जिंदगी में सफल बनने के लिए आपके अंदर बहुत सी खूबियां होनी चाहिए। इनमें से एक है आपका स्ट्रॉन्ग होना। लाइफ में कमजोर लोग लोकप्रियता और सफलता हासिल नहीं कर पाते, इसीलिए हम आपको बताना चाहते हैं कि आपको क्या- क्या बातें अपनानी चाहिए, ताकि आप अपनी पर्सनैलिटी को स्ट्रॉन्ग बना सकें।
सफल और स्ट्रॉन्ग बनने के लिए सबसे जरूरी होती है निर्णय क्षमता का होना। और अगर आपके अंदर अपना निर्णय स्वयं लेने की क्षमता है तो आपको अपने इस निर्णय को अंत तक निभाना भी आना ही चाहिए। कुछ भी हो, चाहे कोई कितना भी दबाव दे, अपने निर्णय को बदलना नहीं चाहिए। अगर आपने दूसरों के दबाव में निर्णय बदलते रहते हैं तो आप कभी भी स्ट्रॉन्ग नहीं बन सकते।
बहुत से लोग दूसरों की भावनाओं को इतना ज्यादा सम्मान देने लगते हैं कि अपनी भावनाओं की कद्र करना भूल जाते हैं। आपको हमेशा अपनी भावनाओं को सबसे बड़ी प्राथमिकता में रखना चाहिए । ऐसे में अगर कोई दूसरा, चाहे वह आपका पार्टनर ही क्यों न हो, कोई ऐसी बात कह रहा हो, जिससे आप सहमत नहीं हैं, तो आपको मधुर शब्दों में यानि सॉफ्टली अपनी बात कह देनी चाहिए कि आप उनकी बात से सहमत नहीं हैं और जो काम करने के लिए वह कह रहे हैं, आप वह नहीं कर सकतीं।
अक्सर लोग दूसरों को खुश रहने के लिए खुद दुखी होना स्वीकार कर लेते हैं, जो बिलकुल गलत है। दरअसल अगर आप ही खुश नहीं रहेंगे तो दूसरों को खुश कैसे रख पाएंगे। इसलिए सबसे पहले अपनी खुशी आती है और फिर उसके बाद आपके अपनों की खुशी। कभी भी दूसरों की खुशी के लिए अपनी खुशी को न्यौछावर न करें, तभी आप सफल और स्ट्रॉन्ग बन सकेंगी और तभी आप स्वयं अपनी वैल्यू भी कर पाएंगी।
अगर आपने पूरी तरह से सोच- समझकर कोई डिसीज़न यानि निर्णय किया है तो अपने उस निर्णय का पूरा सम्मान करें और उसके जो भी नतीजे हों, उन्हें खुशी- खुशी स्वीकार करें। अगर इसके नतीजे पॉजिटिव हुए तब तो आपके साथ आपके सभी शुभचिंतक भी इन नतीजों से खुश होंगे और उन्हें स्वीकार करेंगे, लेकिन अगर यह नतीजे कभी नकारात्मक भी हुए, तब इन्हें भविष्य के लिए सीख मानकर स्वीकार करें, यही आपकी सफलता और स्ट्रॉन्गनेस की पहचान होगी, क्योंकि ऐसा समय सभी की जिंदगी में आता है, जब आपको आपका कोई निर्णय भारी पड़ जाता है। लेकिन यही बातें जिंदगी के लिए सीख साबित होती हैं और आपको आगे बढ़ने में सहायक सिद्ध होती हैं।
हमारे समाज में खासतौर पर लड़कियां अपने घरवालों यानि अपने माता-पिता और शादी के बाद अपने ससुराल और अपने पति की बातों का बहुत खयाल रखती हैं। अगर माता- पिता या पति आपका साथ दें भी तो समाज आपकी इच्छाओं के आडे़ आ जाता है। हालांकि यह समाज यानि दूसरे लोग अक्सर यह जानना भी नहीं चाहते कि आप क्या करना चाहती हैं और आपकी इच्छाएं क्या हैं। ऐसे में अगर आप अपना व्यक्तित्व मजबूत बनाना चाहती हैं तो आपको दूसरों, खासतौर पर समाज के लोगों की राय की परवाह किये बिना अपने मन की करनी चाहिए। आपको जो करना पसंद हो, वही करना जिंदगी को खुशियों से भर देता है।
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