कई लोग शांत रहना पसंद करते हैं। उन्हें लोगों से ज़्यादा घुलना-मिलना या घूमना-फिरना पसंद नहीं होता है। वे अपने एक या दो दोस्तों में ही अपनी पूरी दुनिया बसा लेते हैं। ऐसे लोगों को इंट्रोवर्ट यानि कि अंतर्मुखी कहा जाता है। इन्हें सीक्रेट डायरी भी माना जाता है, ये किसी से ज़्यादा बात नहीं करते हैं इसलिए किसी के सीक्रेट्स इधर से उधर करने का तो सवाल ही नहीं उठता। अगर आपके फ्रेंड सर्कल में भी कोई ऐसा है तो आप बहुत लकी हैं। ये अकेले रहना पसंद करते हैं पर ध्यान रखें कि कभी-कभी इन्हें भी किसी के साथ की ज़रूरत हो सकती है। जानें अपने इंट्रोवर्ट (introvert) फ्रेंड की ये खास बातें।
इनके फोन में मिस्ड कॉल्स और सोशल मीडिया के नोटिफिकेशंस होना बिलकुल आम बात है। ये बेहद अर्जेंट कॉल्स ही रिसीव करते हैं। ऐसे में इनसे नाराज़ होने या इन्हें घमंडी समझने के बजाय उन्हें एक मैसेज कर अपनी बात बता दें।
ये ग्रुप आउटिंग्स के बजाय घर में रहना ज़्यादा पसंद करते हैं। ऐसा नहीं है कि ये घर से बिलकुल निकलते ही नहीं, ये भी घूमते हैं, मूवीज़ देखते हैं पर गिनती के सिर्फ उन्हीं लोगों के साथ, जिनके साथ ये बहुत कंफर्टेबल हों। ये सोशल मीडिया पर भी बहुत एक्टिव नहीं रहते।
पार्टीज़ तो इनके लिए बिग नो-नो होती हैं। वहां की भीड़ और शोर-शराबा हैंडल करना इनके बस की बात नहीं है। अगर ये कभी किसी पार्टी में नज़र आ जाएं तो समझ जाइएगा कि मेज़बान या इनके साथी में से कोई एक तो बहुत खास है।
ये आपके बड़े-बड़े डायलॉग्स का जवाब एक सिंपल हां/ना में दे सकते हैं। मज़े की बात तो यह है कि ये बहुत अच्छे श्रोता माने जाते हैं। ये आपकी पूरी बात बहुत ध्यान से सुनेंगे, बस कंवर्सेशन की खुद शुरुआत नहीं करेंगे। इनसे कोई बात शेयर कर आप निश्चिंत हो सकते हैं, ये आपका सीक्रेट खुद तक ही रखेंगे।
कई लोगों के साथ कहीं बाहर जाने के बजाय ये सोलो ट्रैवल करना पसंद करते हैं। इनका 2-4 लोगों का अपना जो ग्रुप होता है, ये उसका हिस्सा आसानी से बन सकते हैं, बशर्ते उस ग्रुप में नए मेंबर्स न आए हों।
ये किसी से बात नहीं करते पर इसका यह मतलब भी नहीं है कि ये हमेशा शांत ही रहते हैं। ये हर समय खुद से बातें करते रहते हैं। ये अगर किसी सोच में डूबे नज़र आएं तो बार-बार टोकने के बजाय इनके मी टाइम की रिस्पेक्ट करें।
इन्हें किसी से प्यार हो जाए या ये किसी से नाराज़ हों, इनकी ज़िंदगी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात इनकी डायरी को पता होती है। ये कहने के बजाय अपनी बातों को लिख कर बेहतर स्पष्ट कर पाते हैं। अगर किसी के लिए लेटर लिखवाना हो तो अपने अंतर्मुखी दोस्त की मदद ली जा सकती है।
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