोग भी हो सकते हैं।
4. थायरॉइड और क्रोनिक समस्या भी है जिम्मेदार
अगर किसी महिला को थायरॉइड की समस्या है तब भी पीरियड्स मिस हो सकते हैं। ऐसे में थायरॉइड ग्रंथि का ज्यादा काम करना या कम हार्मोन्स बनाना महिला के शरीर पर विपरीत प्रभाव डालता है। वहीं दूसरी तरफ कोई भी क्रोनिक समस्या हो जैसे लंबे समय तक लीवर या किडनी की समस्या, तब भी पीरियड्स देरी से आते हैं ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होता है।
5. असंतुलित हार्मोन्स के कारण
बदलती लाइफस्टाइल से सबसे ज्यादा बदलाव शरीर के हार्मोन्स में आता है जिस वजह से महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनमें से एक अनिमियत पीरियड्स का होनी भी है। दरअसल शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का असंतुलन होने पर भी पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। इससे कई बार 2 महीने या इससे भी ज्यादा समय के बाद पीरियड्स आते हैं।
6. अचानक हुआ वेट लॉस
फिटनेस को लेकर आजकल ज्यादातर महिलाएं डाइटिंग का सहारा लेती हैं और खाना-पीना छोड़ देती है। जिसकी वजह से उनके शरीर को जरूरी न्यूट्रीशन नहीं मिल पाता। और तेजी से वजन कम होने लगता है इसका बुरा असर एस्ट्रोजन हार्मोन्स पर भी पड़ता है। जिससे पीरियड्स मिस होने की समस्या आने लगती है। वहीं कुछ महिलाओं के पीरियड्स पूरे साल ही बंद रहते हैं और ऐसा जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने से होता है।
7. गर्भनिरोधक दवाइयों के सेवन से
गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से या एक साल से ज्यादा समय ये गोलियां लेने की वजह से भी पीरियड्स तीन से चार महीने तक लेट हो जाते हैं या एकदम हल्के भी हो सकते हैं। लेकिन ऐसे में ये समस्या ज्यादा लंबे समय तक नहीं रहती है।
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8. इन चीजों के बहुत ज्यादा सेवन से
बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि कुछ खाने-पीने में भी ऐसी चीजें है जिसके लगातार सेवन करने से भी पीरियड्स अक्सर लेट हो जाते हैं। जैसे कि – एल्कोहल यानि कि शराब, सिगरेट, बहुत अधिक सोडा, कैफीन, मीठी चीजें भी जिम्मेदार हैं। अगर हो सकें तो इन चीजों को अपनी रूटीन लाइफ में कम स्पेस दें या फिर इन्हें इग्नोर करने में ही समझदारी है।
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