जिंदगी का पहला सेक्स किसी एम्यूजिंग राइड से कम नहीं होता। दिमाग में कई तरह के ख्याल आते हैं और हम कभी खुश होते हैं तो कभी उलझ जाते हैं। सामान्यतः सेक्स के बाद हम एक नई दुनिया में प्रवेश करते हैं जो पुरानी वर्जिन दुनिया से अलग होती है। जब आप पहली बार सेक्स के लिए तैयार होती हैं तो ज़्यादातर लोग आपको ये सलाह देंगे कि अपने सच्चे प्रेमी या पति के लिए इसे बचाये रखें, लेकिन शायद ही कोई ऐसा हो जो आपको ये बातें बताए।
ये आपकी जाति, धर्म, माँ-बाप, साथी या समाज की नहीं है। वर्जिनिटी से जुड़े सभी फैसले सिर्फ आपके हैं। इसे अपना अधिकार समझें।
आप इसे किसी भी उम्र में खो सकती हैं– 19 या 39.. इसका निर्णय सिर्फ आपके हाथों में है। हमारी सलाह है कि आप कानूनी तौर पर बालिग होने का इंतज़ार करें ताकि आप परिस्थितियों को बेहतर समझ सकें जिससे बाद में पछताने की नौबत न आए।
सेक्स, जिंदगी की एक्साइटमेंट और उत्साह दोनों हो सकता है। सिर्फ इस दबाव में ये कभी न करें कि आपके साथ वाले सभी लोगों ने किया है और ये ‘कूल’ है। अपने दोस्तों की बातों में आकर इसे ‘ट्रेंड’ या ‘फैशन’ न समझें और न ही इसे सोशल क्रेडिट का सवाल बनाएं। दबाव में आकर सेक्स कभी न करें – पहली बार नहीं, किसी बार नहीं।
सेक्स आपकी परिभाषा तय नहीं करता, ये न तो आपका इंट्रो है और न ही आपका कैरेक्टर-स्केच बनाता है। आप शादी से पहले सेक्स करें या शादी का इंतज़ार करें, आपकी मर्ज़ी है। सेक्स करना गलत या सही नहीं है। सभी के अपने फैसले हो सकते हैं।
बहुत लोग ऐसे भ्रम पालकर बैठे हैं कि आप वर्जिन हैं, इसका मतलब आप प्योर हैं। वर्जिनिटी, आपकी प्योरिटी यानी शालीनता मापने का कोई पैमाना नहीं है और न ही सेक्स करने से कोई दोष लगता है या धर्म भ्रष्ट होता है। सेक्स करने से आप गंदे नहीं हो सकते, फिर चाहें आप शादी के पहले सेक्स करें या बाद में।
एक और बड़ा भ्रम है कि सेक्स की इच्छा मुख्यतः पुरुष ही रखते हैं। लेकिन सच यह है कि इसे एंजॉय करना आपका भी अधिकार है। इसे हमेशा पुरुषों के प्लेज़र और खुशी से जोड़कर न देखें। ये आपके साथी के साथ आपके लिए भी उतना ही रोमांचक होना चाहिए न कि कोई परेशानी या समझौता नहीं।
आपने क्या, कैसे और किसके साथ किया है इस पर सभी की अपनी राय हो सकती है। दूसरों की राय को खुद पर हावी न होने दें। अपने को लेकर गिल्टी न फ़ील करें।
ऐसा ज़रूरी नहीं है कि आपका हायमेन सुरक्षित हो और पहली बार सेक्स के दौरान ब्लीडिंग हो। कई बार खेल-कूद के दौरान या अधिक एक्सरसाइज़ करने से भी हायमेन टूट जाता है, इसलिए हायमेन के होने या न होने से वर्जिनिटी का कोई सरोकार नहीं। हायमेन तोड़ने के कई तरीके हैं, सेक्स उनमें से एक है, एकमात्र नहीं।
ध्यान रहे कि आप अपने साथी के साथ कम्फ़र्टेबल फ़ील किये बिना ऐसा कुछ न करें जिससे किसी भी तरह की उलझन पैदा हो। खुद को और अपने साथी को अच्छी तरह समझ लें। ऐसा न हो कि आपकी प्रीवेसी को वह अपनी सक्सेस- स्टोरी बनाकर सभी को सुनाए। सब कुछ जांचने-परखने के बाद ही सेक्स सुनिश्चित करें।
हो सकता है आपका साथी ये कहे कि कंडोम के साथ वो उतना कम्फ़र्टेबल महसूस नहीं करता क्योंकि पूरा एंजॉय नहीं कर पाता, पर यहाँ आपकी चॉइस पहली होनी चाहिए। जब बात हो प्रोटेक्शन यानि सुरक्षा की, तो बिल्कुल भी संकोच न करें। यहां बात प्रेग्नेंसी की नहीं, सेक्स के दौरान होने वाले इंफ़ेक्शन की भी है। अगर आपने पिल्स ली हैं, तो भी कंडोम को अनिवार्य मानिये।
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