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होने वाली दुल्हन के लिए 5 खास तरह की मसाज थेरैपीज़

होने वाली दुल्हन के लिए 5 खास तरह की मसाज थेरैपीज़

मसाज थेरैपी व्यक्ति के मस्तिष्क और शरीर को पुनर्जीवित कर तनाव कम करने में मदद करती है। मसाज थेरैपी शरीर में टिश्यूज़ के परिसंचरण, ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्वों में सुधार कर बॉडी को रिलेक्स करने में मददगार होती है। यह प्रभावी ढंग से मसल्स के तनाव और दर्द को कम करके शरीर के लचीलेपन और गतिशीलता को बढ़ाती है और मसल्स और जोड़ों की जकड़न को कम करने के लिए लैक्टिक एसिड और अन्य अपशिष्ट को समाप्त करती है। इसके अलावा मसाज थेरेपी बॉडी के इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। शरीर को सुडौल बनाने, दर्द कम करने, थकान मिटाने और तनाव कम करने जैसे कई गुणों से भरी मसाज थेरैपी के अनेक रूप आजकल लोकप्रिय हो रहे हैं। सिररदर्द, अर्थराइटिस, तनाव जैसी बीमारियों से बचने के लिए मसाज थेरेपी करानी चाहिए। यहां सवाधी ट्रैडीशनल थाई स्पा, वसंत कुंज, नई दिल्ली की डायरेक्टर विभा रस्तोगी होने वाली दुल्हन के लिए 5 खास तरह की मसाज थेरैपीज़ के बारे में बता रही हैं।

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1. डीप टिश्यु मसाज (60 मिनट से 90 मिनट)

यह मसाज आपकी मसल्स के डीप रिलेक्सेशन के लिए की जाती है। इससे आपकी मोबिलिटी बढ़ती है और मसल क्रेंप्स से आराम मिलता है। इसमें बॉडी को मीडियम से स्ट्रॉन्ग प्रेशर दिया जाता है। यह मसाज थेरैपी मसल्स की डीप लेयर्स और टिश्यूज़ पर फोकस करती है। यह गर्दन, लोअर बैक और शोल्डर्स के क्रॉनिक टेंशन दूर करने में मददगार है। इसमें डीप प्रेशर और स्लो मूवमेंट के साथ क्लासिक मसाज स्ट्रोक्स का इस्तेमाल किया जाता है।

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2. एरोमैटिक बॉडी ब्लिस मसाज (60 मिनट से 90 मिनट)

यह कस्टमाइज्ड एरोमैटिक मसाज माइंड बैलेंसिंग, बॉडी रिलेक्सेशन के लिए हल्के प्रेशर के साथ की जाती है। इस  मनभावन मसाज ट्रीटमेंट में प्राकृतिक एरोमैटिक ऑयल्स को ध्यानपूर्वक ब्लेन्ड किया जाता है ताकि आपकी बॉडी के चार एलीमेंट्स का बैलेंस हो सके। इसकी मदद से आपकी बॉडी को वापस इक्विलिब्रियम की स्थिति में यानि सही बैलेंस में लाया जाता है।

3.लोटस सिग्नेचर मसाज (90 मिनट)

इस मसाज थेरैपी से आपकी इनर्जी लाइन्स यानि ब्लड सर्कुलेशन को सही किया जाता है। इसमें मीडियम प्रेशर और हॉट कम्प्रेस की मदद ली जाती है। इस ब्लिसफुल सिग्नेचर मसाज थेरैपी में वेस्टर्न टेक्नीक को ईस्टर्न फिलोसफी के साथ कम्बाइन किया जाता है। इसमें कुछ प्रेशर पॉइन्ट्स पर प्रेशर देने के साथ-साथ स्वीडिश मसाज टेक्नीक का भी समावेश होता है, ताकि ब्लॉक्ड इनर्जी रिलीज़ हो सके और बॉडी का सही बैलेंस बन सके। हॉट हर्बल कम्प्रेस के प्रयोग से चोट, मोच, जोड़ों में स्टिफनेस में आराम मिलता है और ब्लड सर्कुलेशन में तेज़ी आती है।

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4. थाई ट्रैडीशनल मसाज (60 मिनट से 90 मिनट)

थाी ट्रैडीशनल मसाज में बॉडी स्ट्रैचिंग की जाती है जिससे मसल टेंशन कम होता है। यह एक तरह की ड्राय मसाज है जिसमें तेल का बिलकुल इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसमें काफी तेज़ प्रेशर और स्ट्रैचिंग के साथ मसाज की जाती है। यह समाज मसल्स की स्ट्रैचिंग और बिना किसी दर्द या परेशानी के 10 इनर्जी लाइन्स का नेचुरल फ्लो बनाने पर फोकस करती है। साथ ही डीप रिलैक्सेशन की फीलिंग भी देती है। अगर इसे बॉडी पर हर्बल बाम की एप्लीकेशन के साथ कम्बाइन किया जाए तो यह बॉडी की रेस्टोरिंग क्षमता को भी बढ़ाती है और यही ट्रैडीशनल थाई हीलिंग थेरैपी का सिद्धांत है।

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5. स्पोर्ट्स मसाज (60 मिनट से 90 मिनट)

इस थेरैपी में बॉडी स्ट्रेचिंग के साथ ऑयल मसाज की जाती है। इससे बॉडी को काफी रिलेक्सेशन मिलता है क्योंकि इसमें स्ट्रॉन्ग प्रेशर दिया जाता है। आमतौर पर यह थेरैपी हर तरह के स्पोर्ट्स खेलने वालों को दी जाती है, चाहे वो वर्ल्ड क्लास प्रोफेशनल हो, रेगुलर जिम यूज़र हो या फिर वीकेंड जॉगर। यह बॉडी के उन एरियाज़ पर फोकस करती है जो बार- बार किये जाने वाले एग्रेसिव मूवमेंट्स के कारण ओवर यूज़ या ओवर स्ट्रेच्ड हो जाते हैं। इस थेरैपी से दर्द, चोट में आराम मिलता है और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। मसल्स रिलेक्स होती हैं, थकान दूर होती है और तनाव से राहत मिलती है।

04 Dec 2017

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