शादी के तमाम रस्मों में एक होती है उंगूठी की रस्म जिसके लिए आजकल अलग से सगाई करते हैं। शादी की अंगूठी या वेडिंग रिंग हमेशा तीसरी उंगली में ही पहनते हैं। यही कारण है कि इसे रिंग फिंगर कहा जाता है। अब हमारे पास तो चार उंगलियां हैं और एक अंगूठा भी है.. फिर अंगूठी इसी उंगली में क्यों? इस पर सभी के अपने-अपने विचार हैं, आइए जानते हैं।
हम उसी उंगली में अंगूठी क्यों पहनते हैं इसके पीछे जो कारण आए दिन अपने दोस्तों से लेकर फिल्मों में सुनते आते हैं वो रोमन धारणा ही है। इसके अनुसार हमारी रिंग फिंगर की veins सीधे हमारे दिल से जुड़ी हैं इसलिए हमारी रिंग फिंगर तीसरी उंगली है। उस समय साइंस ने इतनी तरक्की नहीं की थी इसलिए किसी वैज्ञानिक कारण के पीछे भागना ज़रूरी नहीं समझा गया।
चीनी लोग मानते हैं कि हमारी हर उंगली अलग-अलग रिश्तों पर आधारित है। जैसे अंगूठा पैरेंट्स के लिए, index finger भाई-बहन के लिए, मिडिल फिंगर खुद के लिए, रिंग फिंगर हमसफर के लिए और little finger बच्चों के लिए। तो रिंग फिंगर हमसफर के लिए निर्धारित है इसलिए शादी की रिंग इसी उंगली में पहनते हैं।
फिल्मों में तो रोमन धारणा खूब पॉपुलर है, लेकिन काम तो logic देने से ही बनता है न। तो logic ये है कि हमारी ring finger सबसे कम घिसती है ज़ाहिर है क्योंकि न तो वो किनारे है और न ही सबसे बड़ी है। घर-बाहर के काम करते वक्त और लिखते वक्त भी उंगली का अंगूठी पहनने वाला हिस्सा सेफ रहता है। इसलिए wedding ring इसी उंगली में पहनते हैं। इतनी महंगी ring के साथ रिस्क क्यों लें भला? :D
तीसरी उंगली में ही wedding ring क्यों पहनते हैं ये जानने के लिए देखें ये वीडियो। आप ये experiment खुद भी कर सकती हैं.. Ring fingers को अलग करना सबसे मुश्किल होता है।
फिल्मों में तो रोमन धारणा खूब पॉपुलर है, लेकिन काम तो logic देने से ही बनता है न। तो लॉजिक ये है कि हमारी रिंग फिंगर सबसे कम घिसती है ज़ाहिर है क्योंकि न तो वो किनारे है और न ही सबसे बड़ी है। घर-बाहर के काम करते वक्त और लिखते वक्त भी उंगली का अंगूठी पहनने वाला हिस्सा सेफ रहता है। इसलिए वेडिंग रिंग इसी उंगली में पहनते हैं। इतनी महंगी रिंग के साथ रिस्क क्यों लें भला? :D
तीसरी उंगली में ही वेडिंग रिंग क्यों पहनते हैं ये जानने के लिए देखें ये वीडियो। आप ये एक्सपेरिमेंट खुद भी कर सकती हैं.. रिंग फिंगर्स को अलग करना सबसे मुश्किल होता है।