20 वर्ष की उम्र में आपकी पढ़ाई पूरी होने वाली होती है। ऐसे में आपको आपका पूरा करियर या तो अच्छी तरह बना हुआ दिखाई देता है या फिर आप कंप्यूजन में होते हैं कि अब आगे क्या किया जाए ... ऐसे में हम आपको दे रहे हैं कुछ ऐसी आदतें डालने का सुझाव जिनको फॉलो करने से आपका करियर तो अच्छा बनेगा ही, हेल्थ की दृष्टि से भी आप अपनी आगे की जिंदगी में सही बने रहेंगे। और आप 40 की उम्र पर पहुंचेंगे तो आपको पछतावा नहीं होगा कि काश युवावस्था में हमने ऐसा किया होता........
सुबह 5 बजे उठना स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन आप 5 बजे नहीं तो 6 बजे ही उठ लें। इसी तरह से सोने का सही समय है रात को 10.30 बजे का। अगर 10.30 पर संभव न हो तो आप 11 बजे सो जाएं। ऐसा करने से आप पूरे दिन अपने समय को अच्छी तरह से मैनेज कर सकते हैं और कोई भी काम करने के लिए आपके पास समय की कमी भी नहीं होगी।
किसी भी लक्ष्य के प्रति आपके निश्चय को बढ़ावा देती है प्रार्थना यानी प्रेयर। आप आस्तिक हों या नास्तिक, यह प्रार्थना करने का इससे कोई संबंध नहीं है। अगर आप आस्तिक हैं तो ईश्वर से प्रार्थना करें, अगर नास्तिक हैं तो अपने मन में स्वयं से ही इस बात को लेकर निश्चय करें कि आज के दिन आपको क्या करना है। आप अपने जीवन के लक्ष्य, अपने परिवार की सुख-समृद्धि और हेल्थ इत्यादि के लिए भी प्रार्थना कर सकते हैं।
रोजमर्रा में सिर्फ 15 मिनट का व्यायाम आपको फिट रखने के लिए जरूरी है। व्यायाम का मतलब जिम नहीं है, आप सिंपल स्ट्रैचिंग या सुबह-सुबह जॉगिंग करके भी करके फिट रह सकते हैं। इसके बाद कुछ देर आप हरियाली से भरपूर किसी जगह पर मॉर्निंग वॉक करें, क्योंकि इससे ऑक्सीजन की कमी से संबंधित हेल्थ समस्याएं कम होंगी।
रोज आधा घंटा मेडीटेशन करें। इससे आपका फोकस अच्छा होगा और आपकी ब्रेन हेल्थ सही बनी रहेगी। इससे डिप्रेशन और बेचैनी भी कम होगी और कठिन काम आपके लिए आसान हो जाएंगे।
वाकई, अगर आप जिंदगी में कुछ हासिल करना चाहते हैं तो आपको फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया से कुछ दूरी रखनी होगी। यह सभी सोशल साइट्स लोगों को अपनी ओर खींचने के लिए ही बनाई जाती हैं। और युवा वर्ग को यह उनके लक्ष्य से दूर करके डिप्रेशन पैदा करने का काम करती हैं। इससे मेंटल हेल्थ सही रहेगी।
यूं तो आपको रोज कम से कम चार घंटे का समय अपनी पढ़ाई के लिए रखना चाहिए। आप नहीं चाहते कि 40 की उम्र पर जाकर आपको पछताना पड़े तो रोज कम से कम 2 घंटे की पढ़ाई तो बनती ही है।
कुछ भी हो जाए, किसी को गाली न दें। गालियां देने का असर गाली देने वाले पर ही पड़ता है, उस पर नहीं, जिसे गाली दी जा रही है। अगर आप इस बात का ध्यान रखेंगे तो अपने अंदर एक नया इंसान पाएंगे, इससे आपकी ही मानसिक हेल्थ पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
हमेशा दूसरों से सलाह लेना अच्छी बात है। यह जरूरी नहीं है कि आप हर किसी की बात से सहमत हों और उसे मानें। कोई सलाह दे रहा हो तो उससे बहस न करें। वही करें जो आपको सही लगता हो।
अगर आप दूसरों का आदर करेंगे तभी आपको भी आदर मिलेगा। अपने से बड़ों की, अपने पैरेंट्स की रेस्पेक्ट तो सभी करते हैं, आप अपने से छोटों की भी रेस्पेक्ट करें।
जब आप किसी व्यक्ति का स्टेटस देखकर उसके बारे में राय न बनाएं। वो जो कह रहा है, उसे सुनें। क्या पता, उसकी बात कभी आपके काम आ जाए। अगर वह बात काम की न हो तो उसे एक कान से सुनकर दूसरे से बाहर कर दें।
कोई भी और कैसी भी परिस्थिति हो, कभी धूम्रपान और शराब का सेवन न करें। इससे आपके काम करने की क्षमता पर असर पड़ता है और हेल्थ प्रॉब्लम्स पैदा होती हैं।
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